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चित्तौड़गढ़ में सूर्य ग्रहण का असर रहेगा, सूतक के चलते बंद हुए मंदिरों के कपाट

चित्तौड़गढ़ में ग्रहण की वजह से बुधवार रात आठ बजते ही सभी मंदिरों के कपाट बंद हो गए. इसके साथ ही मंदिरों में पूजा, पाठ, आरती और श्रृंगार सहित सभी कार्य बंद हो गए. वहीं अब गुरुवार को ग्रहण खत्म होने के बाद ही मंदिरों के दर्शन पुनः शुरू होंगे.

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बंद हुए मंदिरों के कपाट
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Published : Dec 25, 2019, 10:43 PM IST

चित्तौड़गढ़. जिले में भी गुरुवार को सूर्य ग्रहण का असर रहेगा. ऐसे में ग्रहण शुरू होने से पहले ही जिले के सभी मंदिरों के कपाट बुधवार रात 8 बजे सूतक का समय शुरू होते ही बंद हो गए. इसके साथ ही मंदिरों में पूजा, पाठ, आरती और श्रृंगार सहित सभी कार्य बंद हो गए. अब गुरुवार को ग्रहण खत्म होने के बाद ही मंदिरों के दर्शन पुनः शुरू होंगे.

सूतक के चलते बंद हुए मंदिरों के कपाट

बता दें कि ग्रहण की वजह से बुधवार रात आठ बजते ही सूतक शुरू हो गया है. कई मंदिरों में तो 8 बजे के पहले ही आरती हो जाती है लेकिन श्री सांवलियाजी मंदिर में रात को 8.15 बजे आरती होती है. ऐसे में बुधवार को सायंकालीन आरती नहीं हो पाई. इसके अतिरिक्त शयन झांकी के दर्शन भी नहीं हुए.

पढ़ेंः भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के निर्वाचन में सभी 44 जिलाध्यक्षों का नहीं रहेगा मत

गुरुवार को अमावस्या के अवसर पर प्रातः 10:51 बजे सूर्य ग्रहण का मोक्ष होगा. इसके बाद मंदिर का शुद्धिकरण किया जाएगा और दर्शन 11:30 बजे खोले जाएंगे. इस अवसर पर भगवान के आंशिक आरती ही हो पाएगी. उसके बाद ही भगवान को भोग चढ़ाया जाएगा. श्रद्धालुओं को अमावस्या के मंगला आरती और राजभोग आरती के दर्शन नहीं हो पाएंगे. वहीं अमावस्या की प्रसादी बनाने का कार्य विधि शुरू होने के कारण प्रसाद वितरण में भी देरी होगी.

अमावस्या का मासिक मेला चतुर्दशी से भंडार खुलने के साथ आरंभ होगा. सांवलियाजी मंदिर के अलावा जिले के सभी मंदिर सुबह 11.30 बजे दर्शन के लिए खुलेंगे. हजारेश्वर महादेव मंदिर के महंत चंद्रभारती महाराज ने बताया कि पौष कृष्ण अमावस्या को सूर्य ग्रहण है. जो कि पूरे भारत मे कंकणाकृती के रूप में दिखेगा. वहीं ग्रहणकाल 2 घण्टे 51 मिनट का रहेगा.

पढ़ेंः अब भ्रष्ट अधिकारियों की खैर नहीं, समय से पहले ही अधिकारियों और कर्मचारियों को रिटायरमेंट दे रहा रेलवे

उन्होंने बताया कि चंद्रग्रहण के समय किया हुआ जप लाख गुना फलदायी होता है और सूर्यग्रहण के समय किया हुआ जप 10 लाख गुना फलदायी होता है. ग्रहण के समय भगवान का चिंतन, जप, ध्यान करने पर उसका लाख गुना फल मिलता है. वहीं ग्रहण के समय सोने से रोग बढ़ते हैं.

चित्तौड़गढ़. जिले में भी गुरुवार को सूर्य ग्रहण का असर रहेगा. ऐसे में ग्रहण शुरू होने से पहले ही जिले के सभी मंदिरों के कपाट बुधवार रात 8 बजे सूतक का समय शुरू होते ही बंद हो गए. इसके साथ ही मंदिरों में पूजा, पाठ, आरती और श्रृंगार सहित सभी कार्य बंद हो गए. अब गुरुवार को ग्रहण खत्म होने के बाद ही मंदिरों के दर्शन पुनः शुरू होंगे.

सूतक के चलते बंद हुए मंदिरों के कपाट

बता दें कि ग्रहण की वजह से बुधवार रात आठ बजते ही सूतक शुरू हो गया है. कई मंदिरों में तो 8 बजे के पहले ही आरती हो जाती है लेकिन श्री सांवलियाजी मंदिर में रात को 8.15 बजे आरती होती है. ऐसे में बुधवार को सायंकालीन आरती नहीं हो पाई. इसके अतिरिक्त शयन झांकी के दर्शन भी नहीं हुए.

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गुरुवार को अमावस्या के अवसर पर प्रातः 10:51 बजे सूर्य ग्रहण का मोक्ष होगा. इसके बाद मंदिर का शुद्धिकरण किया जाएगा और दर्शन 11:30 बजे खोले जाएंगे. इस अवसर पर भगवान के आंशिक आरती ही हो पाएगी. उसके बाद ही भगवान को भोग चढ़ाया जाएगा. श्रद्धालुओं को अमावस्या के मंगला आरती और राजभोग आरती के दर्शन नहीं हो पाएंगे. वहीं अमावस्या की प्रसादी बनाने का कार्य विधि शुरू होने के कारण प्रसाद वितरण में भी देरी होगी.

अमावस्या का मासिक मेला चतुर्दशी से भंडार खुलने के साथ आरंभ होगा. सांवलियाजी मंदिर के अलावा जिले के सभी मंदिर सुबह 11.30 बजे दर्शन के लिए खुलेंगे. हजारेश्वर महादेव मंदिर के महंत चंद्रभारती महाराज ने बताया कि पौष कृष्ण अमावस्या को सूर्य ग्रहण है. जो कि पूरे भारत मे कंकणाकृती के रूप में दिखेगा. वहीं ग्रहणकाल 2 घण्टे 51 मिनट का रहेगा.

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उन्होंने बताया कि चंद्रग्रहण के समय किया हुआ जप लाख गुना फलदायी होता है और सूर्यग्रहण के समय किया हुआ जप 10 लाख गुना फलदायी होता है. ग्रहण के समय भगवान का चिंतन, जप, ध्यान करने पर उसका लाख गुना फल मिलता है. वहीं ग्रहण के समय सोने से रोग बढ़ते हैं.

Intro:चित्तौड़गढ़। जिले में भी गुरुवार को सूर्य ग्रहण का असर रहेगा। ऐसे में ग्रहण शुरू होने से पहले ही जिले के सभी मंदिरों के कपाट बुधवार रात 8 बजे सूतक का समय शुरू होते ही बंद हो गए। इसके साथ ही मंदिरों में पूजा, पाठ, आरती व श्रृंगार सहित सभी कार्य बंद हो गए। अब गुरुवार को ग्रहण खत्म होने के बाद मंदिरों के दर्शन पुनः शुरू होंगे।
Body:जानकारी में आया है कि ग्रहण की वजह से बुधवार रात आठ बजते ही सूतक शुरू हो गया। कई मंदिरों में तो 8 बजे पहले ही आरती हो जाती है लेकिन श्री सांवलियाजी मंदिर में रात को 8.15 बजे आरती होती है। ऐसे में बुधवार को सायंकालीन आरती नहीं हो पाई। इसके अतिरिक्त शयन झांकी के दर्शन भी नहीं हुवे। गुरुवार को अमावस्या के अवसर पर प्रातः 10:51 बजे सूर्य ग्रहण का मोक्ष होगा। इसके बाद मंदिर का शुद्धिकरण किया जाएगा तथा दर्शन 11:30 बजे खोले जाएंगे। इस अवसर पर भगवान के आंशिक आरती ही हो पाएगी। उसके बाद ही भगवान को भोग चढ़ाया जाएगा। श्रद्धालुओं को अमावस्या के मंगला आरती व राजभोग आरती के दर्शन नहीं हो पाएंगे। इधर, अमावस्या की प्रसादी बनाने का कार्य विधि शुरू होने के कारण प्रसाद वितरण में भी देरी होगी। अमावस्या का मासिक मेला चतुर्दशी से भंडार खुलने के साथ आरंभ होगा। श्री साँवलियाजी मंदिर के अलावा जिले के सभी गुरुवार सुबह 11.30 बजे दर्शन के लिए खुलेंगे। इधर, हजारेश्वर महादेव मंदिर के महंत चंद्रभारती महाराज ने बताया कि पौष कृष्ण अमावस्या को सूर्य ग्रहण है जो कि पूरे भारत मे कंकणाकृती के रूप में दिखेगा। ग्रहणकाल 2 घण्टे 51 मिनट का रहेगा। उन्होंने बताया कि चंद्रग्रहण के समय किया हुआ जप लाख गुना फलदायी होता है और सूर्यग्रहण के समय किया हुआ जप 10 लाख गुना फलदायी होता है l ग्रहण के समय भगवान का चिंतन, जप, ध्यान करने पर उसका लाख गुना फल मिलता है। ग्रहण के समय सोने से रोग बढ़ते हैं।Conclusion:बाइट - 01. पंकज वैष्णव, पुजारी श्री सांवलियाजी मंदिर
02. महंत चंद्रभारती महाराज, हजारेश्वर महादेव मंदिर चितौड़गढ़
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