चूरू. करीब दस साल बाद चूरू के अपर जिला एवं सेशन न्यायालय ने शुक्रवार को तिहरे हत्याकांड में अपना फैसला सुनाते हुए तीन आरोपियों को उम्रकैद की सजा सुनाई है. आरोपियों ने साल 2010 में हीरा व्यवसायियों के साथ लूट की वारदात को अंजाम देकर उन्हें मौत के घाट उतार दिया था. इस मामले में चूरू की अपर जिला एवं सेशन न्यायधीश रंजना सराफ ने आरोपियों को शुक्रवार को सजा सुनाई है.
आरोपियों ने जयपुर निवासी हीरा कारोबारी सूरज सैनी, मुकेश और शैलेश के साथ 25 सितंबर को 25 लाख रुपये के हीरों की लूट की वारदात को अंजाम देकर तीनों को मौत के घाट उतार दिया था. जिसके बाद तीनों की लाशों को अलग-अलग स्थानों पर फेंक दिया था.
वहीं, सरदारशहर थाने में दर्ज मामले के आधार पर पुलिस ने कॉल डिटेल और लॉकेशन के आधार पर 28 और 29 सितंबर को सरदारशहर निवासी आरोपी दिलीप, दीनदयाल और गजानंद को गिरफ्तार कर न्यालय में चालान पेश किया और 40 गवाहों और बयानों के आधार पर न्यालय ने तीनों आरोपियों को शुक्रवार को दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा से दंडित किया है.
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हत्या की वारदात को अंजाम देने वाले आरोपियो में दीनदयाल और दिलीप सगे भाई हैं और गजानंद इनकी बुआ का लड़का है. इन तीनों ही आरोपियों ने षड्यंत्र कर पहले हीरा कारोबारियों को कॉफी में जहर दिया. जिसके बाद शैलेश की मौत हो गई और सूरज और मुकेश अचेत हो गए.
जिनका गला घोंट कर आरोपियों ने मौत के घाट उतारा और तीनों के शवों को तीन अलग-अलग स्थानों पर फेंक दिया. जिससे पुलिस इस तिहरे हत्याकांड की हिस्ट्री ना जुटा पाए. आरोपियों ने मुकेश के शव को पूलासर गांव की रोही में, सूरज के शव को बिग्गा की रोही में और शैलेश के शव को ढुकियासर में फेंका था.