चित्तौड़गढ़. जिले में पेयजल संकट के हालात गंभीर होते जा रहे हैं. चित्तौड़गढ़ जिले में प्रमुख जल स्त्रोत लगातार खाली होते जा रहे हैं. इसे देखते हुए जिला प्रशासन शहर में अब हर तीसरे दिन पानी सप्लाई करने की तैयारी कर रहा है. 15 जनवरी से यह नई व्यवस्था लागू होने जा रही है.
इस संबंध में सहमति हासिल करने के लिए जिला कलेक्टर केके शर्मा ने विधायक चंद्रभान सिंह आक्या के साथ जलदाय विभाग और प्रशासनिक अधिकारियों के साथ बैठक के बाद शहर में जलापूर्ति 2 दिन के अंतराल में कराने का निर्णय किया है. बैठक के निर्णय अनुसार घोसुंडा बांध के भराव क्षेत्र में किसानों को सिंचाई के लिए 10 जनवरी तक का समय दिया गया है. इसके बाद चित्तौड़गढ़ और भदेसर के उपखंड अधिकारी कार्रवाई के लिए अधिकृत होंगे. इसी प्रकार हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड का बांध से पानी कम किया गया है. हिंदुस्तान जिंक 15 जनवरी से 15 एमएलडी की बजाए 10 एमएलडी पानी ही ले पाएगा.
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शहर की जलापूर्ति बनाए रखने के लिए 15 जनवरी से 48 घंटे के अंतराल पर वाटर सप्लाई होगी. बैठक में अतिरिक्त जिला कलेक्टर मुकेश कुमार कलाल, जलदाय विभाग के अधीक्षण अभियंता सुनील कुमार गुप्ता, अधिशासी अभियंता सुरेश कुमार शेट्टी और ओपन अधिकारी श्यामसुंदर विश्नोई और भदेसर उपखंड अधिकारी अंजू शर्मा सहित कई जनप्रतिनिधि और अधिकारी मौजूद रहे.
बता दें कि इस बार घोसुंडा बांध में 423 मीटर के बदले मात्र 420 मीटर ही पानी की आवक हुई और मात्र 35% पानी भराव क्षमता के मुकाबले आया है. जबकि घोसुंडा बांध शहर की जलापूर्ति का प्रमुख स्त्रोत है.