चूरू. कोरोना संक्रमण कॉल में हुए राजस्व के घाटे से अब उभर रहा है चूरू डिपो लॉकडाउन के दौरान 3 महीने में हुए करोड़ों के नुकसान की भरपाई नवंबर माह में कर रहा है. पहले की तुलना ना सिर्फ कम बसों का संचालन हो रहा है, बल्कि रोडवेज दूरी भी कम तय कर रही है.
बावजूद इसके डिपो का राजस्व बढ़ रहा है. चूरू रोडवेज डिपो के मुख्य प्रबंधक दिलदार सिंह ने बताया कि कोरोना संक्रमण काल से पहले चूरू डिपो से हर रोज करीब 59 बसों का संचालन हो रहा था. इससे डिपो को भी करीब 6 लाख 80 हजार का हर रोज राजस्व मिल रहा था. लेकिन जैसे ही कोरोना संक्रमण काल आया तो डिपो की अर्थव्यवस्था को भी चौपट हो गई.
डिपो को हुआ करोड़ों का नुकसान...
लॉकडाउन लगने के बाद बसों का संचालन भी पूर्णतया बंद हो गया. डिपो प्रबंधक ने बताया कि अप्रैल, मई और जून महीने में डिपो से बसों का संचालन बंद रहा. डिपो को करीब 6 करोड़ 12 लाख के राजस्व का नुकसान हुआ. उन्होंने बताया कि लॉकडाउन खुलने के बाद फिर से 4 से 5 बसों का संचालन शुरू किया और आज डिपो हर रोज 45 बसों का संचालन कर रहा है. नवंबर माह में त्योहारी सीजन और कांस्टेबल भर्ती परीक्षा मानों डिपो के लिए वरदान साबित हुई.
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संक्रमण के डर से लोग बसों में बैठने से डरने लगे थे...
कोरोना महामारी का खौफ कहा जाए या डर महामारी के आने के बाद लोग यात्रा करने से डरने लगे थे. यात्रा करनी भी होती थी तो लोगों ने निजी वाहनों से यात्रा करना शुरू कर दिया. लेकिन गाइडलाइन की पालना और बेहतर मॉनिटरिंग यात्रियों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखने हुए थर्मल स्क्रिनिग और सोशल डिस्टेंसिग के बीच शुरू किए. रोडवेज के सफर ने फिर से यात्रियों का विश्वास जीता.