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राजस्थान की चिकित्सा व्यवस्था के ये हाल.. डॉक्टर नहीं डॉक्टर प्रतिनिधि आते हैं PHC में इलाज करने - Churu Hindi News

कोरोना महामारी से निपटने का दम भरने वाली राजस्थान की चिकित्सा व्यवस्था खुद इलाज मांग रही है. चूरू के बुचावास ग्रामीणों का आरोप है कि पीएचसी पर डॉक्टर की जगह डॉक्टर प्रतिनिधि आकर इलाज करते हैं.

representative came to Buchawas PHC, राजस्थान न्यूज
डॉक्टर प्रतिनिधि आते हैं बुचावास PHC में इलाज करने
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Published : May 28, 2021, 3:00 PM IST

चूरू. कोरोना संक्रमण काल में राजस्थान के ग्रामीण इलाकों में चिकित्सा व्यवस्था किस कदर औंधे मुंह गिरी पड़ी है, इसका अंदाजा प्रदेश के चूरू जिले से लगाया जा सकता है. अब तक आपने सरपंच प्रतिनिधि और चेयरमैन प्रतिनिधि तो सुना होंगा लेकिन चुरू के बुचावास पीएचसी में इलाज के लिए डॉक्टर प्रतिनिधि आते हैं.

डॉक्टर प्रतिनिधि आते हैं बुचावास PHC में इलाज करने

जिले के बुचावास पीएचसी में डॉक्टर की जगह डॉक्टर पत्नी के पति ग्रामीणों का उपचार करने राजकीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंच गए. इसका खुलासा तब हुआ, जब गांव के ही ग्रामीणों ने कोरोना काल में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बुचावास में कई दिनों से डॉक्टर नहीं आने से नाराजगी जाहिर कर रहे थे. ग्रामीणों ने फेसबुक लाइव कर जिला प्रसाशन और प्रदेश सरकार को अपनी पीड़ा बताई. ग्रामीणों ने प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बुचावास में डॉक्टर सहित और नर्सिंग स्टाफ लगाने की मांग कर रहे थे. तभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में एक व्यक्ति दाखिल होता है, जो अपने आपको प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बुचावास की प्रभारी डॉ. मोनिका शर्मा का पति बताता है. आगे व्यक्ति कहता है मैडम कई दिनों से अस्वस्थ चल रही है.

ग्रामीणों का आरोप मरीजों को अटेंड करता रहा है डॉक्टर का पति

ग्रामीणों का आरोप है कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में तैनात महिला चिकित्सक की जगह उनके पति कई दिनों से प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र आ रहे हैं और मरीजों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं. खुद को प्रभारी डॉक्टर का पति बताने वाले व्यक्ति न तो इस प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में पोस्टेड है और ना ही और कहीं. फिर भी वह चिकित्सा विभाग के उच्च अधिकारियों की अनदेखी के चलते प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में आने वाले मरीजो को अटेंड करता रहा.

यह भी पढ़ें. लापरवाही कब तक : कोरोना से भाई की मौत के बाद फिर महामारी को 'न्योता', मृत्युभोज में जुटी 300 से ज्यादा की भीड़

ग्रामीणों का आरोप है कि पिछले दस बारह दिन से यहां पोस्टेड चिकित्सक आई ही नहीं. ये पूरा मामला सिस्टम की घोर लापरवाही को दर्शाता है और कोरोना काल में राज्य सरकार के दावों की पोल खोलता नजर आ रहा है. अब यह जांच का विषय है कि उक्त व्यक्ति जो अपने आपको प्रभारी डॉक्टर का पति बता रहा है, वह कौन है और किस आधार पर वह मरीजों को अबतक अटेंड कर रहा था. मामले में ग्रामीणों ने तारानगर उपखंड अधिकारी मोनिका जाखड़ को भी अवगत करवाया लेकिन उपखंड अधिकारी ने मामले में कोई संज्ञान नहीं लिया है.

चूरू. कोरोना संक्रमण काल में राजस्थान के ग्रामीण इलाकों में चिकित्सा व्यवस्था किस कदर औंधे मुंह गिरी पड़ी है, इसका अंदाजा प्रदेश के चूरू जिले से लगाया जा सकता है. अब तक आपने सरपंच प्रतिनिधि और चेयरमैन प्रतिनिधि तो सुना होंगा लेकिन चुरू के बुचावास पीएचसी में इलाज के लिए डॉक्टर प्रतिनिधि आते हैं.

डॉक्टर प्रतिनिधि आते हैं बुचावास PHC में इलाज करने

जिले के बुचावास पीएचसी में डॉक्टर की जगह डॉक्टर पत्नी के पति ग्रामीणों का उपचार करने राजकीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंच गए. इसका खुलासा तब हुआ, जब गांव के ही ग्रामीणों ने कोरोना काल में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बुचावास में कई दिनों से डॉक्टर नहीं आने से नाराजगी जाहिर कर रहे थे. ग्रामीणों ने फेसबुक लाइव कर जिला प्रसाशन और प्रदेश सरकार को अपनी पीड़ा बताई. ग्रामीणों ने प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बुचावास में डॉक्टर सहित और नर्सिंग स्टाफ लगाने की मांग कर रहे थे. तभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में एक व्यक्ति दाखिल होता है, जो अपने आपको प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बुचावास की प्रभारी डॉ. मोनिका शर्मा का पति बताता है. आगे व्यक्ति कहता है मैडम कई दिनों से अस्वस्थ चल रही है.

ग्रामीणों का आरोप मरीजों को अटेंड करता रहा है डॉक्टर का पति

ग्रामीणों का आरोप है कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में तैनात महिला चिकित्सक की जगह उनके पति कई दिनों से प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र आ रहे हैं और मरीजों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं. खुद को प्रभारी डॉक्टर का पति बताने वाले व्यक्ति न तो इस प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में पोस्टेड है और ना ही और कहीं. फिर भी वह चिकित्सा विभाग के उच्च अधिकारियों की अनदेखी के चलते प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में आने वाले मरीजो को अटेंड करता रहा.

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ग्रामीणों का आरोप है कि पिछले दस बारह दिन से यहां पोस्टेड चिकित्सक आई ही नहीं. ये पूरा मामला सिस्टम की घोर लापरवाही को दर्शाता है और कोरोना काल में राज्य सरकार के दावों की पोल खोलता नजर आ रहा है. अब यह जांच का विषय है कि उक्त व्यक्ति जो अपने आपको प्रभारी डॉक्टर का पति बता रहा है, वह कौन है और किस आधार पर वह मरीजों को अबतक अटेंड कर रहा था. मामले में ग्रामीणों ने तारानगर उपखंड अधिकारी मोनिका जाखड़ को भी अवगत करवाया लेकिन उपखंड अधिकारी ने मामले में कोई संज्ञान नहीं लिया है.

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