सादुलपुर (चूरू). जिले के सादुलपुर नगर पालिका का वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए 78 करोड़ 18 लाख 55 हजार रुपए का बजट सर्वसम्मति से पारित कर दिया गया. शुक्रवार को चेयरमैन रजिया गहलोत की अध्यक्षता में हुई बैठक में मात्र 15 मिनट के अंदर उक्त बजट प्रस्ताव पारित कर दिया गया.
अधिशासी अधिकारी शिवराज कृष्ण की ओर से उक्त बजट रखा गया, जिसे बिना किसी चर्चा अथवा बहस के पारित कर दिया गया. इस अवसर पर विधायक डॉ कृष्णा पूनियां, पालिका उपाध्यक्ष ललिता पूनियां सहित लगभग सभी पार्षद उपस्थित रहे. अधिशासी अधिकारी ने गत वर्ष के आंकड़े रखते हुए बताया कि चालू वित्त वर्ष का 25 करोड़ 28 लाख 98 हजार रुपए की राशि आगामी वित्तीय वर्ष के लिए जमा रहेगी.
पढ़ेंः Exclusive: विधानसभा सत्र में यह रहेगी भाजपा की रणनीति, सुनिए कटारिया की जुबानी...
पारित किए गए अनुमानित बजट के अनुसार राजस्व आय 34 करोड़ 8 लाख 46 हजार रुपए और पूंजीगत आय 18 करोड़ 81 लाख 11 हजार रुपए का प्रावधान है. इसके अलावा गत वर्ष का ओपनिंग बैलेंस 25 करोड़ 28 लाख 98 हजार रुपए बताया गया है. इसी प्रकार राजस्व व्यय 10 करोड़ 90 लाख 4 हजार, पूंजीगत व्यय 55 करोड़ 78 लाख 50 हजार होने का अनुमान है.
बजट के लिए आयोजित उक्त बैठक में पार्षद राहुल पारीक ने दुष्कर्म पीड़ित बालिका के परिवार की सहायता के लिए अपना एक माह का वेतन देने की घोषणा की. इस पर पार्षद हैदर अली ने सभी सदस्यों से अनुरोध किया कि प्रत्येक सदस्य दुष्कर्म पीड़िता के लिए अपना एक-एक माह का वेतन प्रदान करें. इस सुझाव को उपस्थित सभी सदस्यों ने मानते हुए स्वीकृति जारी कर दी है.
बैठक में अन्य कई मुद्दे भी सदस्यों द्वारा उठाए गए. जिनमें पार्षद महेंद्र दिनोदिया ने सावर्जनिक चौक, होली टिब्बा पर किए जा रहे कथित अतिक्रमण का मामला उठाया. अधिशासी अधिकारी ने गलती मानते हुए कहा कि बिना जानकारी के लिए सरस डेयरी के बूथ के स्वीकृति दे दी गई थी. बीकानेर पार्षद महावीर सिंह डिग्गी पर हो रहे अतिक्रमण का बिंदु उठाते हुए बताया कि अवकाश के दिन शनिवार को निर्माण कार्य होने जा रहा है, इसे रोका जाए.
पढ़ेंः गुलाबी नगरी में छोटी चौपड़ को गोल किए जाने का विरोध, दोबारा चौकोर करने की उठी मांग
इसके अलावा पार्षद गोवर्धन नाई ने बस अड्डे निर्माण के लिए नगर पालिका द्वारा एक कनिष्ठ अभियंता को अनावश्यक रूप से प्रतिमाह 75 हजार रुपए का भुगतान दिए जाने का मुद्दा उठाया है. इस पर ईओ ने स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि राज्य सरकार की स्वीकृति से प्रोजेक्ट कंसल्टेंट लगाया हुआ है. इस पर सदस्यों ने उसे हटाए जाने की बात कही.
साथ ही राहूल पारीक ने गत मीटिंग में एनओसी निस्तारण के निर्णय का मुद्दा उठाया है. मगर सदस्यों के इन प्रस्तावों पर ना कोई चर्चा की गई ना ही निर्णय हो पाया. वहीं बैठक के पार्षद मुद्दे उठाते रहे और चर्चा का प्रयास करते, उसी दौरान बैठक स्थगित कर दी गई.