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चूरू में नहीं निकली गणगौर की सवारी, घर पर ही पूजा और विसर्जन

कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते चूरू में हर साल धूमधाम से मनाये जाने वाले गणगौर पूजा पर इस बार रौनक गायब रही. सोशल डिस्टेंस के साथ युवतियों ने घरों में ही गणगौर पूजा की और घर पर ही विसर्जित किया.

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चूरू में नहीं निकाली गणगौर की सवारी
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Published : Mar 27, 2020, 8:05 PM IST

चूरू. कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते जिले में हर साल धूमधाम से मनाये जाने वाले गणगौर पूजा पर इस बार रौनक गायब रही. सोशल डिस्टेंस के साथ युवतियों ने घरों में ही गणगौर पूजा की और घर पर ही विसर्जन किया. लाॅकडाउन के चलते गणगौर चौक पर तारा छाई रात सांस्कृतिक कार्यक्रम भी निरस्त कर दिया गया.

चूरू में नहीं निकाली गणगौर की सवारी

हर साल धूमधाम के साथ मनाया जाने वाले प्रवाह पर इस बार रौनक गायब रही और गली-मौहल्लों में युवतियों की चहल-पहल भी देखने को नहीं मिली. गणगौर पूजने वाली युवतियां फूल और दूध लाने भी घर से बाहर नहीं निकली. उन्होने एक दिन पहले सिंजारा भी बिना घेवर की ही मनाया, तो वहीं मेहंदी भी घर पर ही रचाई, हालांकि कुछ महिलाएं गणगौर विसर्जन के लिए जरूर पहुचीं लेकिन, पुलिस ने उन्हें पहले ही रोक कर वापस घर भेज दिया.

पढ़ें- COVID-19: भीलवाड़ा में Corona पॉजिटिव दूसरे व्यक्ति की मौत, प्रभावित लोगों की संख्या हुई 21

बता दें कि हर साल चूरू में बड़े मंदिर, पंचमुखी बालाजी मंदिर और कई कॉलोनियों में भी गणगौर की सवारी निकलती थी. इस बार मंदिर में ही गणगौर की पूजा कर कुंड के चारों ओर परिक्रमा दिलवाकर रख दिया गया. पहली बार ऐसा हुआ कि गणगौर की सवारी नहीं निकाली गई और मेला भी नहीं भरा.

चूरू. कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते जिले में हर साल धूमधाम से मनाये जाने वाले गणगौर पूजा पर इस बार रौनक गायब रही. सोशल डिस्टेंस के साथ युवतियों ने घरों में ही गणगौर पूजा की और घर पर ही विसर्जन किया. लाॅकडाउन के चलते गणगौर चौक पर तारा छाई रात सांस्कृतिक कार्यक्रम भी निरस्त कर दिया गया.

चूरू में नहीं निकाली गणगौर की सवारी

हर साल धूमधाम के साथ मनाया जाने वाले प्रवाह पर इस बार रौनक गायब रही और गली-मौहल्लों में युवतियों की चहल-पहल भी देखने को नहीं मिली. गणगौर पूजने वाली युवतियां फूल और दूध लाने भी घर से बाहर नहीं निकली. उन्होने एक दिन पहले सिंजारा भी बिना घेवर की ही मनाया, तो वहीं मेहंदी भी घर पर ही रचाई, हालांकि कुछ महिलाएं गणगौर विसर्जन के लिए जरूर पहुचीं लेकिन, पुलिस ने उन्हें पहले ही रोक कर वापस घर भेज दिया.

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बता दें कि हर साल चूरू में बड़े मंदिर, पंचमुखी बालाजी मंदिर और कई कॉलोनियों में भी गणगौर की सवारी निकलती थी. इस बार मंदिर में ही गणगौर की पूजा कर कुंड के चारों ओर परिक्रमा दिलवाकर रख दिया गया. पहली बार ऐसा हुआ कि गणगौर की सवारी नहीं निकाली गई और मेला भी नहीं भरा.

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