चूरू. शहर में कर्फ्यू ग्रस्त इलाकों का दौरा करने और कोविड-19 के क्वॉरेंटाइन सेंटरों का जायजा लेने आए बीकानेर डीआईजी जयनारायण शेर ने कहा है कि इस समय पुलिस के सामने सबसे बड़ी चुनौती संक्रमित प्रवासियों का पता लगाना है. ऐसे में पुलिस के बीट कांस्टेबल से लेकर बड़े अफसरों तक की प्रवासियों पर नजर है. प्रवासियों को लेकर किस तरह से काम करना है, इससे पुलिस तंत्र वाकिफ है.
डीआईजी जयनारायण शेर ने कहा कि ग्रामीण इलाकों में बीट कांस्टेबल, ग्रामसेवक, पटवारी, सरपंच व ग्रामीण सीएलसी सभी को प्रवासियों पर नजर रखने के लिए कहा गया है. इसको लेकर एक टीम बनाई गई है. प्रवासियों के आने पर संबंधित थाने में सूचना देने के निर्देश भी दिए गए हैं.
संवेदनशील रहकर गाइडलाइन का पालन करवाना चुनौती
प्रदेश में कोविड-19 के संक्रमण के शुरुआती दौर से लेकर अब तक लोगों से साथ राजस्थान पुलिस के सॉफ्ट नेचर को लेकर डीआइजी ने कहा कि इस प्रकार की महामारी 100 साल पहले भी आई थी. अब इस महामारी में लोगों को शारीरिक व मानसिक पीड़ा थी. पुलिस को गाइडलाइन की पालना भी करवानी थी और साथ में संवेदनशील भी रहना था. यह एक चुनौती थी. पुलिस ने संवेदनशील रहकर गाइडलाइन की पालना करवाई कार्य क्षेत्र के बाहर जाकर एनजीओ, धार्मिक, सामाजिक व अन्य संस्थाओं के साथ जुड़कर काम भी किया. पुलिस की भूमिका पूरी तरह से सकारात्मक रही है.
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डीआईजी ने कहा कि प्रवासियों को लेकर पुलिस के पास पूरा प्लान तैयार है. बाहर से आने वाले प्रवासियों की पहले स्क्रीनिंग करवाई जाएगी. उसके बाद में उन्हें जरूरत के हिसाब से होम क्वॉरेंटाइन या इंस्टिट्यूट क्वॉरेंटाइन किया जाएगा. जरूरत होने पर जांच भी करवाई जाएगी और रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर इलाज के लिए भेजा जाएगा. इसमें प्रशासन की भी पूरी तरह से मदद ली जाएगी.