चूरू. जिले के सादुलपुर में 3 फरवरी, 2020 की रात को 10 साल की मासूम से दरिंदगी करने के मामले में चूरू पॉक्सो कोर्ट ने गुरुवार को अपना फैसला सुना दिया. पॉक्सो कोर्ट ने आरोपी अकरम को अपहरण, दुष्कर्म व हत्या के प्रयास का दोषी मानते हुए आजीवन कारावास की सजा (Minor rape accused sentenced to life imprisonment in Churu) सुनाई.
इस मामले में 23 गवाहों के बयान और सबूतों के बाद कोर्ट ने अपना फैसला दिया. मामले पर टिप्पणी में न्यायधीश ने लिखा कि वर्तमान में नाबालिग बच्चों के साथ बढ़ते हुए अपराध को देखते हुए नाबालिग बच्चों में सुरक्षा की भावना तथा अभियुक्त द्वारा किए गए गंभीर अपराध को दंडित करने के लिए इस प्रकार के फैसले सुनाए जाना आवश्यक है. पॉक्सो कोर्ट विशिष्ट लोक अभियोजक वरुण सैनी ने बताया कि राजगढ़ में 3 फरवरी की रात आरोपी अकरम काजी ने 10 साल की मासूम को खंडहर में ले जाकर हैवानियत का शिकार बनाया था. हैवानियत से ठीक पहले मासूम एक दुकान से टॉफी लेकर अपने घर जा रही थी. आरोपी ने बालिका को अकेला पाकर अगवा किया और खंडहर में ले जाकर घिनौनी हरकत की. दर्द से छटपटाती बालिका ने जब आरोपी दरिंदे के हाथ पर दांतों से काटा, तो अकरम ने मासूम बालिका को जान से मारने के इरादे से उसके सिर पर नुकीले पत्थर से वार कर दिया.
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दुष्कर्म के बाद आरोपी ने बालिका पर इसलिए हमला किया कि कहीं वह किसी को इस कुकृत्य के बारे में बता न दे. अकरम ने लहुलुहान बेहोश बालिका को मरा हुआ समझकर पत्थरों के नीचे जिंदा दफना दिया था. बालिका की तलाश करते हुए परिजन जब खंडहर में पहुंचे, तो वहां बालिका लहूलुहान हालत में मिली. बालिका को अस्पताल ले जाया गया. बालिका ने होश में आने के बाद सारी घटना अपनी मां को बताई. इसके बाद 4 फरवरी को इस संबंध में राजगढ़ थाने में आइपीसी व पॉक्सो की संगीन धाराओं में मामला दर्ज हुआ था.