चूरू. प्रदेश के कई जिलों मे इन दिनों मॉक ड्रिल की जा रही है, जिससे पुलिस और प्रशासन की सजगता को जांचा जा रहा है. कुछ ऐसा ही हुआ जिला पुलिस के साथ जब उनको एक भीषण आग लगने की सूचना मिली. मौके पर पहुंची पुलिस को घटना की वास्तविकता का पता चला.
दरअसल, जिले में पुलिस कंट्रोल रूम में एक गैस एजेंसी के गोदाम में भीषण आग लगने और भारी नुकसान होने की सूचना मिली. इसके बाद प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों की गाड़ियां घटनास्थल के लिए रवाना होने लगी. हालांकि यहां पहुंचे अधिकारियों को उस समय राहत मिली, जब उन्हें सूचना दी गई कि यह आंतरिक सुरक्षा अभ्यास यानी मॉक ड्रिल थी. जिसके तहत अधिकारियों की सजगता व मुस्तैदी को जांचा गया.
शहर के पुलिस कंट्रोल रूम में 3 बजकर 32 मिनट पर एक फोन कॉल आया. फोन कॉल के अनुसार भालेरी रोड पर स्थित एक गैस एजेंसी के गोदाम में आग लग गई है और जान माल का भी भारी नुकसान हुआ है.
चूरू कंट्रोल रूम में गैस सिलेंडर गोदाम में भीषण आग की सूचना मिलने के बाद हरकत में आए पुलिस और जिला प्रशासन के अधिकारी मौके के लिए रवाना हुए. घटनास्थल पर पहुंचे तो पता चला कि गैस गोदाम में जो आग लगने की सूचना थी, वह हकीकत में आंतरिक सुरक्षा अभ्यास था. जिसे मॉक ड्रिल भी कहते हैं.
सबसे पहले पहुंची पुलिस की आपणी सखी वैन
मॉक ड्रिल स्थल पर सबसे पहले चूरू पुलिस की आपणी सखी वैन और चूरू कोतवाली थाने की गाड़ी पहुंची. 15 मिनट में नगर परिषद की दमकल और पुलिस के उच्चाधिकारी, एंबुलेंस और प्रशासन की टीमों ने मौके पर पहुंचकर मुस्तैदी दिखाई.
टीमों के पास आवश्यक उपकरण भी नहीं थे पूरे
आंतरिक सुरक्षा के इस अभ्यास में जिला प्रशासन की टीमों के पास कुछ आवश्यक उपकरणों में कमी पाई गई और गैस एजेंसी द्वारा लगाए गए अग्निशमन सिलेंडर भी खराब स्थिति में पाए गए. चूरू कलेक्टर सन्देश नायक ने पुलिस व प्रशासन के रिस्पांस टाइम पर संतोष जताते हुए कहा कि मॉक ड्रिल में अधिकारियों की तत्परता ने यह साबित कर दिया है कि जिले की पुलिस व प्रशासन की टीम किसी भी परिस्थिति से निपटने में सक्षम है.
कलेक्टर ने कमियों में सुधार के दिए निर्देश
कलेक्टर ने इस दौरान स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसेजर में सुधार करने व सिविल डिफेंस टीम को सक्रिय करने तथा मॉक ड्रिल में सामने आई कुछ कमियों को दुरुस्त करने के आवश्यक दिशा निर्देश भी दिए.