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चूरू : राशन डीलरों ने अपनी मांगों को लेकर जिला कलेक्टर से लगाई गुहार - गुहार

चूरू में राशन विक्रेताओं ने अपनी मांगों को लेकर कलेटक्टर से गुहार लगाई. उन्होंने कहा कि वर्षों पुराने कई आदेशों को बंद किए जाने के कारण उनकी आर्थिक स्थिति खराब हो गई है. जिसके कारण उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

राशन डीलरों ने जिला कलेक्टर से लगाई गुहार
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Published : Jul 8, 2019, 7:41 PM IST

चूरू. अधिकृत राशन विक्रेता नियोजक संघ चूरू के पदाधिकारियों व सदस्यों ने सोमवार को मुख्यमंत्री के नाम जिला कलेक्टर को ज्ञापन सोौंप अपनी विभिन्न मांगों को पूरा करने की लगाई गुहार. जिला कलेक्ट्रेट पहुंचे इन राशन विक्रेताओं ने विक्रेता कमिशन बढ़ाने, छीजत का लाभ देने व मृतक के आश्रितों को अनुकंपा दुकान आवंटन करने की मांग की है.

राशन डीलरों ने जिला कलेक्टर से लगाई गुहार

राशन विक्रेताओं ने कहा कि कई जिलों में केरोसिन का वितरण बंद कर दिया, इसके करण उनकी आय में भी काफी गिरावट आ गयी है. इस दौरान मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि हमारी कई मांगें नहीं माने जाने की वजह से उनके परिवार पर आर्थिक संकट खड़ा हो गया है.

यह हैं प्रमुख मांगें...
विक्रेताओं को 1 क्विंटल गेहूं के वितरण पर ₹125 दिए जा रहे हैं, जो अपर्याप्त हैं. जबकि दिल्ली जैसे शहरों में प्रति क्विंटल वितरण पर ₹200 दिए जा रहे हैं और महाराष्ट्र में ₹150. वहीं, 40 वर्ष पुराने आदेश के मुताबिक मृतक डीलर के आश्रित को अनुकंपा के आधार पर दुकान आवंटित की जाती थी, जिसे भाजपा सरकार ने 8 मार्च 2016 को बंद कर दिया. इससे प्रदेश के अनेक मृतक डीलरों के आश्रितों को राशन दुकान आवंटित नहीं की जा रही है. इससे उनके परिवार पर आर्थिक संकट खड़ा हो गया है. इसलिए पुराने आदेश को शीघ्र बहाल किया जाए.

इसके अलावा छीजत को बंद करने से प्रत्येक डीलर को महीने में 500 से ₹1000 का नुकसान हो रहा है. इसलिए छीजत का प्रावधान दुबारा लागू किया जाए. पोस मशीन के पेटे सात रुपए प्रति क्विंटल देय हैं, लेकिन सितंबर 2017 से पहले का जो बकाया है उसका भुगतान नहीं किया जा रहा है. जनवरी से राशन विक्रेता ₹2 किलो के हिसाब से राशि जमा करा रहे हैं. जिसका कमीशन सरकार को देना था, लेकिन अभी तक भुगतान नहीं किया गया. इसके अलावा खाद्य सुरक्षा लाभार्थियों का चयन फिर से करवाने की बात कही.

चूरू. अधिकृत राशन विक्रेता नियोजक संघ चूरू के पदाधिकारियों व सदस्यों ने सोमवार को मुख्यमंत्री के नाम जिला कलेक्टर को ज्ञापन सोौंप अपनी विभिन्न मांगों को पूरा करने की लगाई गुहार. जिला कलेक्ट्रेट पहुंचे इन राशन विक्रेताओं ने विक्रेता कमिशन बढ़ाने, छीजत का लाभ देने व मृतक के आश्रितों को अनुकंपा दुकान आवंटन करने की मांग की है.

राशन डीलरों ने जिला कलेक्टर से लगाई गुहार

राशन विक्रेताओं ने कहा कि कई जिलों में केरोसिन का वितरण बंद कर दिया, इसके करण उनकी आय में भी काफी गिरावट आ गयी है. इस दौरान मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि हमारी कई मांगें नहीं माने जाने की वजह से उनके परिवार पर आर्थिक संकट खड़ा हो गया है.

यह हैं प्रमुख मांगें...
विक्रेताओं को 1 क्विंटल गेहूं के वितरण पर ₹125 दिए जा रहे हैं, जो अपर्याप्त हैं. जबकि दिल्ली जैसे शहरों में प्रति क्विंटल वितरण पर ₹200 दिए जा रहे हैं और महाराष्ट्र में ₹150. वहीं, 40 वर्ष पुराने आदेश के मुताबिक मृतक डीलर के आश्रित को अनुकंपा के आधार पर दुकान आवंटित की जाती थी, जिसे भाजपा सरकार ने 8 मार्च 2016 को बंद कर दिया. इससे प्रदेश के अनेक मृतक डीलरों के आश्रितों को राशन दुकान आवंटित नहीं की जा रही है. इससे उनके परिवार पर आर्थिक संकट खड़ा हो गया है. इसलिए पुराने आदेश को शीघ्र बहाल किया जाए.

इसके अलावा छीजत को बंद करने से प्रत्येक डीलर को महीने में 500 से ₹1000 का नुकसान हो रहा है. इसलिए छीजत का प्रावधान दुबारा लागू किया जाए. पोस मशीन के पेटे सात रुपए प्रति क्विंटल देय हैं, लेकिन सितंबर 2017 से पहले का जो बकाया है उसका भुगतान नहीं किया जा रहा है. जनवरी से राशन विक्रेता ₹2 किलो के हिसाब से राशि जमा करा रहे हैं. जिसका कमीशन सरकार को देना था, लेकिन अभी तक भुगतान नहीं किया गया. इसके अलावा खाद्य सुरक्षा लाभार्थियों का चयन फिर से करवाने की बात कही.

Intro:चूरू_अधिकृत राशन विक्रेता नियोजक संघ चूरू के पदाधिकारियों व सदस्यों ने सोमवार को मुख्यमंत्री के नाम जिला कलेक्टर को ज्ञापन सोप अपनी विभिन्न मांगों को पूरा करने की लगाई गुहार. जिला कलेक्ट्रेट पहुँचे इन राशन विक्रेताओं ने विक्रेता कमिशन बढ़ाने, छीजत का लाभ देने, व मृतक आश्रितों को अनुकंपा दुकान आवंटन करने की मांग की है।राशन विक्रेताओं ने कहा कि कई जिलों में केरोसिन का वितरण बंद कर दिया इसके करण उनकी आय में भी काफी गिरावट आ गयी है।


Body:यह है प्रमुख मांग

विक्रेताओं को 1 क्विंटल गेहूं के वितरण पर ₹125 दिए जा रहे हैं जो अपर्याप्त है जबकि दिल्ली जैसे शहरों में प्रति क्विंटल वितरण पर ₹200 दिए जा रहे हैं और महाराष्ट्र में ₹150 वही 40 वर्षों पुराने आदेश के मुताबिक मृतक डीलर के आश्रित को अनुकंपा के आधार पर दुकान आवंटित की जाती थी जिसे भाजपा सरकार ने 8 मार्च 2016 को बंद कर दिया इससे प्रदेश के अनेक मृतक डीलरों के आश्रितों को राशन दुकान आवंटित नहीं की जा रही है इससे उनके परिवार पर आर्थिक संकट खड़ा हो गया है इसलिए पुराने आदेश को शीघ्र बहाल किया जाए।





Conclusion:इसके अलावा छीजत को बंद करने से प्रत्येक डीलर को महीने में 500 से ₹1000 का नुकसान हो रहा है इसलिए छीजत का प्रावधान दुबारा लागू किया जाए. पोस मशीन के पेटे सात रुपए प्रति क्विंटल के देय है लेकिन सितंबर 2017 से पहले का जो बकाया है उसका भुगतान नहीं किया जा रहा है. जनवरी से राशन विक्रेता ₹2 किलो के हिसाब से राशि जमा करा रहे हैं जिसका कमीशन सरकार को देना था लेकिन अभी तक भुगतान नहीं किया गया. इसके अलावा खाद्य सुरक्षा लाभार्थियों का चयन फिर से करवाने की बात कही

बाईट_सुरेश सारस्वत,राशन डीलर चूरू
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