सरदारशहर (चूरू). जिले के सरदारशहर पुलिस ने गुरुवार को एक साइबर ठग गिरोह का पर्दाफाश किया है. पुलिस ने फ्रेंचाइजी के नाम पर 30 लाख रुपए की ठगी करने वाले दो शातिर ठगों को बिहार के नालंदा जिले से गिरफ्तार किया है. वहीं, गिरोह का मुख्य सरगना अभी भी पुलिस गिरफ्त से दूर है.
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आरपीएस नारायण बाजिया ने बताया कि फ्रेंचाइजी के नाम पर एक युवक के साथ 31 लाख रुपए की ठगी की गई थी. उन्होंने बताया कि 27 फरवरी को पीड़ित कपिल कुमार ने रिपोर्ट दी थी कि उसके साथ 31 लाख रुपए की ऑनलाइन ठगी हो गई है. पीड़ित ने इफ्को की वेबसाइट पर फर्टिलाइजर की फ्रेंचाइजी के लिए आवेदन किया था.
डाटा चुराकर ठगों ने पीड़ित से किया संपर्क
बाजिया ने बताया कि इसी बीच वेबसाइट से किसी हेकर ने डाटा चुराकर कपिल से मोबाइल पर संपर्क किया और एक लाख रुपए खाता में डालने को कहा. इसके बाद पीड़ित ने एक लाख रुपए खाते में डाल दिए. इसके बाद फोन आया कि फ्रेंचाइजी दे दी गई है, अब फर्टिलाइजर के लिए रुपए जमा करवाएं. इसके बाद पीड़ित ने 20 फरवरी को 10 लाख रुपए, 22 फरवरी को 15 लाख रुपए और 25 फरवरी को 5 लाख रुपए जमा करवा दिए.
मोबाइल नंबर की जांच कर आरोपियों तक पहुंची पुलिस
इसके बाद कपिल ने चूरू के इफ्को के अधिकारियों से संपर्क कर फ्रेंचाइजी के बारे में अवगत कराया तो अधिकारियों से जानकारी मिली की इफ्को ने किसी प्रकार की कोई फ्रेंचाइजी नहीं दी है. 27 फरवरी को पीड़ित ने पुलिस थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाई. रिपोर्ट के आधार पर पुलिस ने मोबाइल नंबर की जांच की तो उसकी लोकेशन बिहार की मिली.
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नारायण बाजिया ने बताया कि एक टीम का गठन कर उसे बिहार रवाना किया गया. टीम ने नालंदा में जाकर संबंधित बैंकों से संपर्क कर खाते को फ्रीज करवाया और खाता धारियों की जानकारी देने के लिए कहा. खाता फ्रीज होने पर शातिर नालंदा निवासी सुशील कुमार बैंक पहुंचकर खाता फ्रीज होने की जानकारी मांगी तो बैंक अधिकारियों ने पुलिस को सूचना दी. इसके बाद पुलिस ने बैंक पहुंचकर आरोपी सुशील कुमार को गिरफ्तार कर लिया. साथ ही आरोपी से पूछताछ कर दूसरे आरोपी रमेश कुमार को भी गिरफ्तार कर लिया.
5 से 7 लोगों का है यह गिरोह
पुलिस जांच में सामने आया कि यह 5-7 लोगों का गिरोह है, जो फर्जी आईडी रखते हैं. उनके पास आधार कार्ड और पेनकार्ड आदि दस्तावेज फर्जी मिले. गिरफ्तार किए गए शातिर ठग अलग-अलग राज्यों में करोड़ों रुपए की ठगी कर चुके हैं. फिलहाल, गिरोह का मुख्य सरगना पुलिस गिरफ्त से दूर है, जिसकी पुलिस तलाश कर रही है.