चूरू. किताबें अपने आप में ही एक खूबसूरत शब्द है, जिसके मायने बहुत खास है. कुल मिलाकर वह तमाम चीजें जिन्हें आप समझकर इल्म हासिल कर सकते हैं. वह किताब से ही संभव है और किताबों के संग्रहण को ही पुस्तकालय कहा जाता है. भले ही सोशल मीडिया के दौर में पुस्तकालय पाठकों की राह ताकते हो, लेकिन चूरू जिला पुस्तकालय को आधुनिक पुस्तकालय बनाने का सपना जिला प्रसाशन ने संजोया है.
बता दें, कि जिला पुस्तकालय में आने वाले समय में अगर ऐसा होता है तो उन तमाम प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे छात्रों को वह सारी पुस्तके इस आधुनिक पुस्तकालय में वाचन के लिए मिलेगी. जो कई छात्र आर्थिक तंगी के चलते बाजार से नहीं खरीद पा रहे. वर्तमान में चूरू जिला पुस्तकालय में 57 हजार 484 पुस्तकें हैं.
जिला कलेक्टर संदेश नायक ने जिला पुस्तकालय का अवलोकन किया और इसे विकसित करने को लेकर अधिकारियों से चर्चा की. भारत सरकार की कल्चरल मिनिस्ट्री और चूरू सांसद राहुल कस्वा के सहयोग से इस जिला पुस्तकालय को विकसित किया जाएगा.
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वर्तमान में इस पुस्तकालय में 57 हजार 484 पुस्तकें हैं. सोशल मीडिया के जमाने से पहले यहां ना केवल पाठकों की संख्या ज्यादा थी, बल्कि शहर के युवा प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर प्रशासनिक पदों पर भी पहुंचे. अगर आने वाले समय में योजना के अनुसार यदि कार्य हुआ तो जिले के युवा प्रतियोगिता परीक्षाओं के साथ ही सांस्कृतिक सभ्यता और इतिहास से जुड़ी सारी जानकारी ले सकें. इसके लिए सभी तरह की पुस्तकें जिला पुस्तकालय में मुहैया करवाई जाएगी. जिला कलेक्टर संदेश नायक ने अपने बेंगलुरु के निजी अनुभवों को साझा करते हुए कहा कि आधुनिक सुविधाओं से युक्त पुस्तकालयों का होना बेहद जरूरी है ताकि युवाओं को प्रतियोगिताओं की तैयारी करने का एक अच्छा माहौल मिल सके.