चित्तौड़गढ़. जिले में भी गुरुवार को सूर्य ग्रहण का असर रहेगा. ऐसे में ग्रहण शुरू होने से पहले ही जिले के सभी मंदिरों के कपाट बुधवार रात 8 बजे सूतक का समय शुरू होते ही बंद हो गए. इसके साथ ही मंदिरों में पूजा, पाठ, आरती और श्रृंगार सहित सभी कार्य बंद हो गए. अब गुरुवार को ग्रहण खत्म होने के बाद ही मंदिरों के दर्शन पुनः शुरू होंगे.
बता दें कि ग्रहण की वजह से बुधवार रात आठ बजते ही सूतक शुरू हो गया है. कई मंदिरों में तो 8 बजे के पहले ही आरती हो जाती है लेकिन श्री सांवलियाजी मंदिर में रात को 8.15 बजे आरती होती है. ऐसे में बुधवार को सायंकालीन आरती नहीं हो पाई. इसके अतिरिक्त शयन झांकी के दर्शन भी नहीं हुए.
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गुरुवार को अमावस्या के अवसर पर प्रातः 10:51 बजे सूर्य ग्रहण का मोक्ष होगा. इसके बाद मंदिर का शुद्धिकरण किया जाएगा और दर्शन 11:30 बजे खोले जाएंगे. इस अवसर पर भगवान के आंशिक आरती ही हो पाएगी. उसके बाद ही भगवान को भोग चढ़ाया जाएगा. श्रद्धालुओं को अमावस्या के मंगला आरती और राजभोग आरती के दर्शन नहीं हो पाएंगे. वहीं अमावस्या की प्रसादी बनाने का कार्य विधि शुरू होने के कारण प्रसाद वितरण में भी देरी होगी.
अमावस्या का मासिक मेला चतुर्दशी से भंडार खुलने के साथ आरंभ होगा. सांवलियाजी मंदिर के अलावा जिले के सभी मंदिर सुबह 11.30 बजे दर्शन के लिए खुलेंगे. हजारेश्वर महादेव मंदिर के महंत चंद्रभारती महाराज ने बताया कि पौष कृष्ण अमावस्या को सूर्य ग्रहण है. जो कि पूरे भारत मे कंकणाकृती के रूप में दिखेगा. वहीं ग्रहणकाल 2 घण्टे 51 मिनट का रहेगा.
उन्होंने बताया कि चंद्रग्रहण के समय किया हुआ जप लाख गुना फलदायी होता है और सूर्यग्रहण के समय किया हुआ जप 10 लाख गुना फलदायी होता है. ग्रहण के समय भगवान का चिंतन, जप, ध्यान करने पर उसका लाख गुना फल मिलता है. वहीं ग्रहण के समय सोने से रोग बढ़ते हैं.