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दोस्त को जिंदा जलाने वाला फरार आरोपी गिरफ्तार..पुलिस ने जयपुर से किया गिरफ्तार

बीमा की रकम पाने के लिए कैलाश ने 2018 में अपनी कार में दोस्त किशनलाल को बिठाकर आग लगा दी थी. उसका प्लान था कि खुद को डेड साबित कर वह क्लेम की रकम उठा लेगा. लेकिन जब दाल नहीं गली तो कैलाश फरार हो गया. चूरू की रतनगढ़ पुलिस ने आरोपी को जयपुर से गिरफ्तार कर लिया है.

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चूरू में फर्जी बीमा क्लेम का मामला
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Published : Nov 18, 2020, 9:46 PM IST

रतनगढ़ (चूरू). पुलिस ने बीमा क्लेम के लिए दोस्त को जलाकर मारने के आरोपी को जयपुर से गिरफ्तार किया है. आरोपी कैलाश दो साल से फरार चल रहा था, साल 2018 में उसने बीमा क्लेम के लिए अपने दोस्त किशनलाल को कार में जिंदा जला दिया था. उसने यह प्लान बनाया था कि खुद को मरा हुआ साबित कर उसके घरवालों को बीमा की 45 लाख की रकम हासिल हो जाएगा. लेकिन जब कैलाश के घर वालों ने डेड बॉडी कैलाश की होने से मना कर दिया तो पुलिस को शक हुआ.

क्या है पूरा मामला

2018 में कैलाश पर लाखों रुपए का कर्ज हो गया था. कर्ज चुकाने के लिए उसने पहले तो 45 लाख रुपए का बीमा करवाया और फिर क्लेम की रकम हासिल करने के लिए अपने दोस्त किशनलाल को अपनी कार में बिठाकर साथ ले जाकर सरदारशहर रोड पर जिंदा जला दिया. कैलाश ने कार में अपने नाम के कागजात भी छोड़े ताकि सबको यह यकीन हो जाए कि कैलाश की मौत हो चुकी है. कार जलने की सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची और कार की तलाशी ली तो कार में जला हुआ शव मिला.

पढे़ं: नीलिमा हत्याकांड: पति ने दोस्त और सुपारी किलर्स के साथ मिलकर की थी हत्या, वजह रोंगटे खड़े करने वाली है

साथ ही कार में मिले दस्तावेजों से पुलिस ने कैलाश के परिवार से संपर्क किया. लेकिन कैलाश के परिवार ने शव कैलाश का होने से इंकार कर दिया. जिसके बाद पुलिस को शक हुआ और उसने सरदारशहर में भी गुमशुदा लोगों की सूचना खंगाली. पुलिस को गाड़ी में हैंड ब्रेक लगे होने और पूरी कार जल जाने के बाद भी कागजात नहीं जलने जैसी चीजों पर शक हो रहा था.

8 सितंबर 2018 को धारा 302 और 201 के तहत थाने के तत्कालीन इंचार्ज ने अज्ञात के खिलाफ केस दर्ज कर लिया. प्रकरण में बुधवार को रतनगढ़ थाना इंचार्ज महेंद्र चावला ने बताया कि मुख्य आरोपी कैलाश पुत्र सीताराम (42) को जयपुर से गिरफ्तार किया गया है.

रतनगढ़ (चूरू). पुलिस ने बीमा क्लेम के लिए दोस्त को जलाकर मारने के आरोपी को जयपुर से गिरफ्तार किया है. आरोपी कैलाश दो साल से फरार चल रहा था, साल 2018 में उसने बीमा क्लेम के लिए अपने दोस्त किशनलाल को कार में जिंदा जला दिया था. उसने यह प्लान बनाया था कि खुद को मरा हुआ साबित कर उसके घरवालों को बीमा की 45 लाख की रकम हासिल हो जाएगा. लेकिन जब कैलाश के घर वालों ने डेड बॉडी कैलाश की होने से मना कर दिया तो पुलिस को शक हुआ.

क्या है पूरा मामला

2018 में कैलाश पर लाखों रुपए का कर्ज हो गया था. कर्ज चुकाने के लिए उसने पहले तो 45 लाख रुपए का बीमा करवाया और फिर क्लेम की रकम हासिल करने के लिए अपने दोस्त किशनलाल को अपनी कार में बिठाकर साथ ले जाकर सरदारशहर रोड पर जिंदा जला दिया. कैलाश ने कार में अपने नाम के कागजात भी छोड़े ताकि सबको यह यकीन हो जाए कि कैलाश की मौत हो चुकी है. कार जलने की सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची और कार की तलाशी ली तो कार में जला हुआ शव मिला.

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साथ ही कार में मिले दस्तावेजों से पुलिस ने कैलाश के परिवार से संपर्क किया. लेकिन कैलाश के परिवार ने शव कैलाश का होने से इंकार कर दिया. जिसके बाद पुलिस को शक हुआ और उसने सरदारशहर में भी गुमशुदा लोगों की सूचना खंगाली. पुलिस को गाड़ी में हैंड ब्रेक लगे होने और पूरी कार जल जाने के बाद भी कागजात नहीं जलने जैसी चीजों पर शक हो रहा था.

8 सितंबर 2018 को धारा 302 और 201 के तहत थाने के तत्कालीन इंचार्ज ने अज्ञात के खिलाफ केस दर्ज कर लिया. प्रकरण में बुधवार को रतनगढ़ थाना इंचार्ज महेंद्र चावला ने बताया कि मुख्य आरोपी कैलाश पुत्र सीताराम (42) को जयपुर से गिरफ्तार किया गया है.

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