ETV Bharat / state

चूरूः जिंदगी से खिलवाड़ कर रहे सरकारी अस्पताल के डॉक्टर, निजी संस्थानों से है सांठगांठ - News of government hospital in india

चूरू में जहां तरफ सरकार जनता क्लीनिक के जरिए आमजन को निशुल्क चिकित्सकीय सेवाएं मुहैया करवाने की कवायद कर रही है. वहीं दूसरी तरफ सरकारी अस्पताल के चिकित्सकों पर फायदे के जिंदगी से खिलवाड़ करने के आरोप लग रहे हैं.

चूरू में चिकित्सक की लापरवाही, Doctor's negligence in Churu
author img

By

Published : Aug 24, 2019, 11:46 PM IST

चूरू. जिले में सरकार जनता क्लीनिक के जरिए आमजन को निशुल्क चिकित्सकीय सेवाएं मुहैया करवाने की कवायद कर रही है. वहीं दूसरी तरफ सरकारी अस्पताल के चिकित्सकों पर फायदे के लिए निजी सोनोग्राफी सेंटर से मिलीभगत करते हुए जिंदगी से खिलवाड़ करने के आरोप लग रहे हैं.

चूरू में चिकित्सक की लापरवाही आई सामने

मामला चूरू जिला मुख्यालय से जुड़ा हुआ है. जहां परिजन सतर्कता नहीं बरतते है तो बिना अपेंडिक्स के ही 8 साल के बालक का ऑपरेशन कर दिया जाता. चूरू के गांधी कॉलोनी निवासी रामकिशोर ख्यालिया ने बताया कि उसके 8 साल के बेटे सचिन के पेट में दर्द होने पर वह राजकीय भरतिया अस्पताल में कार्यरत डॉ. संदीप अग्रवाल के पास पहुंचे. जहां चिकित्सक ने अपेंडिक्स का अंदेशा जताते हुए अस्पताल की बजाए बाहर से सोनोग्राफी जांच करवाने भेजा.

जांच रिपोर्ट में सचिन के अपेंडिक्स होने की बात कही गई परिजन वापस चिकित्सक के पास गए तो डॉक्टर ने निजी स्तर पर ऑपरेशन करवाने के लिए 15 हजार रुपए का खर्च बताया. पीड़ित ने बताया कि बेटे के ऑपरेशन के लिए रुपए की व्यवस्था को लेकर परिचित को फोन किया तो इस पर परिचितों ने उसे दोबारा जांच करवाने की सलाह दी. साथ ही दूसरे चिकित्सक को दिखाने की भी सलाह दी.

पढ़ें- चिदंबरम की गिरफ्तारी देश के आर्थिक हालातों से जनता को गुमराह करने के लिए की गई हैः गहलोत

पीड़ित बच्चे को जांच के लिए दूसरे निजी डायग्नोस्टिक सेंटर पर लेकर पहुंचा. जहां पर जांच रिपोर्ट नॉर्मल आई यहां भी 8 साल के बेटे के पिता का मन नहीं माना तो उसने तीसरी जगह जांच शहर के अन्य डायग्नोस्टिक पर जांच करवाई जहां रिपोर्ट नॉर्मल ही आई. बालक के पिता ने इस बीच डॉक्टर संदीप अग्रवाल को फोन किया तो उन्होंने संक्रमण फैलने का खतरा बताते हुए शीघ्र ऑपरेशन के लिए कहा.

वहीं पूरे मामले को लेकर चिकित्सक ने बताया कि व्यक्ति मेरे पास बच्चे को लेकर आया था. जहां जांच रिपोर्ट के आधार पर अपेंडिक्स होने पर मैंने उसे ऑपरेशन करवाने की सलाह दी थी. मेरे पास ऑपरेशन करवाएं यह दबाव नहीं बनाया और मुझे दूसरी जांच रिपोर्ट नहीं दिखाई गई है. मुझे ब्लैकमेल करने की कोशिश की जा रही है. पूरे मामले में सरकारी अस्पताल के चिकित्सक और निजी जांच सेंटर की एक बड़ी मिलीभगत का खेल सामने आ रहा है.

जानकारों की माने तो जिस जांच सेंटर ने पैसों के लालच में जो गलत रिपोर्ट दी है वह जांच सेंटर शहर के कई बड़े लोगों का है जिन्हें राजनीतिक संरक्षण भी प्राप्त है. अब देखना यह है कि पूरे मामले में जिम्मेदार अधिकारी दोषियों के खिलाफ क्या कार्रवाई करते है.

चूरू. जिले में सरकार जनता क्लीनिक के जरिए आमजन को निशुल्क चिकित्सकीय सेवाएं मुहैया करवाने की कवायद कर रही है. वहीं दूसरी तरफ सरकारी अस्पताल के चिकित्सकों पर फायदे के लिए निजी सोनोग्राफी सेंटर से मिलीभगत करते हुए जिंदगी से खिलवाड़ करने के आरोप लग रहे हैं.

चूरू में चिकित्सक की लापरवाही आई सामने

मामला चूरू जिला मुख्यालय से जुड़ा हुआ है. जहां परिजन सतर्कता नहीं बरतते है तो बिना अपेंडिक्स के ही 8 साल के बालक का ऑपरेशन कर दिया जाता. चूरू के गांधी कॉलोनी निवासी रामकिशोर ख्यालिया ने बताया कि उसके 8 साल के बेटे सचिन के पेट में दर्द होने पर वह राजकीय भरतिया अस्पताल में कार्यरत डॉ. संदीप अग्रवाल के पास पहुंचे. जहां चिकित्सक ने अपेंडिक्स का अंदेशा जताते हुए अस्पताल की बजाए बाहर से सोनोग्राफी जांच करवाने भेजा.

जांच रिपोर्ट में सचिन के अपेंडिक्स होने की बात कही गई परिजन वापस चिकित्सक के पास गए तो डॉक्टर ने निजी स्तर पर ऑपरेशन करवाने के लिए 15 हजार रुपए का खर्च बताया. पीड़ित ने बताया कि बेटे के ऑपरेशन के लिए रुपए की व्यवस्था को लेकर परिचित को फोन किया तो इस पर परिचितों ने उसे दोबारा जांच करवाने की सलाह दी. साथ ही दूसरे चिकित्सक को दिखाने की भी सलाह दी.

पढ़ें- चिदंबरम की गिरफ्तारी देश के आर्थिक हालातों से जनता को गुमराह करने के लिए की गई हैः गहलोत

पीड़ित बच्चे को जांच के लिए दूसरे निजी डायग्नोस्टिक सेंटर पर लेकर पहुंचा. जहां पर जांच रिपोर्ट नॉर्मल आई यहां भी 8 साल के बेटे के पिता का मन नहीं माना तो उसने तीसरी जगह जांच शहर के अन्य डायग्नोस्टिक पर जांच करवाई जहां रिपोर्ट नॉर्मल ही आई. बालक के पिता ने इस बीच डॉक्टर संदीप अग्रवाल को फोन किया तो उन्होंने संक्रमण फैलने का खतरा बताते हुए शीघ्र ऑपरेशन के लिए कहा.

वहीं पूरे मामले को लेकर चिकित्सक ने बताया कि व्यक्ति मेरे पास बच्चे को लेकर आया था. जहां जांच रिपोर्ट के आधार पर अपेंडिक्स होने पर मैंने उसे ऑपरेशन करवाने की सलाह दी थी. मेरे पास ऑपरेशन करवाएं यह दबाव नहीं बनाया और मुझे दूसरी जांच रिपोर्ट नहीं दिखाई गई है. मुझे ब्लैकमेल करने की कोशिश की जा रही है. पूरे मामले में सरकारी अस्पताल के चिकित्सक और निजी जांच सेंटर की एक बड़ी मिलीभगत का खेल सामने आ रहा है.

जानकारों की माने तो जिस जांच सेंटर ने पैसों के लालच में जो गलत रिपोर्ट दी है वह जांच सेंटर शहर के कई बड़े लोगों का है जिन्हें राजनीतिक संरक्षण भी प्राप्त है. अब देखना यह है कि पूरे मामले में जिम्मेदार अधिकारी दोषियों के खिलाफ क्या कार्रवाई करते है.

Intro:चूरू_जहां एक तरफ सरकार जनता क्लीनिक के जरिए आमजन को निशुल्क चिकित्सकीय सेवाएं मुहैया करवाने की कवायद कर रही है. वहीं दूसरी तरफ सरकारी अस्पताल के चिकित्सकों पर फायदे के लिए निजी सोनोग्राफी सेंटर से मिलीभगत करते हुए जिंदगी से खिलवाड़ करने के आरोप लग रहे हैं।



Body:मामला चूरू जिला मुख्यालय से जुड़ा हुआ है.जहां राजकीय भर्तिया अस्पताल के डॉक्टर की कार्यशैली सवालों के घेरे में हैं.यहां अगर परिजन सतर्कता नहीं बरतते तो बिना अपेंडिक्स के ही 8 साल के बालक का ऑपरेशन कर दिया जाता आरोप है. कि महज 15 हजार रुपए के लिए सरकारी डॉक्टर ने 8 साल के बालक की जिंदगी से खिलवाड़ करने की तैयारी कर ली थी।

चूरू के गांधी कॉलोनी निवासी रामकिशोर ख्यालिया ने बताया कि उसके 8 साल के बेटे सचिन के पेट में दर्द होने पर वह राजकीय भर्तियां अस्पताल में कार्यरत डॉ संदीप अग्रवाल के पास अस्पताल पहुंचे चिकित्सक ने अपेंडिक्स का अंदेशा जताते हुए अस्पताल की बजाएं बाहर से सोनोग्राफी जांच करवाने भेजा. जांच रिपोर्ट में सचिन के अपेंडिक्स होने की बात कही गई वापस चिकित्सक के पास गए तो निजी स्तर पर ऑपरेशन करवाने पर 15 हजार रुपए का चिकित्सक ने खर्च बताया बेटे की तकलीफ देखकर पिता रामकिशोर इसके लिए पहले राजी हो गया पीड़ित ने बताया कि बेटे के ऑपरेशन के लिए रुपए की व्यवस्था के लिए परिचित को फोन किया इस पर परिचितों ने उसे दोबारा जांच करवाने की सलाह दी और दूसरे चिकित्सक को दिखाने की सलाह दी. पीड़ित बच्चे को जांच के लिए दूसरे निजी डायग्नोस्टिक सेंटर पर लेकर पहुंचा यहां पर जांच रिपोर्ट नॉर्मल आई यहां भी 8 साल के बेटे के पिता का मन नहीं माना तो उसने तीसरी जगह जांच शहर के अन्य डायग्नोस्टिक पर करवाई वहां भी रिपोर्ट नॉर्मल आई बालक के पिता ने इस बीच डॉक्टर संदीप अग्रवाल को फोन किया तो उन्होंने संक्रमण फैलने का खतरा बताते हुए शीघ्र ऑपरेशन के लिए कहा।


Conclusion:चिकित्सक की सफाई

इस संबंध में डॉक्टर संदीप ने बताया कि व्यक्ति मेरे पास बच्चे को लेकर आया था चूरु डायग्नोस्टिक सेंटर पर सोनोग्राफी करवाई जांच रिपोर्ट के आधार पर अपेंडिक्स होने पर मैंने उसे ऑपरेशन करवाने की सलाह दी थी मेरे पास ऑपरेशन करवाएं यह दबाव नहीं बनाया मुझे दूसरी जांच रिपोर्ट नहीं दिखाई वह मुझे ब्लैकमेल करने की कोशिश कर रहा है

वही पूरे मामले में सरकारी अस्पताल के चिकित्सक और निजी जांच सेंटर की एक बड़ी मिलीभगत का खेल सामने आ रहा है.जानकारों की माने तो जिस जांच सेंटर ने पैसों के लालच में जो गलत रिपोर्ट दी है वह जांच सेंटर शहर के कई बड़े लोगो का है जिन्हें राजनीतिक संरक्षण भी प्राप्त है अब देखना यह है कि पूरे मामले में जिम्मेदार अधिकारी दोषियों के खिलाफ क्या एक्शन लेते हैं

बाईट_ रामकिशोर ख्यालिया, बालक का पिता गांधी कॉलोनी चूरू

बाईट_ डॉ संदीप अग्रवाल, सर्जन राजकीय भरतिया अस्पताल चूरू

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.