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Bandipora Encounter : चूरू के शहीद जवान को अंतिम विदाई, 4 साल के बेटे ने दी मुखाग्नि

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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Sep 18, 2023, 11:00 PM IST

आतंकी हमले में शहीद चूरू के जवान योगेश जणावा का सोमवार को अंतिम संस्कार किया गया. शहीद की अंतिम यात्रा में बड़ी संख्या में लोग उमड़े. नम आंखों से लोगों ने शहीद को अंतिम विदाई दी.

Last Rites of soldier yogesh janava
शहीद योगेश जणावा का अंतिम संस्कार आतंकी हमले में जवान शहीद
शहीद योगेश जणावा का अंतिम संस्कार

चूरू. सादुलपुर निकटवर्ती गांव लंबोर बड़ी निवासी भारतीय सेना के 28 वर्षीय शहीद जवान योगेश जणावा का पार्थिव शरीर राष्ट्रीय ध्वज में लिपटा हुआ सोमवार को गांव पहुंचा. देर शाम को सैनिक सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया. शहीद की अंतिम यात्रा में बड़ी संख्या में लोग हाथों में तिरंगा लेकर निकले. शहीद को मुखाग्नि उनके चार वर्षीय पुत्र हरदीप ने दी.

शहीद योगेश का पार्थिव शरीर जैसे ही घर पहुंचा तो घर में कोहराम मच गया. विधायक डॉ. कृष्णा पूनिया भी शहीद के परिजनों को सांत्वना देने पहुंचीं थी. शहीद का 4 वर्षीय पुत्र हरदीप और 9 माह की पुत्री निशा अपने पिता और पत्नी सुदेश अपने पति के अंतिम दर्शन के लिए आए तो लोगों की आंख नम हो गई. अंतिम यात्रा प्रारंभ होने से पहले भारतीय सेवा के जवानों ने शहीद को सलामी दी. शहीद को गार्ड ऑफ ऑनर भी पेश किया गया. हवा में सात राउंड गोलियां चलाकर शहीद को अंतिम सलामी दी गई. नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़, मंत्री विजेंद्र ओला विधायक डॉ. कृष्णा पूनिया ने भी शहीद को श्रद्धांजलि अर्पित की.

पढ़ें. शहीद फरमान खान को दी अंतिम विदाई, हर किसी की आंख हुई नम

बेटी के जन्म के बाद आए थे गांव : शहीद योगेश अपनी बेटी के जन्म पर लगभग आठ माह पूर्व गांव आए थे. शनिवार को अंतिम बार परिवार से बात हुई थी. जम्मू कश्मीर के बांदीपुरा में आतंकवादियों से मुकाबला करते हुए वीरगति को प्राप्त हो गए थे. योगेश अपने माता-पिता के एकलौता पुत्र थे. शहीद की बहन बबीता, शादी शुदा है. पत्नी सुदेश स्वास्थ्य चिकित्सा विभाग में कार्यरत हैं. योगेश वर्ष 2013 में भारतीय सेना में भर्ती हुए थे. 18 केवलारी आर्म्ड 14 राष्ट्रीय राइफल में डेपुटेशन पर तैनात थे.

शहीद योगेश जणावा का अंतिम संस्कार

चूरू. सादुलपुर निकटवर्ती गांव लंबोर बड़ी निवासी भारतीय सेना के 28 वर्षीय शहीद जवान योगेश जणावा का पार्थिव शरीर राष्ट्रीय ध्वज में लिपटा हुआ सोमवार को गांव पहुंचा. देर शाम को सैनिक सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया. शहीद की अंतिम यात्रा में बड़ी संख्या में लोग हाथों में तिरंगा लेकर निकले. शहीद को मुखाग्नि उनके चार वर्षीय पुत्र हरदीप ने दी.

शहीद योगेश का पार्थिव शरीर जैसे ही घर पहुंचा तो घर में कोहराम मच गया. विधायक डॉ. कृष्णा पूनिया भी शहीद के परिजनों को सांत्वना देने पहुंचीं थी. शहीद का 4 वर्षीय पुत्र हरदीप और 9 माह की पुत्री निशा अपने पिता और पत्नी सुदेश अपने पति के अंतिम दर्शन के लिए आए तो लोगों की आंख नम हो गई. अंतिम यात्रा प्रारंभ होने से पहले भारतीय सेवा के जवानों ने शहीद को सलामी दी. शहीद को गार्ड ऑफ ऑनर भी पेश किया गया. हवा में सात राउंड गोलियां चलाकर शहीद को अंतिम सलामी दी गई. नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़, मंत्री विजेंद्र ओला विधायक डॉ. कृष्णा पूनिया ने भी शहीद को श्रद्धांजलि अर्पित की.

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बेटी के जन्म के बाद आए थे गांव : शहीद योगेश अपनी बेटी के जन्म पर लगभग आठ माह पूर्व गांव आए थे. शनिवार को अंतिम बार परिवार से बात हुई थी. जम्मू कश्मीर के बांदीपुरा में आतंकवादियों से मुकाबला करते हुए वीरगति को प्राप्त हो गए थे. योगेश अपने माता-पिता के एकलौता पुत्र थे. शहीद की बहन बबीता, शादी शुदा है. पत्नी सुदेश स्वास्थ्य चिकित्सा विभाग में कार्यरत हैं. योगेश वर्ष 2013 में भारतीय सेना में भर्ती हुए थे. 18 केवलारी आर्म्ड 14 राष्ट्रीय राइफल में डेपुटेशन पर तैनात थे.

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