चित्तौड़गढ़. सेना में भर्ती होने का सपना संजोए और लंबे समय से तैयारी कर रहे चित्तौड़गढ़ जिले के युवाओं ने सेना भर्ती निरस्त होने से ऐसे युवाओं में आक्रोश व्याप्त हो गया है. आक्रोशित युवाओं ने सोमवार सुबह कलक्ट्रेट चौराहे पर पहुंच कर विरोध प्रदर्शन किया और नारेबाजी की. साथ ही जिला कलेक्टर के नाम ज्ञापन देकर आश्वासन नहीं देकर सेना भर्ती रैली के आयोजन की मांग की है. इससे बेरोजगार युवाओं को रोजगार मिल सके और सेना में रह कर देश सेवा का सपना पूरा हो सके. युवाओं ने कलक्ट्रेट चौराहे पर काफी देर तक नारेबाजी की.
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जानकारी के अनुसार कोटा में आयोजित होने वाली सेना भर्ती रैली को स्थगित किए जाने से आक्रोशित चित्तौड़गढ़ जिले के युवकों ने सोमवार सुबह कलेक्ट्रेट में प्रदर्शन कर जमकर नारेबाजी की. युवकों का कहना था कि वर्ष 2020-21 की सेना भर्ती कार्यालय कोटा के अंतर्गत 8 जिलों को शामिल किया गया था. इसमें चित्तौड़गढ़, भीलवाड़ा, राजसमंद, अजमेर, कोटा, बूंदी, बारां और झालावाड़ शामिल थे. सेना भर्ती सितंबर-2020 में होनी थी. कोरोना महामारी के कारण सेना भर्ती रैली को मई-2021 तक प्रस्तावित किया गया था. इस भर्ती को 15 फरवरी 2021 को अधिसूचना जारी कर निरस्त कर दिया गया, जबकि हाल ही में सेना भर्ती कार्यालय जोधपुर की ओर से उदयपुर में सेना रैली का आयोजन किया जा रहा है. 8 मार्च से जयपुर और 20 अप्रैल से अलवर में सेना रैली का आयोजन होगा.
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युवकों ने आरोप लगाया कि पिछले दो साल से सेना भर्ती का आयोजन नहीं हुआ है. कई बेरोजगार युवक सब कुछ छोड़ कर काफी समय से रैली की तैयारी कर रहे हैं. कोई युवक ओवरएज भी होने वाले हैं. सेना भर्ती रैली निरस्त होने से बेरोजगार युवकों पर कुठाराघात हुआ है. इस मांग को लेकर युवक कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन कर कलेक्टर कार्यालय परिसर में बैठ गए. यहां काफी देर तक नारेबाजी की.