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चित्तौड़गढ़: नवरात्र में नहीं हुए कालिका माता के दर्शन, निराश ही लौटे भक्त

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Published : Apr 13, 2021, 4:10 PM IST

चित्तौड़गढ़ में कोरोना संक्रमण लगातार बढ़ता जा रहा है. पिछले साल की तरह इस साल भी कोरोना के साए में चैत्र नवरात्र का आगाज हुआ. श्रद्धालुओं के लिए मंदिरों में दर्शन बंद है. नवरात्र महोत्सव के पहले दिन भक्त कालिका माता के दर्शन करने पहुंचे, लेकिन निराश ही लौटे.

Chittorgarh news, visit of Kalika Mata
नवरात्र में नहीं हुए कालिका माता के दर्शन

चित्तौड़गढ़. जिले में कोरोना संक्रमण के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं. गत साल की तुलना में संक्रमितों की संख्या काफी बढ़ चुकी है. पिछले साल के जैसे ही इस साल भी कोरोना के साए में चैत्र नवरात्रि का आगाज हुआ है. हालांकि श्रद्धालुओं के लिए मंदिरों में दर्शन बंद है. ऐसे ने नवरात्र महोत्सव के पहले दिन भक्त दुर्ग पर दर्शन करने भी पहुंचे, लेकिन निराश ही लौटे हैं. जानकारी के अनुसार मंगलवार को चैत्र नवरात्र की घट स्थापना हुई है, लेकिन किसी भी मंदिर में श्रद्धालु गण आदिशक्ति के दर्शन नहीं कर पाए. वहीं सभी मंदिरों में पुजारी और मंदिर समिति के सदस्य ने ही ज्योति जलाया.

नवरात्र में नहीं हुए कालिका माता के दर्शन

सोमवार को ही हुई बैठक में जिले के सभी धार्मिकस्थलों को आगामी 30 अप्रैल तक बन्द करने का निर्णय किया था. ऐसे में दर्शन बन्द हो गए और अब रोजाना पूजा-अर्चना भी सिर्फ पुजारी ही करेंगे. श्रद्धालुओं का प्रवेश पूरी तरह प्रतिबंध रखा गया है. जिले के सभी शक्तिपीठ कालिका माता, आवरी माता, आसावरामाता, जोगणिया माता, झांतला माता, मरमी माता मंदिरों में हर वर्ष नवरात्रि में कई आयोजन किए जाते हैं. हजारों की संख्या में श्रद्धालु पैदल यात्रा करते हैं, जबकि इस बार दर्शन भी नहीं कर पाए. दुर्ग स्थित कालिका माता मंदिर में नवरात्रि के दिन अलसुबह से ही लंबी लाइन लग जाती है.

लोग दूर-दूर से भी पैदल दर्शन करने आते हैं. दूर-दराज रहने वाले श्रद्धालु तो मध्य रात्रि से ही पैदल यात्रा शुरू कर देते हैं और सुबह मंदिर के पट खुलते हैं. आदिशक्ति के दर्शन के लिए होड़ लग जाती है. ऐसे में दूसरी बार कोरोना संक्रमण को देखते हुए मंदिर के पट श्रद्धालुओं के लिए बंद रखे गए हैं. नवरात्र महोत्सव के दौरान शहर सहित जिले के किसी भी मंदिर में श्रद्धालुओं को प्रवेश नहीं दिया गया. ज्योत के दर्शन के लिए भी किसी भी मंदिर में जाने की अनुमति नहीं मिली. चित्तौड़ दुर्ग पर दर्शन के लिए सुबह जब श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंचे तो पट बन्द देख श्रद्धालु निराश ही लौटे.

यह भी पढ़ें- राजस्थान में लॉकडाउन लगेगा या नहीं, रघु शर्मा ने साफ कर दिया है...खुद सुनिये

वहीं महंत रामनारायण पूरी ने बताया कि राज्य सरकार के निर्देशों की पालना करते हुए कालिका माता मंदिर के पट आमजन के लिए बंद कर दिए गए हैं, लेकिन नौ दिन ही मां की आराधना और पूजा पाठ विधिवत की जाएगी. उन्होंने कहा कि बस एक कमी खल रही है कि माता का श्रृंगार फूल माला से किया जाएगा, जबकि उनके सोने के जेवर राजकोष से प्राप्त नहीं हुए. उन्होंने कहा कि कई दिन पूर्व ही आवेदन कर दिया था और उनकी तरफ से आवेदन स्वीकृति भी मिल चुकी थी, लेकिन सोमवार को हुए मीटिंग के बाद सोने के आभूषण देने से मना कर दिया गया.

चित्तौड़गढ़. जिले में कोरोना संक्रमण के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं. गत साल की तुलना में संक्रमितों की संख्या काफी बढ़ चुकी है. पिछले साल के जैसे ही इस साल भी कोरोना के साए में चैत्र नवरात्रि का आगाज हुआ है. हालांकि श्रद्धालुओं के लिए मंदिरों में दर्शन बंद है. ऐसे ने नवरात्र महोत्सव के पहले दिन भक्त दुर्ग पर दर्शन करने भी पहुंचे, लेकिन निराश ही लौटे हैं. जानकारी के अनुसार मंगलवार को चैत्र नवरात्र की घट स्थापना हुई है, लेकिन किसी भी मंदिर में श्रद्धालु गण आदिशक्ति के दर्शन नहीं कर पाए. वहीं सभी मंदिरों में पुजारी और मंदिर समिति के सदस्य ने ही ज्योति जलाया.

नवरात्र में नहीं हुए कालिका माता के दर्शन

सोमवार को ही हुई बैठक में जिले के सभी धार्मिकस्थलों को आगामी 30 अप्रैल तक बन्द करने का निर्णय किया था. ऐसे में दर्शन बन्द हो गए और अब रोजाना पूजा-अर्चना भी सिर्फ पुजारी ही करेंगे. श्रद्धालुओं का प्रवेश पूरी तरह प्रतिबंध रखा गया है. जिले के सभी शक्तिपीठ कालिका माता, आवरी माता, आसावरामाता, जोगणिया माता, झांतला माता, मरमी माता मंदिरों में हर वर्ष नवरात्रि में कई आयोजन किए जाते हैं. हजारों की संख्या में श्रद्धालु पैदल यात्रा करते हैं, जबकि इस बार दर्शन भी नहीं कर पाए. दुर्ग स्थित कालिका माता मंदिर में नवरात्रि के दिन अलसुबह से ही लंबी लाइन लग जाती है.

लोग दूर-दूर से भी पैदल दर्शन करने आते हैं. दूर-दराज रहने वाले श्रद्धालु तो मध्य रात्रि से ही पैदल यात्रा शुरू कर देते हैं और सुबह मंदिर के पट खुलते हैं. आदिशक्ति के दर्शन के लिए होड़ लग जाती है. ऐसे में दूसरी बार कोरोना संक्रमण को देखते हुए मंदिर के पट श्रद्धालुओं के लिए बंद रखे गए हैं. नवरात्र महोत्सव के दौरान शहर सहित जिले के किसी भी मंदिर में श्रद्धालुओं को प्रवेश नहीं दिया गया. ज्योत के दर्शन के लिए भी किसी भी मंदिर में जाने की अनुमति नहीं मिली. चित्तौड़ दुर्ग पर दर्शन के लिए सुबह जब श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंचे तो पट बन्द देख श्रद्धालु निराश ही लौटे.

यह भी पढ़ें- राजस्थान में लॉकडाउन लगेगा या नहीं, रघु शर्मा ने साफ कर दिया है...खुद सुनिये

वहीं महंत रामनारायण पूरी ने बताया कि राज्य सरकार के निर्देशों की पालना करते हुए कालिका माता मंदिर के पट आमजन के लिए बंद कर दिए गए हैं, लेकिन नौ दिन ही मां की आराधना और पूजा पाठ विधिवत की जाएगी. उन्होंने कहा कि बस एक कमी खल रही है कि माता का श्रृंगार फूल माला से किया जाएगा, जबकि उनके सोने के जेवर राजकोष से प्राप्त नहीं हुए. उन्होंने कहा कि कई दिन पूर्व ही आवेदन कर दिया था और उनकी तरफ से आवेदन स्वीकृति भी मिल चुकी थी, लेकिन सोमवार को हुए मीटिंग के बाद सोने के आभूषण देने से मना कर दिया गया.

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