सरदारशहर (चूरू). आज पूरे विश्व में सबसे बड़ा खतरा प्लास्टिक है. प्लास्टिक की समस्या से करीब-करीब हर देश जूझ रहा है. जिसे रोकने के लिए हर कोई अपने स्तर पर प्रयास कर रहा है. ऐसा ही कुछ कर रहीं हैं सरदारशहर के वार्ड 12 और 14 की दो दर्जन से ज्यादा छोटी-छोटी बच्चियां. इन बच्चियां ने घर मोहल्ले और गलियों में रंगोली बनाकर प्लास्टिक का उपयोग नहीं करने का आग्रह किया.
बता दें कि बच्चियों ने अपने घरवालों से भी कहा है कि प्लास्टिक का उपयोग ना करें. बच्चों का मानना है कि हमें ना सिर्फ अपने गांव, शहर, देश बल्कि प्लास्टिक से मुक्त होने के लिए हमें अपने घर और मोहल्ले से शुरुआत करनी होगी और इन छोटी-छोटी बच्चियों ने इसकी पहल कर दी है.
प्लास्टिक कितना खतरनाक है...
इन बच्चियों ने लोगों को समझाया कि आज के युग में प्लास्टिक कितना खतरनाक है और आगे आने वाले समय में इसके क्या दुष्परिणाम होने वाले हैं. बच्चों के आग्रह पर इनके परिवार के सदस्यों ने भी अब कपड़े के थैले बना कपड़े बनाना शुरू भी कर दिया है.
दुकानदारों से भी किया आग्रह....
बच्चों ने अपने मोहल्ले की तमाम दुकानों पर जाकर दुकानदारों से भी आग्रह किया कि वे प्लास्टिक की थैलियों का उपयोग ना करें. बच्चों को इसका सकारात्मक जवाब मिल रहा है दुकानदारों का कहना है कि यदि ग्राहक नहीं चाहेगा लेना तो वे भी खरीददार को थैली नहीं देंगे.
वहीं नन्ही मुन्नी बच्चियों ने ईटीवी भारत से बातचीत में बताया कि गांव में लाल, पीली, हरी, नीली थैलियां हर जगह दिखाई दे जाएंगी. यह थैलियां जहां हमारे पर्यावरण के लिए घातक हैं, वहीं हमारे स्वास्थ्य पर भी इनका बुरा असर पड़ता है इसलिए हमारा यह छोटा सा कदम भी पर्यावरण रक्षा के लिए महत्वपूर्ण योगदान देगा.
एसडीएम रीना छिंपा ने कहा कि बच्चियों द्वारा चलाई गई पहल बहुत सराहनीय है. आज के युग में पॉलीथिन पर्यावरण को बहुत बड़ा नुकसान पहुंचा रही है. बच्चियों द्वारा की गई ये पहल मील का पत्थर साबित होगी.
भारत सरकार ने भी देशवासियों से सिंगल यूज प्लास्टिक यानी एक बार प्रयोग किए जाने वाले प्लास्टिक का उपयोग बन्द करने का आह्वान किया है. सिंगल यूज प्लास्टिक का उपयोग पूर्णतः बंद हो जाना तब तक संभव नहीं है जब तक इसमें हम सभी मिलकर पहल नहीं करेंगे.
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गौरतलब है कि सरदारशहर की छोटी-छोटी बच्चियों द्वारा जमीन पर बनाई गई रंगोली सुंदर ना हो लेकिन इन रंगोलियों का संदेश पूरे देश के लिये है. बच्चों द्वारा बनाए गए पोस्टरों पर भले ही उनकी लिखावट लड़खड़ाई हुई होगी लेकिन यह पोस्टर पूरे पर्यावरण को बचाने में महत्वपूर्ण योगदान दे सकते हैं.