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राजस्थान उर्दू बचाओ संघर्ष समिति का धरना चौथे दिन भी जारी, आत्मदाह की चेतावनी

राजस्थान उर्दू बचाओ संघर्ष समिति के बैनर तले चल रहा धरना जिला कलेक्ट्रेट के आगे सोमवार को चौथे दिन भी जारी रहा. वहीं, धरना पर बैठे लोगों ने मांगें नहीं माने जाने पर उग्र प्रदर्शन की चेतावनी दी है.

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Published : Jul 8, 2019, 10:05 PM IST

राजस्थान उर्दू बचाओ संघर्ष समिति का धरना जारी

चूरू. धरने पर बैठे राजस्थान उर्दू बचाओ संघर्ष समिति के सदस्यों ने सोमवार को धरने के चौथे दिन कहा कि अगर सरकार हमारी समय रहते मांगें नहीं मानती है तो हम अनशन पर बैठेंगे. उन्होंने कहा कि विरोध-प्रदर्शन करेंगे और फिर भी हमारी मांग नहीं मानी जाती है तो हम आत्मदाह करेंगे. हम राजस्थान सरकार की उर्दू विरोधी नीतियों के विरुद्ध यह धरना दे रहे हैं.

राजस्थान उर्दू बचाओ संघर्ष समिति का धरना जारी

प्रदेश में उर्दू भाषा के विकास एवं संरक्षण के लिए लंबे समय से राजस्थान उर्दू संघर्ष समिति प्रयासरत है. लेकिन पूर्व सरकार की भांति वर्तमान सरकार का भी उर्दू भाषा के प्रति उदासीन रवैया नजर आ रहा है. जिला कलेक्ट्रेट के आगे 5 जुलाई से धरने पर बैठे राजस्थान उर्दू संघर्ष समिति के इन सदस्यों ने चेतावनी देते हुए कहा कि 5 जुलाई से जिला कलेक्ट्रेट के सामने हम धरना दे रहे हैं. समय रहते राज्य सरकार द्वारा हमारे 11 सूत्री मांग पत्र पर उचित निर्णय नहीं लिया जाता, तो संगठन आंदोलन को और तेज करेगा.

उन्होंने कहा कि इस आंदोलन को प्रदेश स्तर पर एक जन आंदोलन के रूप में पेश किया जाएगा, जिसकी समस्त जिम्मेदारी प्रशासन व राजस्थान सरकार की होगी. 11 सूत्री मांग को लेकर धरने पर बैठे उर्दू संघर्ष समिति के इन सदस्यों की जो मुख्य मांगें हैं वह ये हैं :

  • प्रदेशभर में ग्रेड थर्ड, सेकंड व फर्स्ट के उर्दू विषय के नवीन पद सृजित किए जाएं
  • प्रदेशभर में स्टाफिंग पैटर्न के नाम पर समाप्त किए गए थर्ड ग्रेड, सेकंड ग्रेड व फर्स्ट ग्रेड के उर्दू पदों को पुनः सृजित किए जाएं
  • प्रदेश में नव स्थापित महात्मा गांधी विद्यालयों में उर्दू भाषा के भी पद तुरंत सृजित किए जाएं
  • प्रदेश के समस्त डाइट में उर्दू व्याख्याता के पद सृजित किए जाएं
  • राजस्थान लोक सेवा आयोग द्वारा पूर्व में आयोजित परीक्षा द्वितीय वेतन श्रृंखला उर्दू विषय के 117 पदों को बढ़ाकर न्यूनतम 400 किए जाएं

चूरू. धरने पर बैठे राजस्थान उर्दू बचाओ संघर्ष समिति के सदस्यों ने सोमवार को धरने के चौथे दिन कहा कि अगर सरकार हमारी समय रहते मांगें नहीं मानती है तो हम अनशन पर बैठेंगे. उन्होंने कहा कि विरोध-प्रदर्शन करेंगे और फिर भी हमारी मांग नहीं मानी जाती है तो हम आत्मदाह करेंगे. हम राजस्थान सरकार की उर्दू विरोधी नीतियों के विरुद्ध यह धरना दे रहे हैं.

राजस्थान उर्दू बचाओ संघर्ष समिति का धरना जारी

प्रदेश में उर्दू भाषा के विकास एवं संरक्षण के लिए लंबे समय से राजस्थान उर्दू संघर्ष समिति प्रयासरत है. लेकिन पूर्व सरकार की भांति वर्तमान सरकार का भी उर्दू भाषा के प्रति उदासीन रवैया नजर आ रहा है. जिला कलेक्ट्रेट के आगे 5 जुलाई से धरने पर बैठे राजस्थान उर्दू संघर्ष समिति के इन सदस्यों ने चेतावनी देते हुए कहा कि 5 जुलाई से जिला कलेक्ट्रेट के सामने हम धरना दे रहे हैं. समय रहते राज्य सरकार द्वारा हमारे 11 सूत्री मांग पत्र पर उचित निर्णय नहीं लिया जाता, तो संगठन आंदोलन को और तेज करेगा.

उन्होंने कहा कि इस आंदोलन को प्रदेश स्तर पर एक जन आंदोलन के रूप में पेश किया जाएगा, जिसकी समस्त जिम्मेदारी प्रशासन व राजस्थान सरकार की होगी. 11 सूत्री मांग को लेकर धरने पर बैठे उर्दू संघर्ष समिति के इन सदस्यों की जो मुख्य मांगें हैं वह ये हैं :

  • प्रदेशभर में ग्रेड थर्ड, सेकंड व फर्स्ट के उर्दू विषय के नवीन पद सृजित किए जाएं
  • प्रदेशभर में स्टाफिंग पैटर्न के नाम पर समाप्त किए गए थर्ड ग्रेड, सेकंड ग्रेड व फर्स्ट ग्रेड के उर्दू पदों को पुनः सृजित किए जाएं
  • प्रदेश में नव स्थापित महात्मा गांधी विद्यालयों में उर्दू भाषा के भी पद तुरंत सृजित किए जाएं
  • प्रदेश के समस्त डाइट में उर्दू व्याख्याता के पद सृजित किए जाएं
  • राजस्थान लोक सेवा आयोग द्वारा पूर्व में आयोजित परीक्षा द्वितीय वेतन श्रृंखला उर्दू विषय के 117 पदों को बढ़ाकर न्यूनतम 400 किए जाएं
Intro:चूरू_राजस्थान उर्दू बचाओ संघर्ष समिति के बैनर तले चल रहा धरना जिला कलेक्ट्रेट के आगे सोमवार को चौथे दिन भी रहा जारी मांगे नही माने जाने पर धरनार्थियों ने दी उग्र प्रदर्शन और आत्मदाह की चेतावनी।


Body:चूरू जिला कलेक्ट्रेट के आगे धरने पर बैठे राजस्थान उर्दू बचाओ संघर्ष समिति के इन सदस्यों ने सोमवार को धरने के चौथे दिन कहा अगर सरकार हमारी समय रहते मांगे नही मानती है तो हम अनशन पर बैठेंगे विरोध प्रदर्शन करेंगे और फिर भी हमारी मांग नही मानी जाती है तो हम आत्मदाह करेगे.हम राजस्थान सरकार की उर्दू विरोधी नीतियों के विरुद्ध यह धरना दे रहे हैं.प्रदेश में उर्दू भाषा के विकास एवं संरक्षण के लिए लंबे समय से राजस्थान उर्दू संघर्ष समिति प्रयासरत है मगर पूर्व सरकार की भांति वर्तमान सरकार का भी उर्दू भाषा के प्रति उदासीन रवैया नजर आ रहा है।

जिला कलेक्ट्रेट के आगे 5 जुलाई से धरने पर बैठे राजस्थान उर्दू संघर्ष समिति के इन सदस्यों ने चेतावनी देते हुए कहा 5 जुलाई से जिला कलेक्ट्रेट के सामने हम धरना दे रहे हैं अगर समय रहते राज्य सरकार द्वारा हमारे 11 सूत्री मांग पत्र पर उचित कार्यवाही नहीं की जाती है तो संगठन आंदोलन को तेज करेगा और इस आंदोलन को प्रदेश स्तर पर एक जन आंदोलन के रूप में पेश करेगा जिसकी समस्त जिम्मेदारी प्रशासन व राजस्थान सरकार की होगी।


Conclusion:11 सूत्री मांग को लेकर धरने पर बैठे उर्दू संघर्ष समिति के इन सदस्यों की जो मुख्य मांग है वह ये

प्रदेशभर में ग्रेड थर्ड, सेकंड व फर्स्ट के उर्दू विषय के नवीन पद सृजित किए जाए,

प्रदेशभर में स्टाफिंग पैटर्न के नाम पर समाप्त किए गए थर्ड ग्रेड, सेकंड ग्रेड व फर्स्ट ग्रेड के उर्दू पदों को पुनः सृजित किया जाए,

प्रदेश में नव स्थापित महात्मा गांधी विद्यालयों में उर्दू भाषा के भी पद तुरंत सृजित किया जाए,

प्रदेश के समस्त डाइट में उर्दू व्याख्याता के पद सृजित किए जाएं,

राजस्थान लोक सेवा आयोग द्वारा पूर्व में आयोजित परीक्षा द्वितीय वेतन श्रृंखला उर्दू विषय के 117 पदों को बढ़ाकर न्यूनतम 400 किए जाए



बाईट_शमेशर खा , संयोजक राजस्थान उर्दू संघर्ष समिति
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