चूरू. दिव्यांग बच्चों और स्कूलों में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं ने सरहदों पर हमारी रखवाली करने वाले फौजी भाइयों के लिए स्पेशल राखियां तैयार कर उनके लिए सरहदों पर भेजी है.
हम हर त्यौहार अपनों के साथ हंसी खुशी मनाते हैं और यह इसलिए ही संभव है क्योंकि आपकी और हमारी रखवाली करने के लिए देश की सरहदों पर हमारे जवान दिन-रात हमारी हिफाजत कर रहे हैं. रक्षाबंधन के पर्व पर इन जवानों की कलाइयां सूनी ना रहे इसलिए शहर के छोटे छोटे स्कूली बच्चों ने इस रक्षाबंधन को खास बनाने के लिए फौजी भाइयों के लिए स्पेशल राखियां तैयार की है. राखियां चावल के दानों और माचिस की तीलियों और उन छोटी-छोटी चीजों से तैयार की गई है, जो आपके और हमारे घर में आसानी से उपलब्ध हो सकती है.
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इन बच्चों ने इन राखियों को इसलिए खास बना दिया क्योंकि अब इन राखियों में इन मासूमों का प्यार और भावना भी है, जो इन्होंने सरहद पर खड़े उन जवानों के लिए दिया है. इन राखियों को शहर के आपणी पाठशाला के दिव्यांग बच्चों ने तैयार किया.यह वे बच्चे हैं, जो कुछ समय पहले तक भिक्षावृत्ति में लिप्त थे. उसके बाद शहर के सारथी फाउंडेशन व मुस्कान संस्थान से जुड़े युवाओं ने सैनिक कल्याण बोर्ड कार्यलय में पुलिस अधीक्षक से मिल इन बच्चों को सहारा दिया. साथ ही इन बच्चों के लिए सरहदों पर खड़े जवानों के लिए ये राखी बनाने की प्रतियोगिता आयोजित कराई.