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यहां क्षमता 165 की और बंद हैं 303 कैदी, जेल में 24 पद स्वीकृत 4 पद खाली - हार्डकोर अपराधियों हो रहे शिफ्ट

चूरू जेल में लगातार बंदियों की संख्या बढ़ती जा रही है. इसकी बड़ी वजह है कि चूरू जेल में दूसरी जेलों से हार्डकोर अपराधियों को शिफ्ट किया जा रहा है. अभी चूरू जेल में हनुमानगढ़, जयपुर, बीकानेर और जोधपुर सहित कई जगह से हार्डकोर अपराधियों को शिफ्ट किया गया है.

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चूरू जेल में हार्डकोर अपराधियों को किया जा रहा है शिफ्ट
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Published : Nov 26, 2019, 9:32 AM IST

चूरू. जिला जेल में क्षमता से अधिक बंदी मौजूद हैं, बता दें कि जेल में 165 बंदियों को रखे जाने की क्षमता है, लेकिन मौजूदा समय में यहां 303 बंदी हैं. यानि कि कैपेसिटी से लगभग दोगुना. ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि यहां बंदियों में आपस में गैंगवार होने या झगड़ा होने पर उन्हें रोक पाना मुश्किल होगा. क्योंकि जेल में जो स्टाफ लगाया गया है. वह 165 बंदियों के लिए ही तैनात किया गया है, जबकि यहां 303 बंदी है.

चूरू जेल में लगातार बंदियों की संख्या बढ़ती जा रही है. इसकी बड़ी वजह है कि चूरू जेल में दूसरी जेलों से हार्डकोर अपराधियों को शिफ्ट किया जा रहा है. अभी चूरू जेल में हनुमानगढ़, जयपुर, बीकानेर और जोधपुर सहित कई जगह से हार्डकोर अपराधियों को शिफ्ट किया गया है.

चूरू जेल में हार्डकोर अपराधियों को किया जा रहा है शिफ्ट

मौजूदा समय में यहां पर विचाराधीन बंदियों में हनुमानगढ़ से इरफान, गंगानगर से जगदीश उर्फ जग्गा, गंगानगर में बड़ी गैंग से ताल्लुक रखने वाले चेयरमैन महेंद्र, जयपुर से इमरान उर्फ मोगली, श्रवण बुडानिया, सुनील, मुकेश व वीरेंद्र चारण जैसे कई हार्डकोर अपराधी चूरू जेल में बंद हैं.

पढ़ें- स्पेशल: चूरू के मालचंद जांगिड़ परिवार ने चंदन शिल्पकला को देश-विदेश में दिलाई पहचान, राष्ट्रपति अब विनोद को देंगे शिल्प गुरु पुरस्कार

जेल में 24 पद स्वीकृत, चार पद खाली

जेल में सुरक्षाकर्मियों के 24 पद स्वीकृत हैं, लेकिन यहां पर 20 सुरक्षाकर्मी ही तैनात हैं. इनमें से भी आधी महिलाएं हैं. ऐसे में बंदियों में झगड़ा होने पर उन्हें रोकने की जिम्मेदारी पुरुष सुरक्षाकर्मियों पर ही आ जाती है.

वहीं महिला सुरक्षाकर्मियों को हार्डकोर अपराधियों के बैरेक के पास भी नहीं भेजा जाता है. विचाराधीन बंदियों की सुरक्षा के लिहाज से यहां सुरक्षाकर्मियों की संख्या कम है. जगह की कमी होने से हार्डकोर अपराधियों के साथ ही सामान्य अपराध करने वाले बंदियों को रखा जा रहा है. ऐसे में हार्डकोर अपराधी सामान्य बंदियों को परेशान भी कर सकते हैं.

सोमवार को हुआ था बंदियों में झगड़ा, दो के फूटे थे सिर...

जेल में किसी मामले को लेकर सोमवार को ही बंदियों में आपस में झगड़ा हो गया था. जिसमें दो बंदियों के सिर में चोट आई थी. जिन्हें जिला मुख्यालय के डीबी अस्पताल में इलाज के लिए भी लाया गया था.

पढ़ें- जयपुरः देश भर में 26 नवंबर को मनाया जाएगा संविधान दिवस, केंद्रीय कैबिनेट सचिव राजीव गौबा ने दिए सभी राज्यों को निर्देश

जेल के सुरक्षाकर्मियों को यह काम भी करने होते हैं...

जेल में तैनात सुरक्षाकर्मियों को कैदियों की सुरक्षा के अलावा उन्हें दवाई दिलाने, कटिंग करवाने सहित जेल विभाग के प्रशासनिक कार्य निपटाने होते है. ऐसे में सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मियों को कई बार स्टाफ के अभाव में और कैदियों की संख्या ज्यादा होने पर समस्याओं से जूझना पड़ता है.

जेल में इस समय 303 बंदी हैं तो वहीं जेल की कैपेसिटी 165 है. बंदियों की संख्या के लिहाज से सुरक्षाकर्मियों की संख्या कम है. दूसरे जेलों से हार्डकोर अपराधियों को यहां शिफ्ट किया जा रहा है. इस समस्या को लेकर उच्च अधिकारियों को सूचना दी जा चुकी है.

चूरू. जिला जेल में क्षमता से अधिक बंदी मौजूद हैं, बता दें कि जेल में 165 बंदियों को रखे जाने की क्षमता है, लेकिन मौजूदा समय में यहां 303 बंदी हैं. यानि कि कैपेसिटी से लगभग दोगुना. ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि यहां बंदियों में आपस में गैंगवार होने या झगड़ा होने पर उन्हें रोक पाना मुश्किल होगा. क्योंकि जेल में जो स्टाफ लगाया गया है. वह 165 बंदियों के लिए ही तैनात किया गया है, जबकि यहां 303 बंदी है.

चूरू जेल में लगातार बंदियों की संख्या बढ़ती जा रही है. इसकी बड़ी वजह है कि चूरू जेल में दूसरी जेलों से हार्डकोर अपराधियों को शिफ्ट किया जा रहा है. अभी चूरू जेल में हनुमानगढ़, जयपुर, बीकानेर और जोधपुर सहित कई जगह से हार्डकोर अपराधियों को शिफ्ट किया गया है.

चूरू जेल में हार्डकोर अपराधियों को किया जा रहा है शिफ्ट

मौजूदा समय में यहां पर विचाराधीन बंदियों में हनुमानगढ़ से इरफान, गंगानगर से जगदीश उर्फ जग्गा, गंगानगर में बड़ी गैंग से ताल्लुक रखने वाले चेयरमैन महेंद्र, जयपुर से इमरान उर्फ मोगली, श्रवण बुडानिया, सुनील, मुकेश व वीरेंद्र चारण जैसे कई हार्डकोर अपराधी चूरू जेल में बंद हैं.

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जेल में 24 पद स्वीकृत, चार पद खाली

जेल में सुरक्षाकर्मियों के 24 पद स्वीकृत हैं, लेकिन यहां पर 20 सुरक्षाकर्मी ही तैनात हैं. इनमें से भी आधी महिलाएं हैं. ऐसे में बंदियों में झगड़ा होने पर उन्हें रोकने की जिम्मेदारी पुरुष सुरक्षाकर्मियों पर ही आ जाती है.

वहीं महिला सुरक्षाकर्मियों को हार्डकोर अपराधियों के बैरेक के पास भी नहीं भेजा जाता है. विचाराधीन बंदियों की सुरक्षा के लिहाज से यहां सुरक्षाकर्मियों की संख्या कम है. जगह की कमी होने से हार्डकोर अपराधियों के साथ ही सामान्य अपराध करने वाले बंदियों को रखा जा रहा है. ऐसे में हार्डकोर अपराधी सामान्य बंदियों को परेशान भी कर सकते हैं.

सोमवार को हुआ था बंदियों में झगड़ा, दो के फूटे थे सिर...

जेल में किसी मामले को लेकर सोमवार को ही बंदियों में आपस में झगड़ा हो गया था. जिसमें दो बंदियों के सिर में चोट आई थी. जिन्हें जिला मुख्यालय के डीबी अस्पताल में इलाज के लिए भी लाया गया था.

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जेल के सुरक्षाकर्मियों को यह काम भी करने होते हैं...

जेल में तैनात सुरक्षाकर्मियों को कैदियों की सुरक्षा के अलावा उन्हें दवाई दिलाने, कटिंग करवाने सहित जेल विभाग के प्रशासनिक कार्य निपटाने होते है. ऐसे में सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मियों को कई बार स्टाफ के अभाव में और कैदियों की संख्या ज्यादा होने पर समस्याओं से जूझना पड़ता है.

जेल में इस समय 303 बंदी हैं तो वहीं जेल की कैपेसिटी 165 है. बंदियों की संख्या के लिहाज से सुरक्षाकर्मियों की संख्या कम है. दूसरे जेलों से हार्डकोर अपराधियों को यहां शिफ्ट किया जा रहा है. इस समस्या को लेकर उच्च अधिकारियों को सूचना दी जा चुकी है.

Intro:चूरू। चूरू जिला जेल में क्षमता से अधिक बंदी है। जिला जेल में 165 बंदियों को रखे जाने की क्षमता है, लेकिन मौजूदा समय में यहां 303 बंदी है। यानि कि केपेसिटी से लगभग दुगुने। ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि यहां बंदियों में आपस में गैंगवार होने या झगड़ा होने पर उन्हें रोक पाना मुश्किल होगा। क्योंकि जेल में जो स्टाफ लगाया गया है वह 165 बंदियों के लिए ही तैनात किया गया है जबकि यहां 303 बंदी है।
- दूसरी जेलों से हार्डकोर अपराधियों को शिफ्ट कर रहे चूरू जेल में
चूरू जेल में लगातार बंदियों की संख्या बढ़ती जा रही है। इसकी बड़ी वजह है कि चूरू जेल में दूसरी जेलों से हार्डकोर अपराधियों को शिफ्ट किया जा रहा है। अभी चूरू जेल में हनुमानगढ़, जयपुर व बीकानेर व जोधपुर सहित कई जगह से हार्डकोर अपराधियों को शिफ्ट किया गया है।
मौजूदा समय में यहां पर विचाराधीन बंदियों में हनुमानगढ़ से इरफान, गंगानगर से जगदीश उर्फ जग्गा, गंगानगर में बड़ी गैंग से ताल्लुक रखने वाले चेयरमैन महेंद्र, जयपुर से इमरान उर्फ मोगली, श्रवण बुडानिया, सुनील, मुकेश व वीरेंद्र चारण जैसे कई हार्डकोर अपराधी चूरू जेल में बंद है।


Body:जेल में 24 पद स्वीकृत, चार पद खाली
जिला जेल में सुरक्षाकर्मियों के 24 पद स्वीकृत है। लेकिन यहां पर 20 सुरक्षाकर्मी ही तैनात है, इनमें से भी आधी महिलाएं है। ऐसे में बंदियों में झगड़ा होने पर उन्हें रोकने की जिम्मेदारी पुरुष सुरक्षाकर्मियों पर ही आ जाती है।
वहीं महिला सुरक्षाकर्मियों को हार्डकोर अपराधियों के बैरेक के पास भी नहीं भेजा जाता है। विचाराधीन बंदियों की सुरक्षा के लिहाज से यहां सुरक्षाकर्मियों की संख्या कम है। जगह की कमी होने से हार्डकोर अपराधियों के साथ ही सामान्य अपराध करने वाले बंदियों को रखा जा रहा है। ऐसे में हार्डकोर अपराधी सामान्य बंदियों को परेशान भी कर सकते है।
- सोमवार को हुआ था बंदियों में झगड़ा, दो के फूटे थे सर
जेल में किसी मामले को लेकर सोमवार को ही बंदियों में आपस में झगड़ा हो गया था। जिसमें दो बंदियों के सिर में चोट आई थी। जिन्हें जिला मुख्यालय के डीबी अस्पताल में इलाज के लिए भी लाया गया था।



Conclusion:जेल के सुरक्षाकर्मियों को यह काम भी करने होते है
जेल में तैनात सुरक्षाकर्मियों को कैदियों की सुरक्षा के अलावा उन्हें दवाई दिलाने, कटिंग करवाने सहित जेल विभाग के प्रशासनिक कार्य निपटाने होते है। ऐसे में सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मियों को कई बार स्टाफ के अभाव में और कैदियों की संख्या ज्यादा होने पर समस्याओं से जूझना पड़ता है।
बाइट: रामचंद्र शर्मा, कार्यवाहक जेलर, जिला जेल चूरू।
जेल में इस समय 303 बंदी है तो वहीं जेल की कैपेसिटी 165 है। बंदियों की संख्या के लिहाज से सुरक्षाकर्मियों की संख्या कम है। दूसरे जिलों से हार्डकोर अपराधियों को यहां शिफ्ट किया जा रहा है। इस समस्या को लेकर उच्च अधिकारियों को सूचना दी जा चुकी है।
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