चितौड़गढ़. कोरोना की दूसरी लहर कमजोर पड़ने के बाद राजस्थान सरकार लगातार अनलॉक कर रही है. पर्यटन केंद्रों को भी आमजन के लिए खोल दिया गया है. ऐसे में विश्वप्रसिद्ध चित्तौड़गढ़ दुर्ग पर पर्यटकों की आवक बढ़ी है.
पर्यटन गुलजार होने से दुर्ग की रौनक लौट आई है. दुर्ग क्षेत्र में पर्यटन से जुड़ा व्यवसाय करने वाले लोगों के चेहरे भी खिले हुए हैं. लेकिन कोरोना की तीसरी लहर की आशंकाओं के बीच यह पर्यटन संक्रमण का कारण भी बन सकता है.
राज्य सरकार लगातार लोगों को अलर्ट कर रही है. लेकिन लापरवाही हर पर्यटन स्थल पर नजर आ रही है. चित्तौड़गढ़ दुर्ग पर देसी पर्यटकों के पहुंचने का सिलसिला जारी है. रविवार को दुर्ग के तमाम पर्यटन केंद्रों पर सैलानियों की जबरदस्त आवक हो रही है. दुर्ग इलाके में पर्यटन से जुड़े गाइड, फोटोग्राफर सहित कई अन्य व्यवसायों से जुड़े लोग खुश हैं.
मौसम सुहाना और रविवार होने के कारण दुर्ग के कालिका माता मंदिर में भक्तों की भीड़ है. इसके अलावा फतेह प्रकाश, विजय स्तंभ, पद्मिनी महल सहित कई अन्य स्थलों पर भी पर्यटकों की भारी भीड़ है. सैलानियों में चित्तौड़गढ़ के इतिहास को जानने के प्रति ललक है. दूसरे राज्यों से आने वाले पर्यटकों का कहना है कि वे एक साल से भी ज्याादा समय से घरों में कैद थे, ऐसे में चित्तौड़गढ़ आकर दुर्ग देखना सुखद अनुभूति है.
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दुर्ग के चौकी प्रभारी एएसआई महेंद्र सिंह ने बताया कि रविवार होने के कारण पर्यटकों की भीड़ है. सभी स्पॉट पर विशेष निगाह रखी जा रही है. कोरोना गाइड लाइन की पालना करवाने के लिए भी विशेष निर्देश हैं.
दुर्ग पर गाइड के व्यवसाय से जुड़े अखिलेश टेलर ने बताया कि सालभर से यहां पर्यटन व्यवसाय ठप्प पड़ा था. अब सैलानियों की अच्छी आवक हो रही है. ऐसे में पर्यटन व्यवसाय से जुड़े लोगों की आमदनी हो रही है. यह अच्छी बात है.
सरकार ने कोरोना की दूसरी लहर कमजोर होने के बाद तमाम तरह की सहूलियतें दी हैं. धार्मिक और पर्यटन स्थल खोल दिये हैं. लेकिन दुर्ग पर आ रही भीड़ के कारण कोरोना गाइड लाइन टूटती नजर आ रही है.ऐसे में कोरोना संक्रमण दोबारा बढ़ने की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता.