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सात महीने पहले बना जोहड़ा ढहा, आंख मूंदकर बैठा प्रशासन

चूरू के रतनगढ़ में जलग्रहण उप समिति द्वारा करवाये गए कार्यों में सरकार के अधिकारी और ठेकेदार मिली भगत से घटिया निर्माण करवाकर सरकार को लाखों की राजस्व हानि पहुंचा रहे हैं. तो कहीं पर बिना कार्य किए ही भुगतान उठा रहे हैं. लेकिन इन बंदरबांट मामलों में ग्रामीणों की शिकायत के बावजूद भी संबंधित विभाग और प्रशासन आंख मूंदकर बैठा है.

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जोहड़ा ढ़हा
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Published : Aug 21, 2020, 7:45 PM IST

रतनगढ़ (चूरू). जिले में रतनगढ़ के ग्राम नूंवा में जलग्रहण उप समिति के तहत आईडब्ल्यू एमपी योजना चूरू 34 के अन्तर्गत 19.75 लाख रुपये की लागत से 6 माह पूर्व डुंगराणा जोहड़ का निर्माण हुआ था. लेकिन गुणवत्ता की कमी की वजह से मानसून की हुई बरसात में मिलावट और घटिया निर्माण की पोल खुल गई. जोहड़े की एक साइड की लगभग 10 से 15 फीट लंबी दीवार बिना नींव के बनाई गई थी जो ढह गई.

सात महीने पहले बना जोहड़ा ढहा

जोहड़ ढहने पर आक्रोशित ग्रामीणों ने बताया कि जोहड़े के निर्माण कार्य को लेकर हमने पूर्व में भी विभाग के अधिकारियों और ठेकेदारों को चेताया था, लेकिन उन्होंने आनन फानन में ही जोहड़े की चारदीवारी करवाकर रंग पुताई करके कार्य पूर्ण होना बताया. लेकिन बरसात से गत दिवस जोहड़े की दीवार ढहने से निर्माण कार्य की पोल खुलकर रह गई.

इस संबंध में कनिष्ठ अभियंता जुगल किशोर से जानकारी ली तो उन्होंने बताया कि जोहड़े के निर्माण को लेकर विभाग द्वारा पूर्व में भी ठेकेदार को चेताया था. इसकी उच्च अधिकारियों को भी सूचना दे दी गई है. संबंधित फर्म को इसकी मरम्मत के लिए नोटिस दिया गया है.

पढ़ेंः चूरू में कोरोना के 67 नए पॉजिटिव मामले, संक्रमितों की कुल संख्या हुई 850

गौरतलब है कि जलग्रहण समिति द्वारा किए गए कार्यों में आए दिन आर ही शिकायतों से लगता है, इस तरह भ्रष्टाचार करने वाले ठेकेदारों की उच्च अधिकारियों तक अच्छी पकड़ है. जिसके कारण वह घटिया निर्माण सामग्री का उपयोग कर जनता की गाढ़ी कमाई मिट्टी में मिला रहे हैं. जब तक सरकार के उच्च अधिकारी इनके खिलाफ कार्रवाई करेंगे तब तक यह सरकार को करोड़ों की राजस्व हानि पहुंचा चुके होंगे.

रतनगढ़ (चूरू). जिले में रतनगढ़ के ग्राम नूंवा में जलग्रहण उप समिति के तहत आईडब्ल्यू एमपी योजना चूरू 34 के अन्तर्गत 19.75 लाख रुपये की लागत से 6 माह पूर्व डुंगराणा जोहड़ का निर्माण हुआ था. लेकिन गुणवत्ता की कमी की वजह से मानसून की हुई बरसात में मिलावट और घटिया निर्माण की पोल खुल गई. जोहड़े की एक साइड की लगभग 10 से 15 फीट लंबी दीवार बिना नींव के बनाई गई थी जो ढह गई.

सात महीने पहले बना जोहड़ा ढहा

जोहड़ ढहने पर आक्रोशित ग्रामीणों ने बताया कि जोहड़े के निर्माण कार्य को लेकर हमने पूर्व में भी विभाग के अधिकारियों और ठेकेदारों को चेताया था, लेकिन उन्होंने आनन फानन में ही जोहड़े की चारदीवारी करवाकर रंग पुताई करके कार्य पूर्ण होना बताया. लेकिन बरसात से गत दिवस जोहड़े की दीवार ढहने से निर्माण कार्य की पोल खुलकर रह गई.

इस संबंध में कनिष्ठ अभियंता जुगल किशोर से जानकारी ली तो उन्होंने बताया कि जोहड़े के निर्माण को लेकर विभाग द्वारा पूर्व में भी ठेकेदार को चेताया था. इसकी उच्च अधिकारियों को भी सूचना दे दी गई है. संबंधित फर्म को इसकी मरम्मत के लिए नोटिस दिया गया है.

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गौरतलब है कि जलग्रहण समिति द्वारा किए गए कार्यों में आए दिन आर ही शिकायतों से लगता है, इस तरह भ्रष्टाचार करने वाले ठेकेदारों की उच्च अधिकारियों तक अच्छी पकड़ है. जिसके कारण वह घटिया निर्माण सामग्री का उपयोग कर जनता की गाढ़ी कमाई मिट्टी में मिला रहे हैं. जब तक सरकार के उच्च अधिकारी इनके खिलाफ कार्रवाई करेंगे तब तक यह सरकार को करोड़ों की राजस्व हानि पहुंचा चुके होंगे.

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