रतनगढ़ (चूरू). रतनगढ़ तहसील के अंतर्गत आने वाले ग्राम रतनपुरा में संचालित निजी विद्यालय में हर्षात अध्ययन के लिए गया हुआ था. जबकि सरकार के आदेशानुसार 5वीं कक्षा तक के छात्रों को स्कूल में बुलाना वर्जित है. इसके बावजूद भी स्कूल में गया था.
मंगलवार दोपहर को अचानक स्कूल में हर्षात खेलते-खेलते गिर गया और उसकी तबियत बिगड़ गई. इस पर स्कूल स्टाफ उसे सीएचसी ले गया. सीएचसी से स्कूल स्टाफ उसे सीधा उसके घर खुडेरा लाकर घर के बाहर छोड़कर घर वालों को बिना बताए चले गए. जब घर वालों ने देखा तो हर्षात बेहोशी हालत में पड़ा था. इस पर घर वाले उसे रतनगढ़ राजकीय चिकित्सालय लेकर गए. जहां पर चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया.
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वहीं स्कूल संचालक रामनाथ गोदारा का कहना है, यह सब आरोप गलत है. स्कूल की ओर से जब छात्र की तबियत बिगड़ी थी, उसे गांव की सीएचसी ले जाकर दिखाया गया था. उसे स्वस्थ हालत में घर छोड़ा गया था. विद्यालय रिकॉर्ड में वो छात्र नहीं है. मात्र छात्र के परिवार वालों के आग्रह पर उसे स्कूल आने की इजाजत दी थी. जबकि सरकार के आदेशानुसार कोरोना के चलते कक्षा एक से पांचवी तक के छात्र-छात्राओं को स्कूल लग ही नहीं सकता.
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बता दें कि समाचार लिखे जाने तक अस्पताल मोर्चरी के आगे माहौल गरम था. छात्र के परिजनों की ओर से थाने में कार्रवाई के लिए लिखित में सूचना दे दी गई. वहीं थाना इंचार्ज मनोज मूड़ मय पुलिस जाप्ते के हालात पर नियंत्रण किए हुए हैं.