चित्तौड़गढ़. प्रदेश के सरकारी कर्मचारी खाद्य सुरक्षा योजना (National Food Security Act) के तहत मिलने वाले गेहूं में सेंधमारी करने से नहीं चूक रहे (Fraud in NFSA) हैं. इसका पता तब चला, जब राजस्थान गवर्नमेंट हेल्थ स्कीम (आरजीएचएस) को जनाधार से लिंक किया गया. इसमें 27911 कार्मिक सामने आए हैं, जो फर्जीवाड़ा करने से नहीं चूके. अब इनसे रिकवरी की जाएगी.
जन आधार कार्ड से लिंक करने पर पता चला कि बड़ी संख्या में कर्मचारी और पेंशनर खाद्य सुरक्षा योजना का गेहूं उठा रहे हैं. यहां तक कि कोरोना काल में केंद्र सरकार की ओर से निशुल्क गेहूं का भी लाभ उठाने से नहीं चूके. सरकार ने जब इस प्रकार के कर्मचारियों की जांच की, तो ऐसे 27911 कार्मिक सामने आए. इनमें सर्वाधिक कर्मचारी जयपुर से हैं जहां 3359, तो अलवर में 3232 और उदयपुर से 2326 कर्मचारियों का खाद्य सुरक्षा का गेहूं उठाना पाया गया.
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चित्तौड़गढ़ से 490 लोगों की सूची सामने आई, जिन्हें खाद्य विभाग ने नोटिस जारी किए गए हैं. इनसे करीब 50 करोड़ रुपए से अधिक की रिकवरी होने का अनुमान है. खाद्य विभाग के अनुसार ये लोग सालों से योजना का लाभ उठा रहे हैं. इनका जिला स्तर पर कैलकुलेशन किया गया और रिकवरी राशि निकाली गई. जिले से करीब 1 करोड़ रुपए की रिकवरी होने की संभावना है. अब तक 150 परिवारों से 30 लाख 79 हजार 443 रुपए की वसूली की जा चुकी है.
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इन कर्मचारियों और पेंशनर से प्रति किलो 27 रुपए के हिसाब से रिकवरी की जा रही है. प्रवर्तन अधिकारी हितेश जोशी के अनुसार आरजीएसएस और जन आधार कार्ड को लिंक करने पर कर्मचारियों और सेवानिवृत्त कर्मचारियों द्वारा खाद्य सुरक्षा का लाभ उठाए जाने का खुलासा हुआ. विभाग की ओर से ऐसे 490 लोगों की सूची भेजी गई. उपखंड स्तर पर संबंधित लोगों की सूची भेज कर वसूली करने के संबंध में नोटिस जारी किए गए हैं. अब तक 150 लोगों से रिकवरी हो चुकी है.