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चूरूः पुत्रवधू की हत्या के आरोप में 82 साल की सास को आजीवन कारावास

अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश प्रवीण कुमार वर्मा ने गुरुवार को पुत्र वधू की हत्या के आरोप में 82 साल की सास को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही 10 हजार के अर्थ दंड से दण्डित या एक वर्ष का अतिरिक्त कारावास की सजा सुनाई है. बता दें कि सास ने अपनी पुत्रवधू की कुल्हाड़ी से वार कर हत्या कर दी थी.

सास को आजीवन कारावास, Churu News
पुत्रवधू की हत्या के आरोप में 82 साल की सास को आजीवन कारावास
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Published : Jan 23, 2020, 8:26 PM IST

रतनगढ़ (चूरू). अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश प्रवीण कुमार वर्मा ने गुरुवार को पुत्र वधू की हत्या के आरोप में 82 साल की सास को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही 10 हजार के अर्थ दंड से दण्डित या एक वर्ष का अतिरिक्त कारावास की सजा सुनाई है.

पुत्रवधू की हत्या के आरोप में 82 साल की सास को आजीवन कारावास

प्रकरण के अनुसार तहसील के गांव भरपालसर लाडखानियान में 4 सितंबर 2013 को अपने घर पर सास पार्वती कंवर(82) पत्नी जीवन सिंह राजपूत ने अपनी पुत्रवधू शुभ राठौड़ पत्नी कुलदीप सिंह राजपूत को कुल्हाड़ी से वार कर उसकी हत्या कर दी थी. अभियोजन पक्ष के अनुसार मृतका शुभ राठौड़ के पिता निहाल सिंह निवासी राजियासर मीठा, बीकानेर ने राजलदेसर थाने में आकर इस आशय की रिपोर्ट दर्ज कराई थी.

पढ़ें- भीलवाड़ाः दुष्कर्म के आरोपी को अंतिम सांस तक जेल में रहने की सजा

जांच के बाद पार्वती कंवर के विरुद्ध भारतीय दंड संहिता की धारा 302 और मृतका के पति के विरुद्ध भारतीय दंड संहिता की धारा 498 क में आरोप पत्र न्यायालय में पेश किया गया. मृतका के पति कुलदीप सिंह को संदेह का लाभ देकर दोषमुक्त कर दिया गया. अभियोजन की ओर से 22 साक्ष्य प्रस्तुत किए गए, जबकि बचाव पक्ष में 3 साक्ष्य पेश किए गए.

अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश प्रवीण कुमार वर्मा ने 55 पेज का फैसला सुनाते हुए सास को आजीवन कारावास की सजा सुनाई. सरकार की ओर से अपर लोक अभियोजक महावीर सिंह राठौड़ ने पैरवी की. एडवोकेट महावीर सिंह ने बताया कि गांव भरपालसर लाडखानियान में 4 सितंबर 2013 को अपने घर पर सास पार्वती कंवर पत्नी जीवन सिंह राजपूत ने अपनी पुत्रवधू शुभ राठौड़ पत्नी कुलदीप सिंह राजपूत को कुल्हाड़ी से वार कर उसकी हत्या कर दी थी. उन्होंने बताया कि जांच के बाद पार्वती कंवर के विरुद्ध भारतीय दंड संहिता की धारा 302 और मृतका के पति के विरुद्ध भारतीय दंड संहिता की धारा 498 क में आरोप पत्र न्यायालय में पेश किया गया.

रतनगढ़ (चूरू). अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश प्रवीण कुमार वर्मा ने गुरुवार को पुत्र वधू की हत्या के आरोप में 82 साल की सास को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही 10 हजार के अर्थ दंड से दण्डित या एक वर्ष का अतिरिक्त कारावास की सजा सुनाई है.

पुत्रवधू की हत्या के आरोप में 82 साल की सास को आजीवन कारावास

प्रकरण के अनुसार तहसील के गांव भरपालसर लाडखानियान में 4 सितंबर 2013 को अपने घर पर सास पार्वती कंवर(82) पत्नी जीवन सिंह राजपूत ने अपनी पुत्रवधू शुभ राठौड़ पत्नी कुलदीप सिंह राजपूत को कुल्हाड़ी से वार कर उसकी हत्या कर दी थी. अभियोजन पक्ष के अनुसार मृतका शुभ राठौड़ के पिता निहाल सिंह निवासी राजियासर मीठा, बीकानेर ने राजलदेसर थाने में आकर इस आशय की रिपोर्ट दर्ज कराई थी.

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जांच के बाद पार्वती कंवर के विरुद्ध भारतीय दंड संहिता की धारा 302 और मृतका के पति के विरुद्ध भारतीय दंड संहिता की धारा 498 क में आरोप पत्र न्यायालय में पेश किया गया. मृतका के पति कुलदीप सिंह को संदेह का लाभ देकर दोषमुक्त कर दिया गया. अभियोजन की ओर से 22 साक्ष्य प्रस्तुत किए गए, जबकि बचाव पक्ष में 3 साक्ष्य पेश किए गए.

अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश प्रवीण कुमार वर्मा ने 55 पेज का फैसला सुनाते हुए सास को आजीवन कारावास की सजा सुनाई. सरकार की ओर से अपर लोक अभियोजक महावीर सिंह राठौड़ ने पैरवी की. एडवोकेट महावीर सिंह ने बताया कि गांव भरपालसर लाडखानियान में 4 सितंबर 2013 को अपने घर पर सास पार्वती कंवर पत्नी जीवन सिंह राजपूत ने अपनी पुत्रवधू शुभ राठौड़ पत्नी कुलदीप सिंह राजपूत को कुल्हाड़ी से वार कर उसकी हत्या कर दी थी. उन्होंने बताया कि जांच के बाद पार्वती कंवर के विरुद्ध भारतीय दंड संहिता की धारा 302 और मृतका के पति के विरुद्ध भारतीय दंड संहिता की धारा 498 क में आरोप पत्र न्यायालय में पेश किया गया.

Intro:पुत्र वधू की हत्या के आरोप में सास को 



आजीवन कारावास 


रतनगढ़। अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश प्रवीण कुमार वर्मा ने गुरुवार को एक महत्वपूर्ण निर्णय सुनाते हुए पुत्र वधू की हत्या के आरोप में सास को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। 10हजार के अर्थ दंड से दण्डित या एक वर्ष का अतिरिक्त कारावास की सजा सुनाई गई है।


Body:प्रकरण के अनुसार तहसील के गांव भरपालसर लाडखानियान में 4 सितंबर 2013 को अपने घर पर सास पार्वती कंवर पत्नी जीवन सिंह राजपूत उम्र 82 साल ने अपनी पुत्रवधू शुभ राठौड़ पत्नी कुलदीप सिंह राजपूत को कुल्हाड़ी से वार कर उसकी हत्या कर दी थी। अभियोजन कहानी के अनुसार मृतका शुभ राठौड़ के पिता निहाल सिंह निवासी राजियासर मीठा तहसील सुजानगढ़ हाल बीकानेर ने राजलदेसर थाने में आकर इस आशय की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। जांच के बाद पार्वती कंवर के विरुद्ध भारतीय दंड संहिता की धारा 302 व मृतका के पति के विरुद्ध भारतीय दंड संहिता की धारा 498 क  में आरोप पत्र न्यायालय में पेश किया गया ।मृतका के पति कुलदीप सिंह को संदेह का लाभ देकर दोषमुक्त कर दिया गया। अभियोजन की ओर से 22 साक्ष्य प्रस्तुत किए गए जबकि बचाव पक्ष में तीन साक्ष्य पेश किए गए। अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश प्रवीण कुमार वर्मा ने 55 पेज का फैसला सुनाते हुए सास को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। सरकार की ओर से अपर लोक अभियोजक महावीर सिंह राठौड़ ने पैरवी की ।
Conclusion:बाईट - महावीर सिंह राठौड़, अपरलोक अभियोजक।

एडवोकेट महावीर सिंह ने बताया कि गांव भरपालसर लाडखानियान में 4 सितंबर 2013 को अपने घर पर सास पार्वती कंवर पत्नी जीवन सिंह राजपूत उम्र 82 साल ने अपनी पुत्रवधू शुभ राठौड़ पत्नी कुलदीप सिंह राजपूत को कुल्हाड़ी से वार कर उसकी हत्या कर दी थी। अभियोजन कहानी के अनुसार मृतका शुभ राठौड़ के पिता निहाल सिंह निवासी राजियासर मीठा तहसील सुजानगढ़ हाल बीकानेर ने राजलदेसर थाने में आकर इस आशय की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। जांच के बाद पार्वती कंवर के विरुद्ध भारतीय दंड संहिता की धारा 302 व मृतका के पति के विरुद्ध भारतीय दंड संहिता की धारा 498 क  में आरोप पत्र न्यायालय में पेश किया गया ।मृतका के पति कुलदीप सिंह को संदेह का लाभ देकर दोषमुक्त कर दिया गया। अभियोजन की ओर से 22 साक्ष्य प्रस्तुत किए गए जबकि बचाव पक्ष में तीन साक्ष्य पेश किए गए। अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश प्रवीण कुमार वर्मा ने 55 पेज का फैसला सुनाते हुए सास को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। सरकार की ओर से अपर लोक अभियोजक महावीर सिंह राठौड़ ने पैरवी की ।
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