चूरू. फलोदी और नोखा जेल ब्रेक कांड के बाद चूरू जिला जेल में भी पुलिस प्रशासन ने सघन तलाशी अभियान चलाया. डेढ घंटे चले सर्च ऑपरेशन के बाद भी पुलिस की टीमों को कुछ भी हाथ नहीं लगा. एसपी की अगुवाई में तीन पुलिस थानों की पुलिस ने सर्च ऑपरेशन में हिस्सा लिया. लेकिन पुलिस टीमों को बैरंग ही लौटना पड़ा. जिसके बाद से लगातार सवाल उठ रहा है कि पुलिस की कार्रवाई की भनक जेल में कैसे लग गयी. आखिर जेल का विभीषण कौन है. क्योंकि एक दिन पहले ही जिला जेल में मोबाइल फोन और बैटरियां मिली थी और चार लोगों के खिलाफ मामला दर्ज हुआ था.
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पिछले कुछ समय से प्रदेश में जेल ब्रेक हो रही हैं. 17 दिन के भीतर दो बार जेल से कैदियों की भागने की वारदात सामने आने के बाद बुधवार शाम पुलिस अधीक्षक नारायण टोग्स भारी पुलिस जाब्ते के साथ जिला कारागृह पहुंचे और जेल में सघन तलाशी अभियान चलाया. एसपी के साथ भारी भरकम पुलिस जाब्ते को देख एक बार जेल प्रसाशन में हड़कंप मच गया. करीब डे घंटे चले इस सघन तलाशी अभियान के बाद भी पुलिस को कुछ भी हाथ नहीं लगा.
जिसके बाद सवाल और भी गहरा हो जाता है कि जब एक ही दिन पहले जिला कारागृह से मोबाइल फोन मिलने की वारदात सामने आई थी और आज दर्जनों पुलिसकर्मियों को तलाशी अभियान के बाद कुछ हाथ नहीं लगा तो हो सकता है किसी ने पुलिस के सर्च ऑपरेशन की जानकारी पहले से ही जेल में पहुंचा दी हो. निरीक्षण के बाद एसपी नारायण टोग्स ने कहा जो कुछ कमियां मिली हैं उन्हें दुरुस्त किया जाएगा और जेल की सुरक्षा को और मजबूत किया जाएगा.
बता दें कि मंगलवार को जेल प्रसाशन की और से तलाशी के दौरान बंदियों के पास से मोबाइल फोन मिलने की वारदात सामने आयी थी. जिसके बाद जेल प्रसाशन की रिपोर्ट पर कोतवाली थाने में चार जनों के खिलाफ मामला भी दर्ज हुआ है. तलाशी के दौरान एक मोबाइल फोन बैरिक की छत पर व दूसरा आरोपियों के कब्जे से मोबाइल, चार बैटरी व तम्बाकू उत्पाद बरामद किए गए. जिसके बाद हरियाणा निवासी सुनील उर्फ साहू, सीकर निवासी राहुल और चूरू निवासी रमेश खटीक व हरियाणा निवासी राजेश सिंह के खिलाफ मामला दर्ज हुआ था.