चूरू. जिले में तेजी से फैल रहे कोरोना संक्रमण के प्रसार पर लगाम लगाना अब चिकित्सा विभाग के लिए चुनोती बन गया है. यहां कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के बाद जिले की चिकित्सा व्यवस्था बद से बदतर हो गई. पहले से ऑक्सीजन पर चल रही जिले की चिकित्सा व्यवस्था अब वेंटिलेटर पर आ गई है. चूरू में देर रात आई पंडित दीनदयाल उपाध्याय मेडिकल कॉलेज से जांच रिपोर्ट ने अब तक के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए और यहां एक साथ कोरोना रोगियों की संख्या 1 हजार पार दर्ज की गई है.
जिले में संक्रमित मरीजो की संख्या में इजाफा तो जब हो रहा है, जब प्रदेश में इस महामारी पर नियंत्रण पाने के लिए जन अनुशाशन पखवाड़ा लगाया गया है, अगर प्रसाशन की यह सख्ती भी नहीं होती तो हालात और कितने भयावह और बिगड़े होते इसका अंदाजा कोरोना संक्रमित मरीजो के दो दिन में आए आकड़ो से लगाया जा सकता है. जिले में कोरोना मरीजो की संख्या में इजाफे की एक मुख्य वजह यह भी है कि चिकित्सा विभाग अब उन इलाकों में लापरवाही बरत रहा है. जहां संक्रमित मरीजों के आने के बाद भी उन इलाके को माइक्रो कंटेनमेंट जोन घोषित नहीं किया जा रहा है.
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सैम्पलिंग के लिए नहीं पर्याप्त संसाधन
चूरू में सैम्पलिंग का कार्य कर रही टीमों के पास पर्याप्त मात्रा में संसाधन नहीं है. कोविड-19 का सैम्पल लेने के लिए vtm की कमी चल रही है. सैम्पलिंग करने वाले कार्मिकों को मास्क और ग्लव्स नही दिए जा रहे. बढ़ते मामलों के बाद सैम्पलिंग के लिए टीम और गठित करनी चाहिए, ताकि ग्रामीण क्षेत्रों में प्रॉपर सैम्पलिंग हो सके और कोरोना के बढ़ते मामलों की रफ्तार पर ब्रेक लग सके.