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चूरू की मॉडल गोशाला: यहां गोवंश पीते हैं RO का पानी और खाते हैं ऑर्गेनिक चारा...पक्षियों के लिए भी 9 मंजिला घर

चूरू के सालासार की गोशाला प्रदेश की मॉडल गोशालाओं में से एक है. यहां गोवंश RO का मीठा पानी पीते हैं और इन्हें इजराइली तकनीक से तैयार की गई ऑर्गेनिक हरी घास खाने को दी जाती है. गोवंश को गर्मी से बचाने के लिए फॉगिग सिस्टम भी उपलब्ध है. हर रोज गोशाला में एक क्विंटल आटे की रोटियां मशीन से तैयार होती हैं. इसके अलावा यहां पर पक्षियों के लिए भी 9 मंजिला घर तैयार किया गया है. यही नहीं, यहां गाय के गोबर से धार्मिक आयोजनों में काम आने वाली हवन सामग्री और धूप बत्ती भी बनाई जाती है. गोमूत्र से गो अर्क और साफ सफाई के लिए गोनाइल भी तैयार किया जाता है. गोवंशों की CCTV कैमरे से लगातार निगरानी होती है. पढ़ें पूरी खबर.

गोवंशों की सुविधा हैं पूरे इंतजाम, Sri Balaji Goshala Institute of Salasar, Churu,  complete arrangement for cows
चूरू के सालासर की श्री बालाजी गोशाला संस्थान
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Published : Apr 3, 2021, 5:45 PM IST

चूरू. जिले के सालासर की श्री बालाजी गोशाला संस्थान जिसे हम प्रदेश ही नहीं बल्कि देश की टॉप और मॉडल गोशालाओं में से एक कहें तो अतिश्योक्ति नहीं होगी. चूरू की इस गोशाला को खास बनाती है यहां रहने वाले गोवंशों को मिलने वाली सुख-सुविधाएं. यहां गायों के साफ और शुद्ध पानी पीने के लिए RO वॉटर प्लांट लगा है. इसके अलावा खाने के लिए ऑर्गेनिक हरी घास है. गोवंश को गर्मी से राहत देने के लिए फॉगिग सिस्टम की भी व्यवस्था की गई है.

चूरू के सालासर की श्री बालाजी गोशाला संस्थान

गोवंश के लिए यहां मशीनों पर रोटियां सेंककर तैयार की जाती है. गोशाला में गोवंशों की संख्या अधिक होने पर होने पर अत्याधुनिक मशीन लगाई गई है जिसमे एक घंटे में करीब एक हजार रोटियां सेंककर तैयार हो जाती हैं तो वहीं गायों के लिए हरे चारे की यहां 24 घंटे व्यवस्था रहती है. खास इजराइली तकनीक से तैयार मशीन में यहां बिना मिट्टी के हरी घास तैयार होती है. ये वे तमाम सुविधाएं है जो यहां रहने वाले गोवंशों को मिलती हैं. इन्ही संसाधनों के चलते इस गोशाला का नाम देश और प्रदेश की मॉडल गोशालाओं में शुमार किया जाता है.

गोवंशों की सुविधा हैं पूरे इंतजाम, Sri Balaji Goshala Institute of Salasar, Churu,  complete arrangement for cows
खास-खास

पढ़ें: Special: 'घर में बची हुई दवाइयां कचरे में नहीं फेंके...हमें दें'

1600 से अधिक हैं गोवंश

प्रदेश की इस मॉडल गोशाला में 1600 से अधिक गोवंश हैं जिनमें दिव्यांग और निराश्रित गोवंश भी शामिल हैं. संस्थान के अध्यक्ष रविशंकर पुजारी ने बताया की गोशाला में ऐसी कुछ ही गाय हैं जो दूध देती है. गोशाला में अधिकतर वह गोवंश हैं जो सालासर के आसपास के गांवों में खेतों में और सड़कों पर लावारिस घूम रहीं थी जिनमे किसी के एक पैर नहीं थे तो कोई दृष्टिबाधित हैं, उन तमाम गोवंश को हमने इस गोशाला में लाकर उनकी देखरेख शुरू की है.

चूरू की मॉडल गोशाला, Sri Balaji Goshala Institute of Salasar, Churu
गोबर से उत्पाद

गोबर, गोमूत्र से तैयार हो रहीं ये चीजें

प्रदेश की इस मॉडल गोशाला में गाय के गोबर से गो कास्ट, धूप बत्ती और धार्मिक आयोजनों में काम आने वाली हवन सामग्री तैयार की जाती है. संस्थान अध्यक्ष रवि शंकर पुजारी बताते हैं कि गाय के गोबर से तैयार गोकास्ट को दाह संस्कार में भी काम में लिया जाता है. गोबर से ये सामग्री तैयार करने का मुख्य उद्देश्य लकड़ियों की अवैध और अधिक कटाई को रोकना भी है. रविशंकर का कहना है कि जब गोकास्ट से दाह संस्कार हो सकता है तो लकड़ियों की आवश्यकता नहीं पड़ेगी तो यहां गायों के गो मूत्र से गोअर्क और घर में साफ-सफाई के लिए गोनाइल के रूप में तैयार किया जा रहा है.

चूरू की मॉडल गोशाला, Sri Balaji Goshala Institute of Salasar, Churu
गोशाला में पशु अस्पताल

पढ़ें: SPECIAL : पर्यावरण संरक्षण के लिए अलवर जिला परिषद की अभिनव पहल...कबाड़ को दिया नया रूप, सरकार ने की सराहना

CCTV कैमरे से निगरानी

सालासर की इस मॉडल गोशाला की निगरानी के लिए यहां सीसीटीवी कैमरे लगे हैं. 37 सीसीटीवी कैमरों से गोशाला के चप्पे-चप्पे पर नजर रखी जाती है. गोशाला के 1600 से अधिक गोवंश 24 घंटे कैमरों की निगरानी में रहते हैं जबकि प्रदेश की इस मॉडल गोशाला में 60 कर्मचारियों का स्टाफ है. इस मॉडल गोशाला में गोवंश को मिलने वाली इन तमाम सुख-सुविधाओं पर जो खर्च होता है वह सरकार से मिलने वाले अनुदान और भामाशाहों के सहयोग से होता है.

गोवंशों की सुविधा हैं पूरे इंतजाम, Sri Balaji Goshala Institute of Salasar, Churu,  complete arrangement for cows
रोटी बनाने की मशीन

पक्षियों के लिए है 9 मंजिला घर

इस मॉडल गोशाला में पक्षियों के लिए भी खास घर है. यहां पक्षियों के 9 फ्लोर का घर है जो वातानुकूलित है. इसमें एक हजार पक्षियों के रहने की क्षमता है. इस नौ फ्लोर के घर की खास बात यह है कि यह सर्दियों में गर्म और गर्मियों में ठंडा रहता है. पक्षियों के इस घर में एसीपी शीट का प्रयोग किया गया है जहां दाना-पानी की पूरी व्यवस्था होती है.

ICU से लेकर Operation Ttheater तक की व्यवस्था

प्रदेश की इस मॉडल गोशाला में बीमार और accidental गोवंश के उपचार के लिए अस्पताल की व्यवस्था भी है. गोवंशों के लिए बने इस अस्पताल में गंभीर बीमार और एक्सिडेंटल गोवंश के लिए ICU वार्ड, X-Ray रूम, ट्रामा वार्ड, ऑपरेशन थियेटर, ओपीडी और जांच की सुविधा है गोवंश के इस अस्पताल में 1 डॉक्टर, चार कंपाउंडर सहित कुल 8 कर्मचारियों का स्टाफ है.

चूरू. जिले के सालासर की श्री बालाजी गोशाला संस्थान जिसे हम प्रदेश ही नहीं बल्कि देश की टॉप और मॉडल गोशालाओं में से एक कहें तो अतिश्योक्ति नहीं होगी. चूरू की इस गोशाला को खास बनाती है यहां रहने वाले गोवंशों को मिलने वाली सुख-सुविधाएं. यहां गायों के साफ और शुद्ध पानी पीने के लिए RO वॉटर प्लांट लगा है. इसके अलावा खाने के लिए ऑर्गेनिक हरी घास है. गोवंश को गर्मी से राहत देने के लिए फॉगिग सिस्टम की भी व्यवस्था की गई है.

चूरू के सालासर की श्री बालाजी गोशाला संस्थान

गोवंश के लिए यहां मशीनों पर रोटियां सेंककर तैयार की जाती है. गोशाला में गोवंशों की संख्या अधिक होने पर होने पर अत्याधुनिक मशीन लगाई गई है जिसमे एक घंटे में करीब एक हजार रोटियां सेंककर तैयार हो जाती हैं तो वहीं गायों के लिए हरे चारे की यहां 24 घंटे व्यवस्था रहती है. खास इजराइली तकनीक से तैयार मशीन में यहां बिना मिट्टी के हरी घास तैयार होती है. ये वे तमाम सुविधाएं है जो यहां रहने वाले गोवंशों को मिलती हैं. इन्ही संसाधनों के चलते इस गोशाला का नाम देश और प्रदेश की मॉडल गोशालाओं में शुमार किया जाता है.

गोवंशों की सुविधा हैं पूरे इंतजाम, Sri Balaji Goshala Institute of Salasar, Churu,  complete arrangement for cows
खास-खास

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1600 से अधिक हैं गोवंश

प्रदेश की इस मॉडल गोशाला में 1600 से अधिक गोवंश हैं जिनमें दिव्यांग और निराश्रित गोवंश भी शामिल हैं. संस्थान के अध्यक्ष रविशंकर पुजारी ने बताया की गोशाला में ऐसी कुछ ही गाय हैं जो दूध देती है. गोशाला में अधिकतर वह गोवंश हैं जो सालासर के आसपास के गांवों में खेतों में और सड़कों पर लावारिस घूम रहीं थी जिनमे किसी के एक पैर नहीं थे तो कोई दृष्टिबाधित हैं, उन तमाम गोवंश को हमने इस गोशाला में लाकर उनकी देखरेख शुरू की है.

चूरू की मॉडल गोशाला, Sri Balaji Goshala Institute of Salasar, Churu
गोबर से उत्पाद

गोबर, गोमूत्र से तैयार हो रहीं ये चीजें

प्रदेश की इस मॉडल गोशाला में गाय के गोबर से गो कास्ट, धूप बत्ती और धार्मिक आयोजनों में काम आने वाली हवन सामग्री तैयार की जाती है. संस्थान अध्यक्ष रवि शंकर पुजारी बताते हैं कि गाय के गोबर से तैयार गोकास्ट को दाह संस्कार में भी काम में लिया जाता है. गोबर से ये सामग्री तैयार करने का मुख्य उद्देश्य लकड़ियों की अवैध और अधिक कटाई को रोकना भी है. रविशंकर का कहना है कि जब गोकास्ट से दाह संस्कार हो सकता है तो लकड़ियों की आवश्यकता नहीं पड़ेगी तो यहां गायों के गो मूत्र से गोअर्क और घर में साफ-सफाई के लिए गोनाइल के रूप में तैयार किया जा रहा है.

चूरू की मॉडल गोशाला, Sri Balaji Goshala Institute of Salasar, Churu
गोशाला में पशु अस्पताल

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CCTV कैमरे से निगरानी

सालासर की इस मॉडल गोशाला की निगरानी के लिए यहां सीसीटीवी कैमरे लगे हैं. 37 सीसीटीवी कैमरों से गोशाला के चप्पे-चप्पे पर नजर रखी जाती है. गोशाला के 1600 से अधिक गोवंश 24 घंटे कैमरों की निगरानी में रहते हैं जबकि प्रदेश की इस मॉडल गोशाला में 60 कर्मचारियों का स्टाफ है. इस मॉडल गोशाला में गोवंश को मिलने वाली इन तमाम सुख-सुविधाओं पर जो खर्च होता है वह सरकार से मिलने वाले अनुदान और भामाशाहों के सहयोग से होता है.

गोवंशों की सुविधा हैं पूरे इंतजाम, Sri Balaji Goshala Institute of Salasar, Churu,  complete arrangement for cows
रोटी बनाने की मशीन

पक्षियों के लिए है 9 मंजिला घर

इस मॉडल गोशाला में पक्षियों के लिए भी खास घर है. यहां पक्षियों के 9 फ्लोर का घर है जो वातानुकूलित है. इसमें एक हजार पक्षियों के रहने की क्षमता है. इस नौ फ्लोर के घर की खास बात यह है कि यह सर्दियों में गर्म और गर्मियों में ठंडा रहता है. पक्षियों के इस घर में एसीपी शीट का प्रयोग किया गया है जहां दाना-पानी की पूरी व्यवस्था होती है.

ICU से लेकर Operation Ttheater तक की व्यवस्था

प्रदेश की इस मॉडल गोशाला में बीमार और accidental गोवंश के उपचार के लिए अस्पताल की व्यवस्था भी है. गोवंशों के लिए बने इस अस्पताल में गंभीर बीमार और एक्सिडेंटल गोवंश के लिए ICU वार्ड, X-Ray रूम, ट्रामा वार्ड, ऑपरेशन थियेटर, ओपीडी और जांच की सुविधा है गोवंश के इस अस्पताल में 1 डॉक्टर, चार कंपाउंडर सहित कुल 8 कर्मचारियों का स्टाफ है.

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