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चित्तौड़गढ़ में दो और मगरमच्छ की मौत, ग्रामीणों में आक्रोश

चित्तौड़गढ़ में नगरी ग्राम पंचायत क्षेत्र से होकर बह रही बेड़च नदी के किनारे नगरी ग्राम पंचायत क्षेत्र में रविवार सुबह दो और मगरमच्छ की मौत हो गई है. इससे ग्रामीणों में आक्रोश फैल गया है.

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चित्तौड़गढ़ में दो और मगरमच्छ की मौत
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Published : Feb 7, 2021, 7:47 PM IST

चित्तौड़गढ़. जिले के नगरी ग्राम पंचायत क्षेत्र से होकर बह रही बेड़च नदी के किनारे नगरी ग्राम पंचायत क्षेत्र में रविवार सुबह दो और मगरमच्छ की मौत हो गई है. इससे ग्रामीणों में आक्रोश फैल गया है. इनमें एक छोटा मगरमच्छ भी है. वहीं 2 दिन पूर्व भी एक मृत मगरमच्छ मिला था, जिसके साथ ग्रामीणों ने कलेक्ट्रेट चौराहे पर विरोध प्रदर्शन किया था. ऐसे में अब तक तीन मगरमच्छ की मौत हो चुकी है. क्षेत्रवासी हिंदुस्तान जिंक प्लांट पर प्रदूषण फैलाने का आरोप लगा कर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.

चित्तौड़गढ़ में दो और मगरमच्छ की मौत

जानकारी के अनुसार रविवार सुबह ग्रामीणों ने नगरी क्षेत्र में बेड़च नदी के किनारे अलग-अलग स्थानों पर दो मृत मगरमच्छ और देखें इसके बाद कई ग्रामीण मौके पर पहुंचे हैं. भाजपा के बस्सी ग्रामीण मंडल अध्यक्ष भंवरसिंह सिंह खड़ी बावड़ी सहित अन्य लोग मौके पर पहुंचे और प्रशासन को इसकी सूचना दी गई. इन दोनों ही मगरमच्छ की मौत एक-दो दिन पहले हुई थीं. ऐसे में यह सड़े हुए थे और बदबू दे रहे थे. इस मामले की जानकारी मिलते ही क्षेत्र के लोगों में आक्रोश व्याप्त हो गया है और हिंदुस्तान जिंक प्लांट पर प्रदूषण फैलाने का आरोप लगाया है.

ग्रामीणों का कहना है कि हिंदुस्तान जिंक प्लांट की ओर से नदी में केमिकल युक्त पानी छोड़ा जा रहा है, जिसके कारण मगरमच्छ के साथ ही अन्य जलीय जीवो की मौत हो रही है. दो दिन पूर्व भी एक बड़े मगरमच्छ की मौत हो गई थी. वहीं आज दो अन्य मगरमच्छ मृत मिले हैं. इसके अलावा क्षेत्र में हजारों मछलियों की भी मौत हो चुकी है. इसे लेकर ग्रामीण आक्रोशित है और जिला प्रशासन को ही कदम नहीं उठा रहा है.

यह भी पढ़ें- पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों के लिए गहलोत सरकार जिम्मेदार: स्मृति ईरानी

ग्रामीणों ने चेताया है कि इस संबंध में उचित कार्रवाई नहीं होती है, तो आने वाले दिनों में ग्रामीण न्यायालय की शरण लेंगे. गौरतलब है कि शुक्रवार को भी नगरी क्षेत्र में एक बड़ा मृत मगरमच्छ मिला था. इसकी जानकारी जिला प्रशासन को दी, लेकिन कोई मौके पर नहीं पहुंचा. इस पर ग्रामीणों मृत मगरमच्छ को एक ऑटो में लेकर चित्तौड़गढ़ कलक्ट्रेट चौराहे पहुंच गए. यहां चौराहे पर मृत मगरमच्छ के साथ विरोध प्रदर्शन किया था. इस दौरान ग्रामीणों ने हिंदुस्तान जिंक नदी में केमिकल छोड़ने का आरोप लगाया था.

चित्तौड़गढ़. जिले के नगरी ग्राम पंचायत क्षेत्र से होकर बह रही बेड़च नदी के किनारे नगरी ग्राम पंचायत क्षेत्र में रविवार सुबह दो और मगरमच्छ की मौत हो गई है. इससे ग्रामीणों में आक्रोश फैल गया है. इनमें एक छोटा मगरमच्छ भी है. वहीं 2 दिन पूर्व भी एक मृत मगरमच्छ मिला था, जिसके साथ ग्रामीणों ने कलेक्ट्रेट चौराहे पर विरोध प्रदर्शन किया था. ऐसे में अब तक तीन मगरमच्छ की मौत हो चुकी है. क्षेत्रवासी हिंदुस्तान जिंक प्लांट पर प्रदूषण फैलाने का आरोप लगा कर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.

चित्तौड़गढ़ में दो और मगरमच्छ की मौत

जानकारी के अनुसार रविवार सुबह ग्रामीणों ने नगरी क्षेत्र में बेड़च नदी के किनारे अलग-अलग स्थानों पर दो मृत मगरमच्छ और देखें इसके बाद कई ग्रामीण मौके पर पहुंचे हैं. भाजपा के बस्सी ग्रामीण मंडल अध्यक्ष भंवरसिंह सिंह खड़ी बावड़ी सहित अन्य लोग मौके पर पहुंचे और प्रशासन को इसकी सूचना दी गई. इन दोनों ही मगरमच्छ की मौत एक-दो दिन पहले हुई थीं. ऐसे में यह सड़े हुए थे और बदबू दे रहे थे. इस मामले की जानकारी मिलते ही क्षेत्र के लोगों में आक्रोश व्याप्त हो गया है और हिंदुस्तान जिंक प्लांट पर प्रदूषण फैलाने का आरोप लगाया है.

ग्रामीणों का कहना है कि हिंदुस्तान जिंक प्लांट की ओर से नदी में केमिकल युक्त पानी छोड़ा जा रहा है, जिसके कारण मगरमच्छ के साथ ही अन्य जलीय जीवो की मौत हो रही है. दो दिन पूर्व भी एक बड़े मगरमच्छ की मौत हो गई थी. वहीं आज दो अन्य मगरमच्छ मृत मिले हैं. इसके अलावा क्षेत्र में हजारों मछलियों की भी मौत हो चुकी है. इसे लेकर ग्रामीण आक्रोशित है और जिला प्रशासन को ही कदम नहीं उठा रहा है.

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ग्रामीणों ने चेताया है कि इस संबंध में उचित कार्रवाई नहीं होती है, तो आने वाले दिनों में ग्रामीण न्यायालय की शरण लेंगे. गौरतलब है कि शुक्रवार को भी नगरी क्षेत्र में एक बड़ा मृत मगरमच्छ मिला था. इसकी जानकारी जिला प्रशासन को दी, लेकिन कोई मौके पर नहीं पहुंचा. इस पर ग्रामीणों मृत मगरमच्छ को एक ऑटो में लेकर चित्तौड़गढ़ कलक्ट्रेट चौराहे पहुंच गए. यहां चौराहे पर मृत मगरमच्छ के साथ विरोध प्रदर्शन किया था. इस दौरान ग्रामीणों ने हिंदुस्तान जिंक नदी में केमिकल छोड़ने का आरोप लगाया था.

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