चित्तौड़गढ़. जिले में गर्मी को आहट के साथ ही पेयजल संकट गहराने गहराने लगा है. इसके साथ ही अब आमजन भी पेयजल के अवैध दोहन को रोकने के लिए कमर कस चुका है. इसको लेकर अब आमजन सड़कों पर भी उतरने लगा है, जिसमें बुधवार को कपासन मार्ग पर हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड की और से अवैध तरीके से निजी नलकूप से जल दोहन किए जाने की सूचना पर आस-पास के ग्रामवासियों ने जिंक कॉलोनी के बाहर जम कर नारेबाजी की. इसकी सूचना मिलने पर तहसीलदार और अन्य अधिकारी मौके पर पहुंचे और मामले की जानकारी लेकर ग्रामीणों से समझाइश की. इस दौरान पुलिस का जाप्ता भी तैनात किया गया.
जानकारी के अनुसार चित्तौड़गढ़ के पुठोली में संचालित हो रहे हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड की ओर से प्लांट चलाने के लिए इन दिनों शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों से अलग-अलग नलकूपों से जल दोहन किया जा रहा है. इसके विरोध में कई जगहों पर प्रदर्शन भी किए गए हैं. बुधवार को कपासन मार्ग पर हिंदुस्तान जिंक कॉलोनी के गेस्ट हाउस के बाहर भी ग्रामीणों ने निजी ट्यूबवेल से जल दोहन किए जाने का विरोध करते हुए जिंक गेस्ट हाउस के गेट को बंद कर दिया. हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड के खिलाफ जम कर नारेबाजी की. इसकी सूचना मिलने पर तहसीलदार शिवसिंह सहित अन्य मौके पर पहुंचे और मामले की जानकारी ली. इसके साथ ही तहसीलदार ने नारेबाजी कर रहे आसपास के ग्रामवासियों से भी बातचीत की और उन्हें भरोसा दिलाया कि अवैध तरीके से जल दोहन कर रहे उद्योग संचालकों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
तहसीलदार शिवसिंह ने बताया कि पिछले 2 दिनों से ग्रामीणों की शिकायत के बाद कई ट्यूबेल चिन्हित किए गए हैं और कई निजी कनेक्शन से व्यवसायिक मोटर भी चलाई जा रही थी, जिनसे जलदोहन हो रहा था. उन्होंने बताया कि सभी को चिन्हित कर कार्रवाई की जा रही है. वहीं इस बारे में ग्रामीणों का कहना है कि हिंदुस्तान जिंक द्वारा आस-पास के कई गांव से निजी ट्यूबवेल से जल दोहन किया जा रहा है, जिसका विरोध कई बार प्रशासन के समक्ष भी किया जा चुका है और इस बार इस बारे में मंगलवार को जिला कलेक्टर के द्वारा एक निर्देश भी जारी किए हैं कि अवैध तरीके से जलदोहन करने पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी. बड़े पैमाने पर हो रहे जल दोहन से भूमिगत जल स्तर पर फर्क पड़ेगा.
गौरतलब है कि हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड की और से शहरी क्षेत्र के अलावा जिले के कई जगहों से निजी ट्यूबवेल से मोटी रकम देकर जल दोहन किया जा रहा है. इसके कारण आस-पास के जल स्रोत सूखने की स्थिति में आ गए हैं और इसी के चलते ग्रामवासियों ने जल दोहन का विरोध करना शुरू कर दिया है. अभी तो गर्मी की शुरुआत होनी बाकी है और पानी की कमी सामने दिखाई दे रही है.