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अनोखी शादीः चूरू में नव दंपति ने लिए 8 फेरे, अंतिम फेरा पर्यावरण संरक्षण के लिए - राजस्थान खबर

चूरू के रतनगढ़ तहसील के गांव बीरमसर में एक नव दम्पत्ति ने आठ फेरे लेकर एक मिसाल पेश की है. यह आठवां फेरा पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देने और उसकी सुरक्षा करने के लिए लिया.

चूरू अनोखी शादी,  Churu news
र्यावरण के नाम लिया आठवां फेरा
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Published : Feb 10, 2020, 5:42 PM IST

रतनगढ़ (चूरू ). अमूमन नव दम्पत्ति शादी करते वक्त एक-दूसरे का साथ निभाने के लिए सात फेरे लेते हैं, लेकिन बीरमसर गांव में लोग एक ऐसी अनोखी शादी के साक्षी बने, जहां वर-वधु ने आठ फेरे लिए. यह आठवां फेरा उन्होंने पर्यावरण की सुरक्षा करने के लिए लिया. इस अनोखी शादी में लड़की पक्ष ने शादी की रश्मों में पौधों और पर्यावरण संरक्षण को प्राथमिकता दी. साथ ही बारातियों को भी पौधे सौंपकर लड़की की विदाई की गई और नव वर-वधु ने पर्यावरण संरक्षण का संकल्प लिया.

र्यावरण के नाम लिया आठवां फेरा

पढ़ें- चूरू : कुई खोदते समय हादसा, मिट्टी धंसने से दबे किसान ने दम तोड़ा

जानकारी अनुसार बीरमसर निवासी चेतन सैनी की पुत्री डिम्पल की शादी चूरू निवासी जगदीश सैनी के पुत्र मुकेश सैनी के साथ हुई. मंच पर वर-वधु ने एक दूसरे को वरमाला पहनाने के साथ ही एक दूसरे को पौधे भेंट कर पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया. समर्पण संस्थान के अध्यक्ष विरेन्द्र सैन ने बताया कि पिछले पांच साल से संस्थान ने क्षेत्र में पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए कार्य कर रही हैं और आगे भी करते रहेंगे.

रतनगढ़ (चूरू ). अमूमन नव दम्पत्ति शादी करते वक्त एक-दूसरे का साथ निभाने के लिए सात फेरे लेते हैं, लेकिन बीरमसर गांव में लोग एक ऐसी अनोखी शादी के साक्षी बने, जहां वर-वधु ने आठ फेरे लिए. यह आठवां फेरा उन्होंने पर्यावरण की सुरक्षा करने के लिए लिया. इस अनोखी शादी में लड़की पक्ष ने शादी की रश्मों में पौधों और पर्यावरण संरक्षण को प्राथमिकता दी. साथ ही बारातियों को भी पौधे सौंपकर लड़की की विदाई की गई और नव वर-वधु ने पर्यावरण संरक्षण का संकल्प लिया.

र्यावरण के नाम लिया आठवां फेरा

पढ़ें- चूरू : कुई खोदते समय हादसा, मिट्टी धंसने से दबे किसान ने दम तोड़ा

जानकारी अनुसार बीरमसर निवासी चेतन सैनी की पुत्री डिम्पल की शादी चूरू निवासी जगदीश सैनी के पुत्र मुकेश सैनी के साथ हुई. मंच पर वर-वधु ने एक दूसरे को वरमाला पहनाने के साथ ही एक दूसरे को पौधे भेंट कर पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया. समर्पण संस्थान के अध्यक्ष विरेन्द्र सैन ने बताया कि पिछले पांच साल से संस्थान ने क्षेत्र में पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए कार्य कर रही हैं और आगे भी करते रहेंगे.

Intro:नवदंपत्ति ने लिए आठ फेरे, पर्यावरण संरक्षण 


रतनगढ़। अमूमन नव दाम्पत्य जीवन की शुरुआत के वैवाहिक कार्यक्रम में वर-वधु सात फेरे लेते हैं, लेकिन बीरमसर गांव में एक ऐसी अनोखी शादी के लोग साक्षी बने, जहां वर-वधु ने सात फेरे के बाद आठवां फेरा लिया। यह फेरा पृथ्वी और प्रकृति को बचाने, पर्यावरण सुरक्षा के संदेश के लिए था। तहसील के गांव बीरमसर में एक नव दम्पत्ति ने आठ फेरे की शादी कर एक मिसाल पेश की है। 

Body:इस नव वर वधु ने शादी का आठवां फेरा लेकर पर्यावरण संरक्षण की जिम्मेदारी ली है। इस अनोखी शादी में लडकी पक्ष ने शादी की रश्मों में पौधों को और पर्यावरण संरक्षण को मुख्यता दी। इस शादी में आये बारातियों को भी पौधे सौंपकर विदाई दी गई तथा पर्यावरण संरक्षण का संकल्प लिया गया , इससे पहले वर वधु दोनों ने एक दूसरे को वरमाला डालने के बाद पौधें भी भेंट कर समाज को पर्यावरण बचाने का संदेश दिया। प्राप्त जानकारी अनुसार बीरमसर निवासी चेतन सैनी की पुत्री डिम्पल की शादी चूरू निवासी जगदीश सैनी के पुत्र मुकेश सैनी के साथ हुई, मंच पर वर-वधु ने एक दूसरे को वरमाला पहनाने के साथ ही एक दूसरे को पौधे भेंट कर पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया। 
समर्पण संस्थान के अध्यक्ष विरेन्द्र सैन ने बताया कि चूरू जिले में लगातार पिछले पाँच साल से संस्थान ने क्षेत्र में पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए ऐसे बहुत से कार्य कर रही हैं और आगे भी करते रहेंगे ।


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