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स्पेशल स्टोरीः अतीत के झरोखे से निहार रहा ऐतिहासिक गणगौरी चौक का जर्जर भवन

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Published : Dec 16, 2019, 11:52 PM IST

Updated : Dec 17, 2019, 12:02 AM IST

चूरू के सादुलपुर में स्थित ऐतिहासिक गणगौरी चौक, जिसे गणगौर मेला स्थल माना जाता है, वह नगरपालिका की अनदेखी का शिकार हो गया है. गणगौर पर्व पर महिलाएं से गुलजार रहने वाला चौक अब गंदगी से अटा पड़ा है. प्राकृतिक कारणों से जीर्ण-शीर्ण हुए भवन की भी सुध प्रशासन नहीं ले रहा है.

चूरू न्यूज, churu news
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सादुलपुर (चूरू). गणगौर को त्योहार राजस्थान में बहुत महत्ता रखता है. इस दिन महिलाएं गणगौर की पुजा करके उसे कुएं में विसर्जित करती हैं. यह पर्व प्रदेश के कोने-कोने में मनाया जाता है. जितना महत्व गणगौर का है, उतना ही मंदिर और पुजा स्थल की स्वच्छता का भी है. लेकिन, जिले के सादुलपुर में स्थित गणगौर मेला स्थल गणगौरी चौक की दुर्दशा पर पूरा शहर आंसू बहा रहा है.

णगौर मेला स्थल जीर्ण-शिर्ण हालत में

शहर के मध्य स्थित गणगौर मेला स्थल नगरपालिका प्रशासन की अनदेखी के कारण क्षतिग्रस्त हो चुका है. यही नहीं मेला स्थल पर लोकदेवता के बने मंदिर गंदे पानी की चपेट में है, जिसके कारण लोगों में रोष व्याप्त है.

गौरतलब है कि वर्षों से गणगौर मेला आयोजन समिति की ओर से गणगौर मेले का आयोजन किया जाता है तथा शहर की नवविवाहिताएं गणगौर के समापन पर मेला स्थल पर बने कुएं में गणगौर को डालकर परंपराओं का निर्वहन करती आ रही है. लेकिन, वर्तमान समय में मेला स्थल पर बने मंदिर क्षतिग्रस्त हैं तथा गंदगी का आलम यह कि लोग इसके पास भी जाना पसंद नहीं करते हैं.

पढ़ें- दम तोड़ रहा हथकरघा उद्योगः विदेशों में बिकने वाले कालीन और गलीचे अब झेल रहे बेरूखी

गणगौर मेला आयोजन समिति के लोगों ने बताया कि मेला स्थल पर बने मां अजनी एवं हनुमानजी का मंदिर क्षतिग्रस्त हो गया है. उन्होंने बताया कि मेला स्थल पर एक पीपल का पेड़ था, जो तूफान और बारिश के कारण गिर गया था, जिसके कारण मंदिर भी क्षतिग्रस्त हो गए.

नगरपालिका पार्षद राहुल पारीक ने बताया कि गणगौर मेला स्थल ऐतिहासिक जगह है तथा इसकी देखरेख एवं विकास के लिए वे नगरपालिका साधारण सभा की बैठक में आवाज उठाकर सर्वांगीण विकास के लिए काम करेंगे.

वहीं मेला स्थल के पास ही लोकदेवता मालासी का मंदिर है. जहां समूचा शहर पूजा-अर्चना करता आ रहा था. लेकिन, गंदे पानी की चपेट में आ जाने के कारण वह भी दयनीय हालत में है.
लोगों ने रोष जताते हुए कहा कि देवता धर्म के प्रतीक हैं. लेकिन, नगरपालिका की अनदेखी के चलते अपनी दुर्दशा पर आंसू बहा रहे हैं. लगातार शिकायतों के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हो रही है.

यह भी पढ़ें- सावधान!...खेती की जमीन हो रही 'बीमार'..मृदा हेल्थ कार्ड में सामने आया सच

स्थानीय निवासियों का कहना है कि गणगौर मेला स्थल काफी दिनों से दयनीय अवस्था में है, यह नगरपालिका की धरोहर है लेकिन, नगरपालिका इसकी ओर ध्यान नहीं दे रही है. गणगौरी चौक शहर का ह्रदय स्थल स्थल है, इसमें नियमित हर साल होने वाले मेले में पूरे शहर की महिलाएं पूजा अर्चना करती हैं. इसके अलावा वहां पर मालाजी और हनुमान जी के मंदिर भी बने हुए हैं. सरकार को और नगरपालिका को नियमित रूप से उसकी मरम्मत करवाकर सौंदर्य करण करवाना चाहिए, ताकि महिलाओं के लिए हित में हो.

सार्वजनिक चौक किया था घोषित

बता दें कि नगरपालिका के अध्यक्ष पद पर रहे निवर्तमान पालिकाध्यक्ष जुगलसिंह सोनगरा ने 27 अप्रेल 1994 से 1998 से अध्यक्ष पद पर रह, तब उन्होंने मेला स्थल को सार्वजनिक चौक घोषित किया था तथा देखरेख गणगौर मेला आयोजन समिति की ओर से की जा रही है.

नगरपालिका की संपत्ति होने के बावजूद कोई सुनवाई नहीं हो रही है. मेला स्थल आवारा पशुओं की जगह बन गया है. हाल यह है कि दीवारें भी क्षतिग्रस्त होने लगी हैं तथा समय रहते कोई कार्रवाई नहीं हुई तो मेला स्थल सामान्य स्थल में तब्दील हो गया जाएगा.

सादुलपुर (चूरू). गणगौर को त्योहार राजस्थान में बहुत महत्ता रखता है. इस दिन महिलाएं गणगौर की पुजा करके उसे कुएं में विसर्जित करती हैं. यह पर्व प्रदेश के कोने-कोने में मनाया जाता है. जितना महत्व गणगौर का है, उतना ही मंदिर और पुजा स्थल की स्वच्छता का भी है. लेकिन, जिले के सादुलपुर में स्थित गणगौर मेला स्थल गणगौरी चौक की दुर्दशा पर पूरा शहर आंसू बहा रहा है.

णगौर मेला स्थल जीर्ण-शिर्ण हालत में

शहर के मध्य स्थित गणगौर मेला स्थल नगरपालिका प्रशासन की अनदेखी के कारण क्षतिग्रस्त हो चुका है. यही नहीं मेला स्थल पर लोकदेवता के बने मंदिर गंदे पानी की चपेट में है, जिसके कारण लोगों में रोष व्याप्त है.

गौरतलब है कि वर्षों से गणगौर मेला आयोजन समिति की ओर से गणगौर मेले का आयोजन किया जाता है तथा शहर की नवविवाहिताएं गणगौर के समापन पर मेला स्थल पर बने कुएं में गणगौर को डालकर परंपराओं का निर्वहन करती आ रही है. लेकिन, वर्तमान समय में मेला स्थल पर बने मंदिर क्षतिग्रस्त हैं तथा गंदगी का आलम यह कि लोग इसके पास भी जाना पसंद नहीं करते हैं.

पढ़ें- दम तोड़ रहा हथकरघा उद्योगः विदेशों में बिकने वाले कालीन और गलीचे अब झेल रहे बेरूखी

गणगौर मेला आयोजन समिति के लोगों ने बताया कि मेला स्थल पर बने मां अजनी एवं हनुमानजी का मंदिर क्षतिग्रस्त हो गया है. उन्होंने बताया कि मेला स्थल पर एक पीपल का पेड़ था, जो तूफान और बारिश के कारण गिर गया था, जिसके कारण मंदिर भी क्षतिग्रस्त हो गए.

नगरपालिका पार्षद राहुल पारीक ने बताया कि गणगौर मेला स्थल ऐतिहासिक जगह है तथा इसकी देखरेख एवं विकास के लिए वे नगरपालिका साधारण सभा की बैठक में आवाज उठाकर सर्वांगीण विकास के लिए काम करेंगे.

वहीं मेला स्थल के पास ही लोकदेवता मालासी का मंदिर है. जहां समूचा शहर पूजा-अर्चना करता आ रहा था. लेकिन, गंदे पानी की चपेट में आ जाने के कारण वह भी दयनीय हालत में है.
लोगों ने रोष जताते हुए कहा कि देवता धर्म के प्रतीक हैं. लेकिन, नगरपालिका की अनदेखी के चलते अपनी दुर्दशा पर आंसू बहा रहे हैं. लगातार शिकायतों के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हो रही है.

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स्थानीय निवासियों का कहना है कि गणगौर मेला स्थल काफी दिनों से दयनीय अवस्था में है, यह नगरपालिका की धरोहर है लेकिन, नगरपालिका इसकी ओर ध्यान नहीं दे रही है. गणगौरी चौक शहर का ह्रदय स्थल स्थल है, इसमें नियमित हर साल होने वाले मेले में पूरे शहर की महिलाएं पूजा अर्चना करती हैं. इसके अलावा वहां पर मालाजी और हनुमान जी के मंदिर भी बने हुए हैं. सरकार को और नगरपालिका को नियमित रूप से उसकी मरम्मत करवाकर सौंदर्य करण करवाना चाहिए, ताकि महिलाओं के लिए हित में हो.

सार्वजनिक चौक किया था घोषित

बता दें कि नगरपालिका के अध्यक्ष पद पर रहे निवर्तमान पालिकाध्यक्ष जुगलसिंह सोनगरा ने 27 अप्रेल 1994 से 1998 से अध्यक्ष पद पर रह, तब उन्होंने मेला स्थल को सार्वजनिक चौक घोषित किया था तथा देखरेख गणगौर मेला आयोजन समिति की ओर से की जा रही है.

नगरपालिका की संपत्ति होने के बावजूद कोई सुनवाई नहीं हो रही है. मेला स्थल आवारा पशुओं की जगह बन गया है. हाल यह है कि दीवारें भी क्षतिग्रस्त होने लगी हैं तथा समय रहते कोई कार्रवाई नहीं हुई तो मेला स्थल सामान्य स्थल में तब्दील हो गया जाएगा.

Intro:सादुलपुर. शहर के मध्य स्थित गणगौर मेला स्थल नगरपालिका प्रशासन की अनदेखी के कारण अपनी दुर्दशा पर आंसू बहा रहा है। यही नहीं मेला स्थल पर लोकदेवता के बने मंदिर गंदे पानी की चपेट में है। जिसके कारण लोगों में रोश व्याप्त है। गौरतलब है कि वर्षों से गणगौर मेला आयोजन समिति की ओर से गणगौर मेले का आयोजन किया जाता है तथा शहर की नवविवाहिताएं गणगौर के समापन पर मेला स्थल पर बने कुएं में गणगौर को डालकर परंपराओं का निर्वहन करती आ रही है। लेकिन वर्तमान समय में मेला स्थल पर बने मंदिर क्षतिग्रस्त हैं तथा गंदगी का आलम है। गणगौर मेला आयोेजन समिति के लोगो ने बताया कि मेला स्थल पर बने मां अजनी एवं हनुमानजी का मंदिर क्षतिग्रस्त हो गया है। उन्होंने बताया कि मेला स्थल पर एक पीपल का पेड़ था। जो तूफान और बारिश के कारण गिर गया। जिसके कारण मंदिर भी क्षतिग्रस्त हो गए। इसके अलावा मेला स्थल के पास ही लोकदेवता मालासी का मंदिर है। जहां समूचा शहर पूजा-अर्चना करता आ रहा था। लेकिन गंदे पानी की चपेट में आ जाने के कारण वह भी दयनीय हालत मे हैं। लोगो ने रोश जताते हुए कहा कि देवता धर्म के प्रतीक हैं। लेकिन नगरपालिका की अनदेखी के चलते अपनी दुर्दशा पर आंसू बहा रहे हैं। लगातार शिकायतों के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हो रही है।

Body:सार्वजनिक चौक किया था घोषित
नगरपालिका के अध्यक्ष पद पर रहे निवर्तमान पालिकाध्यक्ष जुगलसिंह सोनगरा ने 27 अप्रेल 1994 से 1998 से अध्यक्ष पद पर रहे। तब उन्होंने मेला स्थल को सार्वजनिक चौक घोशित किया था तथा देखरेख गणगौर मेला आयोजन समिति की ओर से की जा रही है। नगरपालिका की संपत्ति होने के बावजूद कोई सुनवाई नहीं हो रही है। मेला स्थल आवारा पशुओं की जगह बन गया है। हाल यह है कि दीवारें भी क्षतिग्रस्त होने लगी हैं तथा समय रहते कोई कार्रवाई नहीं हुई तो मेला जीर्ण शीर्ण हालत में बन जाएगा।

Conclusion:बाइट-राहुल पारिक, पार्षद नगरपालिका
गणगौर मेला स्थल ऐतिहासिक जगह है तथा इसकी देखरेख एवं विकास के लिए नगरपालिका साधारण सभा की बैठक में आवाज उठाकर सर्वांगीण विकास के लिए काम करेंगे तथा उनकी प्राथमिकता रहेगी कि गणगौर मेला स्थल का सौंदर्यकरण हो एवं क्षतिग्रस्त मंदिरों को नवनिर्माण हो। इसके लिए पालिका प्रशासन के साथ-साथ जनहित के सहयोग से उचित कार्रवाई करेंगे।

बाईट- पवन मोहता व्यापार मंडल अध्यक्ष
गणगौर मेला स्थल की काफी दिनों से व्यस्त था खराब है यह नगरपालिका की धरोहर है लेकिन नगरपालिका इसकी ओर ध्यान नहीं दे रही है इसको नगर पालिका द्वारा स्पेशल बजट बनाकर इसको सही तरीके से दोबारा किया जाए इसके अंदर मंदिर क्षतिग्रस्त हो चुके हैं उसका पुनर्निर्माण किया जाए।

बाइट- गोपाल शर्मा सामाजिक कार्यकर्ता
गणगौरी चौक शहर का ह्रदय स्थल ऐतिहासिक स्थल है। इसमें नियमित हर साल होने वाले मेले में हमारे पूरे शहर की महिलाएं वहां जाकर हमारी माताएं बहने पूजा अर्चना करती है। इसके अलावा वहां पर मालाजी व हनुमान जी के मंदिर भी बने हुए हैं। सरकार को और नगरपालिका को नियमित रूप से उसकी मरम्मत करवाकर सौंदर्य करण करवाना चाहिए ताकि आम आदमी के लिए आम महिलाओं के लिए हित में हो।

बाइट-अनिल शर्मा, पुजारी
गणगौर मेला चौक की हालत बहुत ज्यादा खराब है। यहां पर कोई व्यवस्था नहीं हो रही है। पिछले कार्यकाल में भी नगरपालिका ने कोई व्यवस्था नहीं की है। आगे से अच्छी से अच्छी व्यवस्था होनी चाहिए।
Last Updated : Dec 17, 2019, 12:02 AM IST
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