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चूरू : जिन आशियानों को अपने हाथों से संवारा-सजाया...उन्हें अब खुद कर रहे जमींदोज, 300 परिवार बेघर - eviction order

साहवा कस्बे के इन 300 परिवारों का गुनाह ये है कि इन्होंने वर्षों पहले जोहड़ पायतन की भूमि पर मकानों का निर्माण करवाया. अब हाईकोर्ट के आदेश पर स्थानीय प्रसाशन ने इन्हें अल्टीमेटम देकर मकान खाली करने के आदेश (eviction order) दिए हैं.

साहवा में प्रशासन का अल्टीमेटम, high court order,  local administration,  eviction order
साहवा में प्रशासन का अल्टीमेटम
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Published : Aug 11, 2021, 3:18 PM IST

Updated : Aug 11, 2021, 5:28 PM IST

चूरू. जिले के साहवा में लोगों ने जिन हाथों से अपने आशियाने को सजाया-संवारा उन्हीं हाथों से लोग अब इन आशियानों को मिटा रहे हैं. करीब 300 परिवारों को घर से बेघर होना पड़ रहा है. रोते-बिलखते परिवारों की तस्वीरें सामने आ रही हैं.

जिस आशियाने को खून पसीने की कमाई से पाई-पाई जोड़कर खड़ा किया आज उसी आशियाने को तारानगर तहसील के साहवा कस्बे के करीब 300 परिवार अपने ही हाथों से जमींदोज करने में दिन-रात लगे हुए हैं. साहवा कस्बे में आज जिधर नजर पड़ेगी उधर वीरान रास्तों में टूटे मकानों का मलबा नजर आएगा.

अपने हाथों से खुद तोड़ा आशियाना

कलेजे पर पत्थर रखकर रोते-बिलखते लोग इन आशियानों को अपने ही हाथों से उजाड़ते नजर आएंगे. दरसल साहवा कस्बे के इन 300 परिवारों का गुनाह ये है कि इन्होंने वर्षों पहले जोहड़ पायतन की भूमि पर मकानों का निर्माण करवाया और अब हाईकोर्ट के आदेश (high court order) पर स्थानीय प्रसाशन (local administration) ने इन्हें अल्टीमेटम (ultimatum) देकर ये मकान खाली करने के आदेश दिए हैं.

पढ़ें- तलाक तलाक तलाकः नागौर में महिला को पति ने फोन पर बोला तीन बार तलाक, दहेज के लिए भी कर रहे थे प्रताड़ित

12 अगस्त को 300 घरों पर बुलडोजर चलाने की चेतावनी दी गई है. जिसके बाद प्रशासन के दिए अल्टीमेटम के बाद लोग खुद ही अपने घरों को दिन-रात लगकर तोड़ रहे हैं.

प्रसाशन भी बराबर का गुनहगार

अगर साहवा कस्बे के ये 300 परिवार गुनहगार हैं तो स्थानीय प्रसाशन भी बराबर का गुनहगार है. जिसने जोहड़ पायतन की भूमि पर बसे इन लोगों को बिजली, पानी के कनेक्शन (electricity water connection) दे दिए. कुछ घरों को पट्टे (house leases) भी जारी कर दिए. अब जब हाईकोर्ट ने जोहड़ पायतन की इस भूमि से अतिक्रमण (Encroachment) हटाने के आदेश दिए हैं तो विभाग ने आनन-फानन में इन घरों से बिजली-पानी के कनेक्शन भी काट दिए.

नहीं की पुनर्वास की व्यवस्था

घर से बेघर होने वाले लोगों के पास अब रहने का कोई ठिकाना नही है. हाईकोर्ट के आदेश पर स्थानीय प्रसाशन ने एक्शन तो लिया लेकिन बड़े स्तर पर घर से बेघर हुए लोगों के पुनर्वास की यहां कोई व्यवस्था नहीं की गई. स्थानीय प्रशासन को पहले जमीन चिन्हित कर वहां मूलभूत सुविधाओं का विस्तार करवाना था. लेकिन प्रसाशन ने ऐसा नहीं किया और अब यहां के स्थानीय राजनेता सियासी लाभ लेने के लिए इन लोगों से सहानुभूति बटोर प्रशासनिक अधिकारियों से मिल पुनर्वास की बात कह रहे हैं.

चूरू. जिले के साहवा में लोगों ने जिन हाथों से अपने आशियाने को सजाया-संवारा उन्हीं हाथों से लोग अब इन आशियानों को मिटा रहे हैं. करीब 300 परिवारों को घर से बेघर होना पड़ रहा है. रोते-बिलखते परिवारों की तस्वीरें सामने आ रही हैं.

जिस आशियाने को खून पसीने की कमाई से पाई-पाई जोड़कर खड़ा किया आज उसी आशियाने को तारानगर तहसील के साहवा कस्बे के करीब 300 परिवार अपने ही हाथों से जमींदोज करने में दिन-रात लगे हुए हैं. साहवा कस्बे में आज जिधर नजर पड़ेगी उधर वीरान रास्तों में टूटे मकानों का मलबा नजर आएगा.

अपने हाथों से खुद तोड़ा आशियाना

कलेजे पर पत्थर रखकर रोते-बिलखते लोग इन आशियानों को अपने ही हाथों से उजाड़ते नजर आएंगे. दरसल साहवा कस्बे के इन 300 परिवारों का गुनाह ये है कि इन्होंने वर्षों पहले जोहड़ पायतन की भूमि पर मकानों का निर्माण करवाया और अब हाईकोर्ट के आदेश (high court order) पर स्थानीय प्रसाशन (local administration) ने इन्हें अल्टीमेटम (ultimatum) देकर ये मकान खाली करने के आदेश दिए हैं.

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12 अगस्त को 300 घरों पर बुलडोजर चलाने की चेतावनी दी गई है. जिसके बाद प्रशासन के दिए अल्टीमेटम के बाद लोग खुद ही अपने घरों को दिन-रात लगकर तोड़ रहे हैं.

प्रसाशन भी बराबर का गुनहगार

अगर साहवा कस्बे के ये 300 परिवार गुनहगार हैं तो स्थानीय प्रसाशन भी बराबर का गुनहगार है. जिसने जोहड़ पायतन की भूमि पर बसे इन लोगों को बिजली, पानी के कनेक्शन (electricity water connection) दे दिए. कुछ घरों को पट्टे (house leases) भी जारी कर दिए. अब जब हाईकोर्ट ने जोहड़ पायतन की इस भूमि से अतिक्रमण (Encroachment) हटाने के आदेश दिए हैं तो विभाग ने आनन-फानन में इन घरों से बिजली-पानी के कनेक्शन भी काट दिए.

नहीं की पुनर्वास की व्यवस्था

घर से बेघर होने वाले लोगों के पास अब रहने का कोई ठिकाना नही है. हाईकोर्ट के आदेश पर स्थानीय प्रसाशन ने एक्शन तो लिया लेकिन बड़े स्तर पर घर से बेघर हुए लोगों के पुनर्वास की यहां कोई व्यवस्था नहीं की गई. स्थानीय प्रशासन को पहले जमीन चिन्हित कर वहां मूलभूत सुविधाओं का विस्तार करवाना था. लेकिन प्रसाशन ने ऐसा नहीं किया और अब यहां के स्थानीय राजनेता सियासी लाभ लेने के लिए इन लोगों से सहानुभूति बटोर प्रशासनिक अधिकारियों से मिल पुनर्वास की बात कह रहे हैं.

Last Updated : Aug 11, 2021, 5:28 PM IST
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