चूरू. कोरोना काल में अपने माता पिता को खोने वाली बेटियों की शिक्षा और देखरेख का जिम्मा उठाया. गौरीशंकर निर्मला देवी फाउंडेशन ने प्रदेश के प्रथम कार्यक्रम की लांचिंग मोदी सरकार के दो वर्ष के कार्यकाल पूर्ण होने पर राजेन्द्र राठौड़ ने की. कक्षा प्रथम से बारहवीं तक की शिक्षा के साथ ही चयनित बेटियों को प्रतिमाह एक हजार रुपए देगा फाउंडेशन. बच्चियों की यूनिफार्म पुस्तके कॉपी का खर्चा भी फाउंडेशन वहन करेगा.
कोरोना काल में अपने माता पिता को खोने वाली बच्चियों की शिक्षा और देखरेख का जिम्मा गौरीशंकर निर्मला देवी फाउंडेशन उठाएगा. मोदी सरकार के 2 वर्ष पूर्ण होने पर उप नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने गौरीशंकर निर्मला देवी फाउंडेशन की ओर से प्रारंभ किए गए कार्यक्रम को लांच किया.
माता-पिता को खोने वाली ऐसी बच्चियों के कक्षा प्रथम से बारहवीं तक की शिक्षा का खर्च फाउंडेशन की और से उठाया जाएगा, इतना ही नहीं चयनित बच्चियों के शिक्षा के साथ-साथ उनके यूनिफार्म, पुस्तकें, कॉपी का खर्च भी फाउंडेशन के द्वारा उठाया जाएगा.
राठौड़ ने कहा सरकारी आंकड़ों में काल कलवित होने वाले लोगों की संख्या कम हो सकती है इसलिए सभी जरूरतमंदों तक यह सहायता पहुंच सके इसके लिए चूरू और रतन नगर के सभी वार्डों में तथा चूरू विधानसभा के सभी 108 गांवों में वरिष्ठ नेताओं के निर्देशन में सर्वे करवाया जाएगा जिसमें देहात में प्रधान दीपचंद राहड़ और विक्रम कोटवाद के नेतृत्व में शहर में पूर्व जिला प्रमुख हरलाल सहारण पूर्व जिलाध्यक्ष डॉक्टर वासुदेव चावला और रतननगर में पूर्व चेयरमैन सत्यनारायण सैनी और पूर्व जिला अध्यक्ष बसंत शर्मा के नेतृत्व में टीम का गठन किया गया है.
राठौर ने कहा कि समाज की कोई भी बेटी असहाय ना रहे इसलिए इन बेटियों को मुख्यधारा में लाने के लिए इनके साथ वर्ष में दो बार इन के सर्वांगीण विकास के लिए सांस्कृतिक कार्यक्रम व इनके अभिरुचि के कार्य फाउंडेशन द्वारा किए जाएंगे.