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Churu: बहू की हत्या के आरोप में सास-ससुर को आजीवन कारावास

चूरू के सुजानगढ़ में बहू की हत्या के मामले में न्यायालय ने सास-ससुर को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही 10 हजार रुपए का अर्थदंड भी लगाया है.

Churu Court
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Published : Jun 18, 2022, 11:44 AM IST

सुजानगढ़ (चूरू). सुजानगढ़ के अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश बलवंत सिंह भारी ने बहू की हत्या के मामले में सास और ससुर को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. अपर लोक अभियोजक डॉ. करणीदान चारण ने बताया कि गांव खुड़ी में 12 जून 2014 को बहू साबीरा की हत्या धारदार हथियार से गला काटकर कर की गई थी, जिस पर मृतका के पिता आमीन खां निवासी कोटली, जिला सीकर ने सालासर थाने में हत्या के आरोप का मुकदमा दर्ज करवाया था.

इस मामले में एडीजे न्यायालय ने आरोपी ससुर बाबू खां और सास सुन्नत बानो को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास और 10 हजार के अर्थदण्ड की सजा सुनाई है. इसी प्रकार हत्या के बाद साक्ष्य मिटाने का भी दोषी मानते हुए सात साल की सजा सुनाई गई है. अपर लोक अभियोजक डॉ. करणीदान चारण ने बताया कि प्रकरण में अभियोजन पक्ष की ओर से कुल 24 गवाहों के बयान दर्ज करवाए गए और 64 दस्तावेजों को एक्जीक्यूट करवाया गया है.

पढ़ें- POCSO Court: तीन साल की बच्ची का अपहरण कर दुष्कर्म करने वाले अभियुक्त को सुनाई आजीवन कारावास की सजा

प्रकरण में आरोपियों ने साक्ष्य मिटाकर आत्महत्या करने का रूप देने का भी प्रयास किया, लेकिन प्रकरण में अभियोजन पक्ष ने मजबूती के साथ पैरवी की जिसके चलते आरोपी सजा तक पहुंच सके. मामले में एक नाबालिग के विरूद्ध किशोर न्यायालय में यह प्रकरण विचाराधीन चल रहा है.

सुजानगढ़ (चूरू). सुजानगढ़ के अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश बलवंत सिंह भारी ने बहू की हत्या के मामले में सास और ससुर को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. अपर लोक अभियोजक डॉ. करणीदान चारण ने बताया कि गांव खुड़ी में 12 जून 2014 को बहू साबीरा की हत्या धारदार हथियार से गला काटकर कर की गई थी, जिस पर मृतका के पिता आमीन खां निवासी कोटली, जिला सीकर ने सालासर थाने में हत्या के आरोप का मुकदमा दर्ज करवाया था.

इस मामले में एडीजे न्यायालय ने आरोपी ससुर बाबू खां और सास सुन्नत बानो को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास और 10 हजार के अर्थदण्ड की सजा सुनाई है. इसी प्रकार हत्या के बाद साक्ष्य मिटाने का भी दोषी मानते हुए सात साल की सजा सुनाई गई है. अपर लोक अभियोजक डॉ. करणीदान चारण ने बताया कि प्रकरण में अभियोजन पक्ष की ओर से कुल 24 गवाहों के बयान दर्ज करवाए गए और 64 दस्तावेजों को एक्जीक्यूट करवाया गया है.

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प्रकरण में आरोपियों ने साक्ष्य मिटाकर आत्महत्या करने का रूप देने का भी प्रयास किया, लेकिन प्रकरण में अभियोजन पक्ष ने मजबूती के साथ पैरवी की जिसके चलते आरोपी सजा तक पहुंच सके. मामले में एक नाबालिग के विरूद्ध किशोर न्यायालय में यह प्रकरण विचाराधीन चल रहा है.

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