चित्तौड़गढ़. रावतभाटा निवासी एक महिला बैंक की टीम लीडर होने का झांसा देकर करीब साढ़े 9 लाख से अधिक की राशि लेकर रफूचक्कर हो गई. इस संबंध में मामला कोटा के आरके पुरम थाने में मामला दर्ज कराया गया है. पुलिस इस मामले में अनुसंधान कर रही है.
आरके पुरम निवासी हर्ष प्रिया गुप्ता पत्नी सुनील गुप्ता ने थाने में दर्ज मामले में बताया कि उसके पति रावतभाटा में निवास करते हैं और पिछले दिनों रानू शर्मा नामक महिला से उसका परिचय हुआ. उसने अपने आप को एक्सीस, बंधन बैंक, भारत फाईनेन्स सहित दूसरे बैंकों की टीम लीडर बताया और जानकारी दी कि उसके अधीनस्थ हफ्ते में तीन दिन बैंक अधिकारी लोन दिलवाने के लिए बैठक करते हैं. वहीं उसने हेमलता, अनिता, सरिता आदि महिलाओं से मिलाकर उन्हें भी टीम लीडर बताया और एफडी कराने का प्रलोभन देकर फायदा होने की बात कही.
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एफआईआर में फरियादी हर्ष प्रिया ने बताया कि उसके पति ने रानू शर्मा को ऑनलाइन 3 लाख 94 हजार और नकद 4 लाख 65 हजार रुपए दिए. इनमें से 14 फरवरी को 2 लाख 65 हजार रुपए रमेश राघव व अन्य लोगों की मौजूदगी में दिए. इसके बाद रानू शर्मा अपने पुत्र सफल शर्मा को लेकर उसके घर आई और 90 हजार रुपए का चैक गारंटी के तौर पर दिया. वहीं दूसरी टीम लीडर हेमलता ने एफडी के नाम पर 50 हजार रुपए लेकर आरोहन बैंक का चैक दे दिया.
थोड़े समय बाद जब उसने इन महिलाओं को फोन लगाया तो उनके फोन बंद आए. बाद में बैंक में चेक लगाने पर पता चला कि चेक फर्जी थे, तो उसके होश उड़ गये. इस मामले में प्रार्थी महिला ने कोटा के आरके पुरम थाने में मामला दर्ज करवाया है. मामले की जांच कर रहे सहायक पुलिस उपनिरीक्षक सियाराम ने बताया कि धारा 420, 406 के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है. आरोपी महिलाओं की तलाश की जा रही है.
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कस्बे में कई हुए धोखाधड़ी के शिकारः इधर जानकारी मिली है कि अच्छा ब्याज दिलाने के लिए एफडी कराने और लोन दिलाने के नाम पर कस्बे में लम्बे समय से गिरोह सक्रिय है. जिसने कई लोगों को अपना शिकार बनाया और अब यह महिला भी फरार हो गई. जानकारी में सामने आया है कि कस्बे के कई लोग करोड़ों रुपए की धोखाधड़ी के शिकार हुए हैं. क्षेत्र के कुछ नेताओं की भी गिरोह से मिलीभगत की चर्चा भी जोरों पर है.