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चूरू में अलग-अलग रूप में नजर आईं दुर्गा माता

चूरू में नवरात्र के दौरान मां दुर्गा की प्रतिमाओं को अलग-अलग ढंग से सजाने की होड़ मची है. शहर में कुछ श्रद्धालुओं ने माचिस की तीलियों से प्रतिमा को सजाया तो वहीं कुछ श्रद्धालुओं ने ड्राई फ्रूट से सजाया है.

Churu Navratra News, चूरू न्यूज
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Published : Sep 30, 2019, 6:32 PM IST

चूरू. नवरात्र स्थापना के साथ ही शहर में करीब चार दर्जन से ज्यादा स्थानों पर दुर्गा पूजा पंडालों में स्थापित की गई मां दुर्गा की मूर्तियों को अलग-अलग अंदाज में सजाया जा रहा है. जहां कुछ भक्तों ने माचिस की तीलियों से प्रतिमा को सजाया है तो कुछ स्थानों पर प्रतिमाओं को सजाने के लिए ड्राई फ्रूट्स का इस्तेमाल किया गया है.

पढ़ें- अलवर आए दिन हो रहा बदनाम, 24 घंटे में तीन दुष्कर्म के मामले आए सामने

शहर में कई जगह पर मां दुर्गा के साथ गणेश, भगवान शिव और दूसरे देवी-देवताओं की प्रतिमाएं भी लगाई गई हैं. कुछ दुर्गा पूजा पांडाल में मां भगवती की मूर्तियां बंगाल के कलाकारों द्वारा बनाई गई हैं.

मोचीवाड़ा में सवा लाख तीलियों से बनाई मां दुर्गा की प्रतिमा

वार्ड नं. 34 के मोचीवाड़ा कॉलोनी में नव दुर्गा भक्त मंडल की ओर से माचिस की सवा लाख तीलियों से दुर्गा मां की प्रतिमा तैयार की गई है. इस प्रतिमा को सीकर के कलाकार पंडित लोकनाथ शर्मा ने तैयार किया है. प्रतिमा को बनाने में करीब एक क्विंटल मिट्टी और एक क्विंटल घास के साथ ही माचिस की तीलियों को चिपकाने के लिए पांच किलो से ज्यादा फेविकोल का भी इस्तेमाल किया गया है.

चूरू में अलग-अलग रूप में नजर आईं दुर्गा माता

तीलियों से मूर्ति बनी होने के कारण किसी प्रकार की आग लगने जैसी अनहोनी घटना नहीं हो इसके लिए भी यहां पर बाकायदा आग बुझाने के सिलेंडर लगाए गए हैं तो मिट्टी की बाल्टियां भी रखी गई हैं. प्रतिमा की पूजा भी करीब पांच फीट दूर से की जा रही है जिससे कि आग लगने जैसी कोई घटना घटित नहीं हो.

चांदनी चौक में ड्राई फ्रूट से बनाई प्रतिमा

जिले के चांदनी चौक में मां दुर्गा की प्रतिमा को ड्राई फ्रूट से तैयार किया गया है. इसके लिए 12 किलो बादाम, अखरोट, किसमिस व काजू से मां दुर्गा का श्रृंगार किया गया है. इन्हें चिपकाने के लिए भी फेवीकोल का इस्तेमाल किया गया है. इस प्रतिमा को बनाने में 21 दिन का समय लगा है. साथ ही इसमें करीब एक क्विंटल मिट्टी के साथ ही एक क्विंटल से ज्यादा घास काम में ली गई है.

चूरू. नवरात्र स्थापना के साथ ही शहर में करीब चार दर्जन से ज्यादा स्थानों पर दुर्गा पूजा पंडालों में स्थापित की गई मां दुर्गा की मूर्तियों को अलग-अलग अंदाज में सजाया जा रहा है. जहां कुछ भक्तों ने माचिस की तीलियों से प्रतिमा को सजाया है तो कुछ स्थानों पर प्रतिमाओं को सजाने के लिए ड्राई फ्रूट्स का इस्तेमाल किया गया है.

पढ़ें- अलवर आए दिन हो रहा बदनाम, 24 घंटे में तीन दुष्कर्म के मामले आए सामने

शहर में कई जगह पर मां दुर्गा के साथ गणेश, भगवान शिव और दूसरे देवी-देवताओं की प्रतिमाएं भी लगाई गई हैं. कुछ दुर्गा पूजा पांडाल में मां भगवती की मूर्तियां बंगाल के कलाकारों द्वारा बनाई गई हैं.

मोचीवाड़ा में सवा लाख तीलियों से बनाई मां दुर्गा की प्रतिमा

वार्ड नं. 34 के मोचीवाड़ा कॉलोनी में नव दुर्गा भक्त मंडल की ओर से माचिस की सवा लाख तीलियों से दुर्गा मां की प्रतिमा तैयार की गई है. इस प्रतिमा को सीकर के कलाकार पंडित लोकनाथ शर्मा ने तैयार किया है. प्रतिमा को बनाने में करीब एक क्विंटल मिट्टी और एक क्विंटल घास के साथ ही माचिस की तीलियों को चिपकाने के लिए पांच किलो से ज्यादा फेविकोल का भी इस्तेमाल किया गया है.

चूरू में अलग-अलग रूप में नजर आईं दुर्गा माता

तीलियों से मूर्ति बनी होने के कारण किसी प्रकार की आग लगने जैसी अनहोनी घटना नहीं हो इसके लिए भी यहां पर बाकायदा आग बुझाने के सिलेंडर लगाए गए हैं तो मिट्टी की बाल्टियां भी रखी गई हैं. प्रतिमा की पूजा भी करीब पांच फीट दूर से की जा रही है जिससे कि आग लगने जैसी कोई घटना घटित नहीं हो.

चांदनी चौक में ड्राई फ्रूट से बनाई प्रतिमा

जिले के चांदनी चौक में मां दुर्गा की प्रतिमा को ड्राई फ्रूट से तैयार किया गया है. इसके लिए 12 किलो बादाम, अखरोट, किसमिस व काजू से मां दुर्गा का श्रृंगार किया गया है. इन्हें चिपकाने के लिए भी फेवीकोल का इस्तेमाल किया गया है. इस प्रतिमा को बनाने में 21 दिन का समय लगा है. साथ ही इसमें करीब एक क्विंटल मिट्टी के साथ ही एक क्विंटल से ज्यादा घास काम में ली गई है.

Intro:चूरू। नवरात्रा स्थापना के साथ ही शहर में करीब चार दर्जन से ज्यादा स्थानों पर दुर्गा पूजा पंडालों में स्थापित की गई मां दुर्गा की मूर्तियों को अलग-अलग अंदाज में सजाया जा रहा है। जहां कुछ भक्तों ने माचिस की तीलियों से प्रतिमा को सजाया है तो कुछ स्थानों पर प्रतिमा को सजाने के लिए ड्राई फ्रूट्स का इस्तेमाल किया गया है।
यानी कि शहर के पंडालों में सजी मां दुर्गा की प्रतिमा को अलग अलग अंदाज में स्थापित करने की होड़ सी मच गई है। इसी तरह कई जगह पर मां दुर्गा के साथ गणेश, भगवान शिव और दूसरे देवी-देवताओं की प्रतिमाएं भी लगाई गई है। कुछ दुर्गा पूजा पंडाल में मां भगवती की मूर्तियां बंगाल के कलाकारों द्वारा बनाई गई है।


Body:मोचीवाड़ा में सवा लाख तीलियों से बनाई मां दुर्गा प्रतिमा
वार्ड 34 के मोचीवाड़ा कॉलोनी में नव दुर्गा भक्त मंडल की ओर से माचिस की सवा लाख तीलियों से दुर्गा की प्रतिमा तैयार की गई है। इस प्रतिमा को सीकर के कलाकार पंडित लोकनाथ शर्मा ने तैयार किया है।
प्रतिमा को बनाने में करीब एक क्विंटल मिट्टी और एक क्विंटल घास के साथ ही माचिस की तीलियों को चिपकाने के लिए पांच किलो से ज्यादा फेविकोल का भी इस्तेमाल किया गया है। तीलियों से मूर्ति बनी होने के कारण किसी प्रकार की आग लगने जैसी अनहोनी घटना नहीं हो इसके लिए भी यहां पर बाकायदा आग बुझाने के सिलेंडर लगाए गए हैं तो मिट्टी की बाल्टियां भी रखी गई है। प्रतिमा की पूजा भी करीब पांच फीट दूर से की जा रही है जिससे कि आग लगने जैसी कोई घटना घटित नहीं हो।


Conclusion:चांदनी चौक में ड्राई फ्रूट से बनाई प्रतिमा
चूरू के चांदनी चौक में मां दुर्गा की प्रतिमा को ड्राई फ्रूट से तैयार किया गया है। इसके लिए12 किलो बादाम, अखरोट, किसमिस व काजू से मां दुर्गा का श्रगांर किया गया हैं और इन्हें चिपकाने के लिए भी फेवीकोल का इस्तेमाल किया गया है।
इस प्रतिमा को बनाने में 21 दिन का समय लगा और इसमें करीब एक क्विंटल मिट्टी के साथ ही एक क्विंटल से ज्यादा घास काम में ली गई है।
बाइट: एक- विष्णु भार्गव, चांदनी चौक, दुर्गा पूजा।
चांदनी चौक दुर्गा पूजा महोत्सव में मां दुर्गा की प्रतिमा को ड्राई फ्रूट से सजाया गया है और इसे सीकर के कलाकारों ने तैयार किया है। इसके लिए 12 किलो ड्राई फ्रूट इस्तेमाल किया गया है।
बाइट: दो- रामरतन प्रजापत, मोचीवाड़ा दुर्गा पूजा।
मां दुर्गा की प्रतिमा को माचिस की सवा लाख तीलियों से सजाया गया है। इसे सीकर के कलाकारों ने करीब एक सप्ताह में तैयार किया है। प्रतिमा व पंडाल की सुरक्षा के इंतजाम किए गए है।
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