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कैसा है 'रैन' में बसेरा: चूरू नगर परिषद के आश्रय स्थल में रजाई-गद्दों के सिवाय कुछ खास इंतजाम नहीं - रैन बसेरे का रियलिटी चेक

कड़ाके की ठंड शुरू हो गई है. ऐसे में प्रदेश के रैन बसेरों के हालात जानने केलिए ईटीवी भारत की टीम हर जिले में पहुंचकर वहां की हकीकत से रूबरू हो रही है. इसी कड़ी में ईटीवी भारत चूरू के आश्रय स्थलों की जानकारी लेने पहुंचा. देखिए चूरू से स्पेशल रिपोर्ट..

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चूरू के रैन बसेरों का रियलिटी चेक
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Published : Dec 21, 2019, 5:36 PM IST

चूरू. जिले में पिछले 15 दिन से कड़ाके की ठंड शुरू हो गई है. ऐसे में चूरू नगर परिषद के बने रैन बसेरों के हालात जानने के लिए ईटीवी भारत की टीम ने रैन बसेरों की व्यवस्थाओं से रूबरू हुई. चूरू नगर परिषद की ओर से यहां दो रैन बसेरे बनाए गए है, लेकिन दोनों ही रैन बसेरों में सिर्फ रजाई और गद्दों के कुछ खास व्यवस्थाएं नहीं है.

चूरू के रैन बसेरों का रियलिटी चेक, देखें रिपोर्ट

शायद यही वजह है कि इन रैन बसेरों में रुकने के लिए भी 5-10 लोग ही आ रहे है. कड़ाके की ठंड के बाद भी रैन बसेरे खाली ही रहते हैं. हालांकि नगर परिषद की ओर से शहर के दोनों रैन बसेरों में 50-50 व्यक्तियों की ठहरने की व्यवस्था की गई है, तो वहीं ठहरने के लिए पुरुष और महिलाओं के लिए अलग-अलग ब्लॉक बनाए गए है.

पढ़ें- कैसा है 'रैन' में बसेरा: बूंदी में सभी सुविधाओं से लैस हैं आश्रय स्थल... गर्म पानी से लेकर टीवी तक की व्यवस्था, देखें स्पेशल रिपोर्ट

चूरू के इन रैन बसेरों में गर्म पानी के लिए गीजर लगाए तो गए हैं, लेकिन वे खराब है. हालांकि पीने के शुद्ध पानी के लिए यहां पर आरओ का पानी मंगवाया जा रहा है तो सुरक्षा के लिहाज से यहां केवल केयरटेकर की व्यवस्था है. दोनों ही रैन बसेरों के शौचलय साफ है, लेकिन एक रैन बसेरे के टॉयलेट में लाइट खराब है. जानिए रैन बसेरों में कैसी व्यवस्थाएं है और क्या खामियां है.

पढ़ें- कैसा है 'रैन' में बसेरा: झालावाड़ में बने आश्रय स्थलों का रियलिटी चेक

पुराना बस स्टैंड का रैन बसेरा
चूरू नगर परिषद के पुराना बस स्टैंड स्थित रैन बसेरे में अभी ठहरने के लिए इक्के-दुक्के लोग ही आ रहे है, हालांकि यहां पर रजाई व गद्दों की व्यवस्था तो है, लेकिन यहां के गीजर खराब है. यहां पर कमरों में बिजली की व्यवस्था तो है, लेकिन रैन बसेरे के दूसरे हिस्सों में रोशनी का अभाव है. महिला ब्लॉक में केवल पलंग लगाए गए है, हालांकि इस रैन बसेरे में ठहरे हुए व्यक्तियों का कहना है कि वे यहां की व्यवस्थाओ से खुश है लेकिन यह हकीकत नहीं है. इस रेन बसेरे के टॉयलेट्स में लाइट्स नहीं है.

पढ़ें- कैसा है 'रैन' में बसेरा: धौलपुर में गंदे बिस्तर और गंदगी के बीच सुविधाएं देने का दावा

नया बस स्टैंड का रैन बसेरा
चूरू नगर परिषद के नए बस स्टैंड के रैन बसेरा के बाहर दीवार नहीं है तो वही सामने ही गंदे पानी की नाली बह रही है. यहां के रैन बसेरे के गीजर भी खराब है तो इन रैन बसेरों में टीवी की सुविधा नहीं है. वहीं रैन बसेरे के कुछ हिस्से अंधेरे में डूबे रहते हैं, हालांकि रैन बसेरे के कमरों में रोशनी की पर्याप्त व्यवस्था है. इस रैन बसेरे में 50 व्यक्तियों के ठहरने की व्यवस्था है तो वहीं महिला और पुरुष के लिए अलग-अलग ब्लॉक्स बनाए गए हैं.

चूरू. जिले में पिछले 15 दिन से कड़ाके की ठंड शुरू हो गई है. ऐसे में चूरू नगर परिषद के बने रैन बसेरों के हालात जानने के लिए ईटीवी भारत की टीम ने रैन बसेरों की व्यवस्थाओं से रूबरू हुई. चूरू नगर परिषद की ओर से यहां दो रैन बसेरे बनाए गए है, लेकिन दोनों ही रैन बसेरों में सिर्फ रजाई और गद्दों के कुछ खास व्यवस्थाएं नहीं है.

चूरू के रैन बसेरों का रियलिटी चेक, देखें रिपोर्ट

शायद यही वजह है कि इन रैन बसेरों में रुकने के लिए भी 5-10 लोग ही आ रहे है. कड़ाके की ठंड के बाद भी रैन बसेरे खाली ही रहते हैं. हालांकि नगर परिषद की ओर से शहर के दोनों रैन बसेरों में 50-50 व्यक्तियों की ठहरने की व्यवस्था की गई है, तो वहीं ठहरने के लिए पुरुष और महिलाओं के लिए अलग-अलग ब्लॉक बनाए गए है.

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चूरू के इन रैन बसेरों में गर्म पानी के लिए गीजर लगाए तो गए हैं, लेकिन वे खराब है. हालांकि पीने के शुद्ध पानी के लिए यहां पर आरओ का पानी मंगवाया जा रहा है तो सुरक्षा के लिहाज से यहां केवल केयरटेकर की व्यवस्था है. दोनों ही रैन बसेरों के शौचलय साफ है, लेकिन एक रैन बसेरे के टॉयलेट में लाइट खराब है. जानिए रैन बसेरों में कैसी व्यवस्थाएं है और क्या खामियां है.

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पुराना बस स्टैंड का रैन बसेरा
चूरू नगर परिषद के पुराना बस स्टैंड स्थित रैन बसेरे में अभी ठहरने के लिए इक्के-दुक्के लोग ही आ रहे है, हालांकि यहां पर रजाई व गद्दों की व्यवस्था तो है, लेकिन यहां के गीजर खराब है. यहां पर कमरों में बिजली की व्यवस्था तो है, लेकिन रैन बसेरे के दूसरे हिस्सों में रोशनी का अभाव है. महिला ब्लॉक में केवल पलंग लगाए गए है, हालांकि इस रैन बसेरे में ठहरे हुए व्यक्तियों का कहना है कि वे यहां की व्यवस्थाओ से खुश है लेकिन यह हकीकत नहीं है. इस रेन बसेरे के टॉयलेट्स में लाइट्स नहीं है.

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नया बस स्टैंड का रैन बसेरा
चूरू नगर परिषद के नए बस स्टैंड के रैन बसेरा के बाहर दीवार नहीं है तो वही सामने ही गंदे पानी की नाली बह रही है. यहां के रैन बसेरे के गीजर भी खराब है तो इन रैन बसेरों में टीवी की सुविधा नहीं है. वहीं रैन बसेरे के कुछ हिस्से अंधेरे में डूबे रहते हैं, हालांकि रैन बसेरे के कमरों में रोशनी की पर्याप्त व्यवस्था है. इस रैन बसेरे में 50 व्यक्तियों के ठहरने की व्यवस्था है तो वहीं महिला और पुरुष के लिए अलग-अलग ब्लॉक्स बनाए गए हैं.

Intro:चूरू। चूरू में पिछले 15 दिन से कड़ाके की ठंड शुरू हो गई है। ऐसे में चूरू नगर परिषद के बने रैन बसेरों के हालात जानने के लिए ईटीवी भारत की टीम ने रैन बसेरों की व्यवस्थाओं से रूबरू हुई। चूरू नगर परिषद की ओर से यहां दो रैन बसेरे बनाए गए है। लेकिन दोनों ही रैन बसेरों में सिवाय रजाई और गद्दों के कुछ खास व्यवस्थाएं नहीं है।
शायद यही वजह है कि इन रेन बसेरों में रुकने के लिए भी 5-10 लोग ही आ रहे है। कड़ाके की ठंड के बाद भी रैन बसेरे खाली ही रहते हैं। हालांकि नगर परिषद की ओर से शहर के दोनों रैन बसेरों में 50-50 व्यक्तियों की ठहरने की व्यवस्था की गई है, तो वहीं ठहरने के लिए पुरुष और महिलाओं के लिए अलग-अलग ब्लॉक बनाए गए है।
चूरू के इन रैन बसेरों में गरम पानी के लिए गीजर लगाए तो गए हैं लेकिन वे खराब है। हालांकि पीने के शुद्ध पानी के लिए यहां पर आरओ का पानी मंगवाया जा रहा है तो सुरक्षा के लिहाज से यहां केवल केयरटेकर की व्यवस्था है। दोनों ही रैन बसेरों के टॉयलेट्स हालांकि साफ है लेकिन एक रैन बसेरे के टॉयलेट में लाइट खराब है।




Body:: चूरू नगर परिषद के दो रैन बसेरों में यह है व्यवस्थाएं तो यह है खामियां
:1 पुराना बस स्टैंड का रैन बसेरा
चूरू नगर परिषद के पुराना बस स्टैंड स्थित रैन बसेरे में अभी ठहरने के लिए इक्के-दुक्के लोग ही आ रहे है। हालांकि यहां पर रजाई व गद्दों की व्यवस्था तो है लेकिन यहां के गीजर खराब है। हालांकि यहां पर कमरों में तो बिजली की व्यवस्था है लेकिन रैन बसेरे के दूसरे हिस्सों में रोशनी का अभाव है।
महिला ब्लॉक में केवल पलंग लगाए गए है। हालांकि इस रेन बसेरे में ठहरे हुए व्यक्तियों का कहना है कि वे यहां की व्यवस्थाओ से खुश है लेकिन यह हकीकत नहीं है। इस रेन बसेरे के टॉयलेट्स में लाइट्स नहीं है।
:2 नया बस स्टैंड रैन बसेरा
चूरू नगर परिषद के नए बस स्टैंड के रेन बसेरा के बाहर दीवार नहीं है तो वही सामने ही गंदे पानी की नाली बह रही है। यहां के रैन बसेरे के गीजर भी खराब है तो इन रैन बसेरों में टीवी की सुविधा नहीं है।
वही रेन बसेरे के कुछ हिस्से अंधेरे में डूबे रहते हैं हालांकि रेन बसेरे के कमरों में रोशनी की पर्याप्त व्यवस्था है। इस रेन बसेरे में 50 व्यक्तियों के ठहरने की व्यवस्था है तो वहीं महिला और पुरुष के लिए अलग-अलग ब्लॉक्स बनाए गए हैं।



Conclusion:बाइट: एक- सुभाष मीणा
रैन बसेरे में ठहरे सुभाष मीणा का कहना है कि मैं चूरू में कोचिंग करता हूं और आज बस निकलने की वजह से रेन बसेरे में ही रुका हूं।यहां की व्यवस्था है ठीक-ठाक है रजाई गद्दे और पीने के पानी की व्यवस्था है।
बाइट: दो- रावत सिंह
रैन बसेरे में ठहरे रावत सिंह का कहना है कि रैन बसेरे में रजाई व गधों की व्यवस्था है। बिजली की भी व्यवस्था है मैं व्यवस्थाओं से खुश हूं।
बाइट: तीन- सीताराम, केयरटेकर, पुराना बस स्टैंड रैन बसेरा केयर टेकर का कहना है कि महिला और पुरुष पुरुष के लिए अलग-अलग ब्लॉक है। गद्दे और रजाई की व्यवस्था है। गीजर हालांकि खराब है जिसे ठीक करवाने के लिए नगर परिषद में एप्लीकेशन दे रखी है।
बाइट: चार- केयरटेकर, नया बस स्टैंड रेन बसेरा
रैन बसेरे के गीजर खराब है गर्म पानी के लिए रॉड की व्यवस्था है। पीने के लिए पानी के कैंपर मंगवाते हैं और यहां पर महिला और पुरुष के रुकने की व्यवस्था है, दोनों के अलग-अलग ब्लॉक है।
बाइट: पांच- द्वारका प्रसाद, प्रभारी, रैन बसेरा, नगर परिषद, चूरू
चूरू नगर परिषद के शहर में दो रैन बसेरे हैं। दोनों में केयरटेकर लगाए गए हैं समय-समय पर मैं भी निरीक्षण करता रहता हूं। हालांकि वहां के गीजर खराब है जिन्हें ठीक करवाया जाएगा। दूसरी व्यवस्थाओं को भी दुरुस्त किया जाएगा।
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