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चूरू के लाल को सैन्य सम्मान के साथ दी गई अंतिम विदाई - रोहिताश

चूरू के जसरासर गांव के रहने वाले BSF जवान रोहिताश सिंह का सोमवार को सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया. रोहिताश गुजरात में पोस्टिंग के दौरान लकवाग्रस्त हो गए थे. उसके बाद से ही वे कोमा में थे. जिनका इलाज पिछले तीन साल से AIIMS में चल रहा था. जहां, उन्होंने देर रात 2 अंतिम सांस ली.

सैन्य सम्मान के साथ रोहिताश का अंतिम संस्कार.
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Published : Jun 17, 2019, 9:37 PM IST

चूरू. बीएसफ जवान रोहिताश सिंह का सोमवार को उनके पैतृक गांव जसरासर में सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार कर दिया गया. 48 साल के रोहिताश सिंह, गुजरात में पोस्टिंग के दौरान लकवाग्रस्त हो गए थे. उसके बाद से ही वे कोमा में थे. रोहिताश सिंह का सोमवार को दिल्ली के एम्स अस्पताल में इलाज के दौरान निधन हो गया. बताया जा रहा है कि वे पिछले 3 साल से एम्स अस्पताल में भर्ती थे.

सैन्य सम्मान के साथ रोहिताश का अंतिम संस्कार.

एक भाई सेना में, एक किसान
जवान रोहिताश सिंह के दो छोटे भाई हैं. भाई मोमन सिंह सेना में हैं, जबकि दूसरे भाई किसान हैं, जो खेती का काम करते हैं. वहीं, पिता विगत सिंह भी किसान हैं. जवान के दो बेटे हैं, बड़े रविंद्र सिंह शादीशुदा हैं तो वहीं, छोटे दीपेंद्र सिंह अविवाहित हैं.

ग्रामीणों ने लाल को दी श्रद्धांजिल
जवान रोहिताश सिंह को अंतिम विदाई देते समय हर ग्रामीण की आंख नम हो गई. खासकर उनके हम उम्र दोस्तों के चेहरे पर उदासी छा गई. अंत्येष्टि के दौरान जिला प्रमुख हरलाल सहारण, भाजपा नेता विक्रम सिंह कोटवाद और रतननगर थाना प्रभारी रायसिंह सहित अनेक ग्रामीण और जनप्रतिनिधि मौजूद थे.

18 साल में हो गए थे BSF में भर्ती
रोहिताश ने अपने गांव जसरासर के सरकारी स्कूल में पढ़ाई की थी. बचपन से देश सेवा के लिए सेना में जाने का जज्बा रखने वाले रोहिताश इसी कारण महज 18 साल की आयु में ही बीएसएफ ज्वॉइन कर ली थी. लकवा ग्रस्त होने और कोमा में जाने से पहले देश के विभिन्न स्थानों पर इनकी पोस्टिंग रही. वे गांव के युवाओं को सेना और पुलिस में जाने के लिए प्रेरित करते थे.

गार्ड ऑफ ऑनर देने आई टीम के प्रभारी बीएसएफ के सब इंस्पेक्टर बलवान सिंह ने बताया कि जवान रोहिताश कुछ समय से बीमार थे. सोमवार को देर रात 2 बजे उन्होंने दिल्ली के एम्स अस्पताल में आखिरी सांस ली. उन्होंने जज्बे के साथ बीएएसएफ में काम किया.

चूरू. बीएसफ जवान रोहिताश सिंह का सोमवार को उनके पैतृक गांव जसरासर में सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार कर दिया गया. 48 साल के रोहिताश सिंह, गुजरात में पोस्टिंग के दौरान लकवाग्रस्त हो गए थे. उसके बाद से ही वे कोमा में थे. रोहिताश सिंह का सोमवार को दिल्ली के एम्स अस्पताल में इलाज के दौरान निधन हो गया. बताया जा रहा है कि वे पिछले 3 साल से एम्स अस्पताल में भर्ती थे.

सैन्य सम्मान के साथ रोहिताश का अंतिम संस्कार.

एक भाई सेना में, एक किसान
जवान रोहिताश सिंह के दो छोटे भाई हैं. भाई मोमन सिंह सेना में हैं, जबकि दूसरे भाई किसान हैं, जो खेती का काम करते हैं. वहीं, पिता विगत सिंह भी किसान हैं. जवान के दो बेटे हैं, बड़े रविंद्र सिंह शादीशुदा हैं तो वहीं, छोटे दीपेंद्र सिंह अविवाहित हैं.

ग्रामीणों ने लाल को दी श्रद्धांजिल
जवान रोहिताश सिंह को अंतिम विदाई देते समय हर ग्रामीण की आंख नम हो गई. खासकर उनके हम उम्र दोस्तों के चेहरे पर उदासी छा गई. अंत्येष्टि के दौरान जिला प्रमुख हरलाल सहारण, भाजपा नेता विक्रम सिंह कोटवाद और रतननगर थाना प्रभारी रायसिंह सहित अनेक ग्रामीण और जनप्रतिनिधि मौजूद थे.

18 साल में हो गए थे BSF में भर्ती
रोहिताश ने अपने गांव जसरासर के सरकारी स्कूल में पढ़ाई की थी. बचपन से देश सेवा के लिए सेना में जाने का जज्बा रखने वाले रोहिताश इसी कारण महज 18 साल की आयु में ही बीएसएफ ज्वॉइन कर ली थी. लकवा ग्रस्त होने और कोमा में जाने से पहले देश के विभिन्न स्थानों पर इनकी पोस्टिंग रही. वे गांव के युवाओं को सेना और पुलिस में जाने के लिए प्रेरित करते थे.

गार्ड ऑफ ऑनर देने आई टीम के प्रभारी बीएसएफ के सब इंस्पेक्टर बलवान सिंह ने बताया कि जवान रोहिताश कुछ समय से बीमार थे. सोमवार को देर रात 2 बजे उन्होंने दिल्ली के एम्स अस्पताल में आखिरी सांस ली. उन्होंने जज्बे के साथ बीएएसएफ में काम किया.

Intro:चूरू। बीएसएफ जवान रोहिताश सिंह का सोमवार को उनके पैतृक गांव जसरासर में सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार कर दिया गया। 1988 में बीएसएफ में भर्ती हुए 48 साल के रोहिताश सिंह के गुजरात पोस्टिंग के दौरान लकवाग्रस्त हो गए थे। उसके बाद से ही वे कोमा में थे। रोहिताश सिंह का सोमवार को दिल्ली के एआईआईएमएस अस्पताल में इलाज के दौरान निधन हो गया। वे पिछले 3 साल से ज्यादा समय से भी एआईआईएमएस में भर्ती थे। परिवार में पिता विगत सिंह, मा राय कंवर,पत्नी संजू कंवर, बेटे रविंद्र सिंह, रविंद्र की पुत्रवधू, छोटा बेटा दीपेंद्र सिंह है।


Body:एक भाई सेना में है, एक किसान
जवान रोहिताश सिंह के दो छोटे भाई है। भाई मोमन सिंह सेना में जबकि दूसरे देश में खेती का काम करते हैं। पिता विगत सिंह किसान हैं। जवान के दो बेटे हैं बड़े रविंद्र सिंह शादीशुदा हैं छोटे दीपेंद्र सिंह अविवाहित हैं।
ग्रामीणों ने लाल को दी अश्रुपूरित विदाई
जवान रोहिताश सिंह को अंतिम विदाई देते समय हर ग्रामीण की आंख नम हो गई। खासकर उनके हमउम्र दोस्तों के चेहरे पर उदासी छा गई। अंत्येष्टि के दौरान जिला प्रमुख हरलाल सहारण, भाजपा नेता विक्रम सिंह कोटवाद व रतननगर थाना प्रभारी रायसिंह सहित अनेक ग्रामीण और जनप्रतिनिधि मौजूद थे।




Conclusion:18 वर्ष की आयु में बीएसएफ भर्ती हो हुए
रोहिताश ने अपने गांव जसरासर के सरकारी स्कूल में पढ़ाई की थी। बचपन से देश सेवा के लिए सेना में जाने का जज्बा रखने वाले रोहिताश इसी कारण महज 18 साल की आयु में ही बीएसएफ जॉइन करली थी। लकवा ग्रस्त होने व कोमा में जाने से पहले देश के विभिन्न स्थानों पर इनकी पोस्टिंग रही। वे गांव के युवाओं को सेना व पुलिस में जाने के लिए प्रेरित करते थे।
बाईट: बलवान सिंह, सब इंस्पेक्टर, बीएएसएफ।
जवान किसी ने समान से होने वाली अंत्येष्टि में गार्ड ऑफ ऑनर देने आई टीम के प्रभारी बीएसएफ के सब इंस्पेक्टर बलवान सिंह ने बताया कि जवान रोहिताश कुछ समय से बीमार थे। सोमवार को सुबह 2 बजे उन्होंने दिल्ली के एम्स अस्पताल में आखिरी सांस ली। उन्होंने जज्बे के साथ बीएएसएफ में काम किया।
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