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daughters day पर चूरू की लक्ष्मी को दिनभर रहा अपने कलेक्टर पापा का इंतजार

चूरू के रहने वाली लक्ष्मी को बेटी दिवस के दिन अपने कलेक्टर पिता का इंतजार रहा. क्योंकि साल 2016 में चूरू जिला कलेक्टर द्वारा "अपनी बेटी योजना" के तहत चूरू के वार्ड संख्या 2 की अनाथ बालिका लक्ष्मी को बेटी मानते हुए गोद लिया गया था. जिसके बाद चूरू में जितने भी कलेक्टर आए, उन्होंने इस अनाथ गोद ली बेटी लक्ष्मी को बेटी की तरह ही दुलार दिया.

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Published : Sep 28, 2020, 8:37 AM IST

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लक्ष्मी को दिनभर रहा अपने कलेक्टर पापा का इंतजार

चूरू. रविवार को बेटी दिवस के मौके पर सभी लोगों ने एक खास तरीके से सेलिब्रेट किया. सोशल मीडिया के इस युग में जहां अधिकतर लोगों ने अपनी बेटियों के साथ अपनी तस्वीरें सोशल मीडिया पर साझा कर इस दिन को खास दिन बनाया.

कलेक्टर पापा का इंतजार

वहीं कुछ लोगों ने विश करके इस दिन को और खास बनाया. लेकिन चूरू की लक्ष्मी को दिन भर अपने कलेक्टर पापा का इंतजार रहा. बालिका आश्रय गृह में बेटी लक्ष्मी दिन भर यही सोचती रही की उसके भी कलेक्टर पापा अपने व्यस्तम समय में से कुछ समय निकालकर उससे यानी अपनी बेटी के साथ मिलकर इस दिन को खास बनाएंगे.

पढ़ेंः चूरू: पत्नी को प्रसव कराने अस्पताल पहुंचे पति को हॉस्पितल के गार्ड ने पीटा

दरअसल साल 2016 में चूरू जिला कलेक्टर द्वारा "अपनी बेटी योजना" के तहत चूरू के वार्ड संख्या 2 की अनाथ बालिका लक्ष्मी को बेटी मानते हुए गोद लिया गया था. जिसके बाद चूरू में जितने भी कलेक्टर आए, उन्होंने इस अनाथ गोद ली बेटी लक्ष्मी को बेटी की तरह ही दुलार दिया. इसके साथ ही लक्ष्मी को स्नेह और प्रेम दिया. लेकिन अब बेटी लक्ष्मी का कहना है कि 3 महीने से कलेक्टर पापा उससे मिलने नहीं आए. फिलहाल लक्ष्मी का भरण पोषण चाइल्ड हेल्पलाइन के बाल आश्रय गृह में हो रहा है तो वहीं तालीम सरदारशहर के एक निजी स्कूल में ले रही है.

चूरू. रविवार को बेटी दिवस के मौके पर सभी लोगों ने एक खास तरीके से सेलिब्रेट किया. सोशल मीडिया के इस युग में जहां अधिकतर लोगों ने अपनी बेटियों के साथ अपनी तस्वीरें सोशल मीडिया पर साझा कर इस दिन को खास दिन बनाया.

कलेक्टर पापा का इंतजार

वहीं कुछ लोगों ने विश करके इस दिन को और खास बनाया. लेकिन चूरू की लक्ष्मी को दिन भर अपने कलेक्टर पापा का इंतजार रहा. बालिका आश्रय गृह में बेटी लक्ष्मी दिन भर यही सोचती रही की उसके भी कलेक्टर पापा अपने व्यस्तम समय में से कुछ समय निकालकर उससे यानी अपनी बेटी के साथ मिलकर इस दिन को खास बनाएंगे.

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दरअसल साल 2016 में चूरू जिला कलेक्टर द्वारा "अपनी बेटी योजना" के तहत चूरू के वार्ड संख्या 2 की अनाथ बालिका लक्ष्मी को बेटी मानते हुए गोद लिया गया था. जिसके बाद चूरू में जितने भी कलेक्टर आए, उन्होंने इस अनाथ गोद ली बेटी लक्ष्मी को बेटी की तरह ही दुलार दिया. इसके साथ ही लक्ष्मी को स्नेह और प्रेम दिया. लेकिन अब बेटी लक्ष्मी का कहना है कि 3 महीने से कलेक्टर पापा उससे मिलने नहीं आए. फिलहाल लक्ष्मी का भरण पोषण चाइल्ड हेल्पलाइन के बाल आश्रय गृह में हो रहा है तो वहीं तालीम सरदारशहर के एक निजी स्कूल में ले रही है.

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