चूरू. देश में लगातार कोरोना के बढ़ते केस को लेकर सियासत भी अपने चरम पर है. ऐसे में उपनेता प्रतिपक्ष एवं चूरू विधायक राजेंद्र राठौड़ ने प्रदेश में कोरोना विस्फोट के लिए प्रदेश सरकार को जिम्मेदार ठहराया है. राठौड़ ने कहा कि पहले तो गहलोत सरकार ने प्रवासियों का पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कर उनके घर लौटने की आस जगाई. फिर 18 लाख से ज्यादा प्रवासियों ने पंजीयन करवा लिया.
इसके साथ ही राठौड़ ने कहा कि राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रवासी श्रमिकों को घर लाने में यू-टर्न ले लिया. जनप्रतिनिधियों के साथ हुई वीसी में मुख्यमंत्री ने कहा दिया कि श्रमिकों को लाने में छह महीने लग जाएंगे. यह बात बाहर प्रवासियों तक पंहुच गई. इस कारण एक सप्ताह में ही दो लाख से ज्यादा प्रवासी पैदल और निजी वाहनों से घर लौट आए.
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राज्य सरकार की गलती से प्रवासी लाए कोरोना की सौगात
राठौड़ ने कहा कि राज्य सरकार ने प्रवासियों की प्रॉपर तरीके से स्क्रीनिंग नहीं की, जिसके चलते सरकार की इसी गलती से प्रवासी कोरोना की सौगात लेकर आ गए. इसी कारण आज प्रदेश में कोरोना विस्फोट के मामले लगातार बढ़ते जा रहे है.
नौ करोड़ लोगों की स्क्रीनिंग का दावा गलत
राठौड़ ने कहा कि राज्य के चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा यह दावा कर रहे है कि प्रदेश में नौ करोड़ व्यक्तियों की स्क्रीनिंग की जा चुकी है, जबकि इतनी जनसंख्या ही नहीं है. साथ ही कहा कि कोविड- 19 के संक्रमण को लेकर राज्य का प्रबंधन गैर जिम्मेदाराना रहा है.
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क्वारेंटाइन सेंटर्स में नहीं है सुविधाएं
राजेंद्र राठौड़ ने आरोप लगाया कि प्रदेश में क्वॉरेंटाइन सेंटर्स पर बिजली-पानी की सुविधा भी नहीं है. इतना ही नहीं क्वॉरेंटाइन केंद्रों पर भोजन और पानी की भी प्रॉपर सुविधा नहीं है. इसी कारण इन केंद्रों में रखे गए संदिग्ध भाग रहे है. राठौड़ ने क्वॉरेंटाइन सेंटर्स पर सभी प्रकार की सुविधाओं की जरूरत बताई. साथ ही राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि प्रधानमंत्री एक वैश्विक नेता है. अब तक किसी भी राज्य सरकार की उन्होंने आलोचना नहीं की है. पीएम का सभी राज्यों के साथ पिता तुल्य व्यवहार रहा है.