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चूरू : कलेक्ट्रेट के आगे अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे उर्दू शिक्षक - rajasthan

चूरू में राजस्थान उर्दू बचाओ संघर्ष समिति के बैनर तले, उर्दू शिक्षक अपनी 11 सूत्रीय मांग को लेकर जिला कलेक्ट्रेट के आगे अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गए है. साथ ही उन्होंने प्रदेश की वर्तमान सरकार पर उर्दू विरोधी होने का आरोप लगाया है.

कलेक्ट्रेट के आगे अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे उर्दू शिक्षक
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Published : Jul 5, 2019, 11:35 PM IST

चूरू. राजस्थान उर्दू बचाओ संघर्ष समिति के बैनर तले शुक्रवार को उर्दू शिक्षक अपनी 11 सूत्रीय मांग को लेकर जिला कलेक्ट्रेट के आगे अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गए है. धरने पर बैठे लोगों का कहना है कि धरना सरकार की उर्दू विरोधी नीतियों के विरुद्ध दिया जा रहा है.

जिला कलेक्ट्रेट के आगे धरने पर बैठे राजस्थान उर्दू बचाओ संघर्ष समिति के इन सदस्यों का कहना है कि यह धरना हम राजस्थान सरकार की उर्दू विरोधी नीतियों के विरुद्ध दे रहे हैं. धरने पर बैठे संघर्ष समिति के सदस्यों ने कहा की प्रदेश में उर्दू भाषा के विकास एवं संरक्षण के लिए लंबे समय से राजस्थान उर्दू संघर्ष समिति प्रयासरत है.

कलेक्ट्रेट के आगे अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे उर्दू शिक्षक

उनका कहना है कि पूर्व सरकार की भांति वर्तमान सरकार का भी उर्दू भाषा के प्रति उदासीन रवैया नजर आ रहा है. इसलिए मजबूरन उन्हें मांगों को लेकर धरने पर बैठना पड़ रहा है. ग्यारह सूत्रीय मांग को लेकर धरने पर बैठे उर्दू संघर्ष समिति के इन सदस्यों की जो मुख्य मांग यह है कि प्रदेशभर में ग्रेड थर्ड, सेकंड व फर्स्ट ग्रेड के उर्दू विषय के नवीन पद सृजित किए जाए.

प्रदेशभर में स्टाफिंग पैटर्न के नाम पर समाप्त किए गए थर्ड ग्रेड, सेकंड ग्रेड व फर्स्ट ग्रेड के उर्दू पदों को पुनः सृजित किया जाए. प्रदेश में नव स्थापित महात्मा गांधी विद्यालयों में उर्दू भाषा के भी पद तुरंत सृजित किया जाए. प्रदेश के समस्त डाइट में उर्दू व्याख्याता के पद सृजित किए जाएं. राजस्थान लोक सेवा आयोग द्वारा पूर्व में आयोजित परीक्षा द्वितीय वेतन श्रृंखला उर्दू विषय के 117 पदों को बढ़ाकर न्यूनतम 400 की जाए.

अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे संघर्ष समिति के सदस्यों ने कहा 9 जुलाई तक वे धरना देंगे. यदि उनकी मांगे नहीं मानी जाती है तो 9 जुलाई के बाद वे अनशन पर बैठ जाएंगे. वहीं प्रदर्शनकारियों का कहना है कि वे मांगो को लेकर अपनी अंतिम सांस तक लड़ेंगे.

चूरू. राजस्थान उर्दू बचाओ संघर्ष समिति के बैनर तले शुक्रवार को उर्दू शिक्षक अपनी 11 सूत्रीय मांग को लेकर जिला कलेक्ट्रेट के आगे अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गए है. धरने पर बैठे लोगों का कहना है कि धरना सरकार की उर्दू विरोधी नीतियों के विरुद्ध दिया जा रहा है.

जिला कलेक्ट्रेट के आगे धरने पर बैठे राजस्थान उर्दू बचाओ संघर्ष समिति के इन सदस्यों का कहना है कि यह धरना हम राजस्थान सरकार की उर्दू विरोधी नीतियों के विरुद्ध दे रहे हैं. धरने पर बैठे संघर्ष समिति के सदस्यों ने कहा की प्रदेश में उर्दू भाषा के विकास एवं संरक्षण के लिए लंबे समय से राजस्थान उर्दू संघर्ष समिति प्रयासरत है.

कलेक्ट्रेट के आगे अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे उर्दू शिक्षक

उनका कहना है कि पूर्व सरकार की भांति वर्तमान सरकार का भी उर्दू भाषा के प्रति उदासीन रवैया नजर आ रहा है. इसलिए मजबूरन उन्हें मांगों को लेकर धरने पर बैठना पड़ रहा है. ग्यारह सूत्रीय मांग को लेकर धरने पर बैठे उर्दू संघर्ष समिति के इन सदस्यों की जो मुख्य मांग यह है कि प्रदेशभर में ग्रेड थर्ड, सेकंड व फर्स्ट ग्रेड के उर्दू विषय के नवीन पद सृजित किए जाए.

प्रदेशभर में स्टाफिंग पैटर्न के नाम पर समाप्त किए गए थर्ड ग्रेड, सेकंड ग्रेड व फर्स्ट ग्रेड के उर्दू पदों को पुनः सृजित किया जाए. प्रदेश में नव स्थापित महात्मा गांधी विद्यालयों में उर्दू भाषा के भी पद तुरंत सृजित किया जाए. प्रदेश के समस्त डाइट में उर्दू व्याख्याता के पद सृजित किए जाएं. राजस्थान लोक सेवा आयोग द्वारा पूर्व में आयोजित परीक्षा द्वितीय वेतन श्रृंखला उर्दू विषय के 117 पदों को बढ़ाकर न्यूनतम 400 की जाए.

अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे संघर्ष समिति के सदस्यों ने कहा 9 जुलाई तक वे धरना देंगे. यदि उनकी मांगे नहीं मानी जाती है तो 9 जुलाई के बाद वे अनशन पर बैठ जाएंगे. वहीं प्रदर्शनकारियों का कहना है कि वे मांगो को लेकर अपनी अंतिम सांस तक लड़ेंगे.

Intro:चूरू_ राजस्थान उर्दू बचाओ संघर्ष समिति के बैनर तले शुक्रवार को उर्दू शिक्षक अपनी 11 सूत्रीय मांग को लेकर जिला कलेक्ट्रेट के आगे बैठे अनिश्चितकालीन धरने पर।


Body:जिला कलेक्ट्रेट के आगे धरने पर बैठे राजस्थान उर्दू बचाओ संघर्ष समिति के इन सदस्यों का कहना है की यह धरना हम राजस्थान सरकार की उर्दू विरोधी नीतियों के विरुद्ध दे रहे हैं धरने पर बैठे संघर्ष समिति के सदस्यों ने कहा की प्रदेश में उर्दू भाषा के विकास एवं संरक्षण के लिए लंबे समय से राजस्थान उर्दू संघर्ष समिति प्रयासरत है मगर पूर्व सरकार की भांति वर्तमान सरकार का भी उर्दू भाषा के प्रति उदासीन रवैया नजर आ रहा है इसलिए मजबूरन हमें हमारी मांगों को लेकर धरने पर बैठना पड़ रहा है।


Conclusion:11 सूत्री मांग को लेकर धरने पर बैठे उर्दू संघर्ष समिति के इन सदस्यों की जो मुख्य मांग है वह ये की प्रदेशभर में ग्रेड थर्ड, सेकंड व फर्स्ट के उर्दू विषय के नवीन पद सृजित किए जाए, प्रदेशभर में स्टाफिंग पैटर्न के नाम पर समाप्त किए गए थर्ड ग्रेड, सेकंड ग्रेड व फर्स्ट ग्रेड के उर्दू पदों को पुनः सृजित किया जाए, प्रदेश में नव स्थापित महात्मा गांधी विद्यालयों में उर्दू भाषा के भी पद तुरंत सृजित किया जाए, प्रदेश के समस्त डाइट में उर्दू व्याख्याता के पद सृजित किए जाएं, राजस्थान लोक सेवा आयोग द्वारा पूर्व में आयोजित परीक्षा द्वितीय वेतन श्रृंखला उर्दू विषय के 117 पदों को बढ़ाकर न्यूनतम 400 की जाए।

अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे संघर्ष समिति के सदस्यों ने कहा 9 जुलाई तक हम धरना देगे यदि हमारी मांगे नही मानी जाती है तो 9 जुलाई के बाद हम अनशन पर बैठेंगे और अगर 15 जुलाई तक हमारी मांगे नही मानी जाती है तो हम आमरण अनशन पर बैठेंगे और जब तक हमारे शरीर में जान रहेगी तब तक हम संघर्ष करेगे

बाईट_शमेशर खा , संयोजक राजस्थान उर्दू संघर्ष समिति
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