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चित्तौड़गढ़ः कपासन में शिक्षक घर-घर जाकर जगा रहे शिक्षा की अलख...

कोरोना की वजह से कई महीनों से स्कूल-कॉलेज बंद पड़े हैं. ऐसी स्थिति में कपासन के सिंहपुर में शिक्षक विद्यार्थियों के घर-घर जाकर और नुक्कड़ों कक्षाओं की सहायता से पढ़ा रहे हैं. जिससे बच्चों में शिक्षा की रूचि खत्म ना हो.

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Published : Oct 11, 2020, 4:38 PM IST

राजस्थान के विद्यार्थी, student of rajasthan
घर-घर जाकर पढ़ा रहे शिक्षक

कपासन (चित्तौड़गढ़). कोरोना महामारी के चलते स्कूल और कॉलेज अभी भी बंद है. वहीं, गांव सिंहपुर में सरकारी शिक्षक विद्यार्थियों के घर-घर जा कर शिक्षा की अलख जगा रहे हैं. शिक्षकों की ओर से नुक्कड़ कक्षाओं के सहारे शिक्षा देने की तारीफ की जा रही है.

घर-घर जाकर पढ़ा रहे शिक्षक

बता दें कि सिंहपुर क्षेत्र में मुख्य रूप से भील समुदाय के बच्चे रहते हैं. जिनमें शिक्षा के प्रति रूचि कमतर रहती है. ऐसे में इन बच्चों में शिक्षा के प्रति रूचि पैदा करने का अत्यंत सराहनीय प्रयास शिक्षकों की ओर से किया जा रहा है जो प्रशंसनीय है.

पढ़ेंः बांसवाड़ा : बिजौर में ग्राम पंचायत भवन का शिलान्यास...

प्रधानाचार्य आनंद कुमार दीक्षित ने बताया कि शत प्रतिशत बालक बालिकाएं विद्यालय से जुड़े इसके लिए सभी ग्यारह वार्डों का घर-घर जाकर सर्वे करवाया गया. जिसमें सर्वाधिक अनामांकित और ड्राप आउट बालक वार्ड संख्या आठ में पाए गए. इस क्षेत्र में अभियान प्रारंभ किया गया जो दो तीन महीने जारी रखा जाएगा. जिससे बालकों में आधारभूत ज्ञान की वृद्धि होगी. जिससे बालक बालिकाओं की शिक्षा के प्रति रूचि बढ़ेगी.

पढ़ेंः 5 वोटों से हार...बस्सी के मतदान केंद्र तूंगा के बाहर कविता सैनी के समर्थक कर रहे पुनर्मतगणना की मांग, धरना जारी

व्याख्याता सुभाषचंद्र नंदवाना ने इसकी विस्तृत कार्य योजना तैयार कर शिक्षा की ज्योति घर-घर जलाने का अनूठा प्रयास किया. जिसके चलते प्रतिदिन दो घंटे बालक बालिकाओं का मार्गदर्शन किया जाता है. इस कार्य में आंचल शर्मा, लक्ष्मी चतुर्वेदी, बाबूलाल खटीक, बंशीलाल खटीक, उर्मिला त्रिपाठी सहित कई लोगों का सहयोग रहा.

कपासन (चित्तौड़गढ़). कोरोना महामारी के चलते स्कूल और कॉलेज अभी भी बंद है. वहीं, गांव सिंहपुर में सरकारी शिक्षक विद्यार्थियों के घर-घर जा कर शिक्षा की अलख जगा रहे हैं. शिक्षकों की ओर से नुक्कड़ कक्षाओं के सहारे शिक्षा देने की तारीफ की जा रही है.

घर-घर जाकर पढ़ा रहे शिक्षक

बता दें कि सिंहपुर क्षेत्र में मुख्य रूप से भील समुदाय के बच्चे रहते हैं. जिनमें शिक्षा के प्रति रूचि कमतर रहती है. ऐसे में इन बच्चों में शिक्षा के प्रति रूचि पैदा करने का अत्यंत सराहनीय प्रयास शिक्षकों की ओर से किया जा रहा है जो प्रशंसनीय है.

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प्रधानाचार्य आनंद कुमार दीक्षित ने बताया कि शत प्रतिशत बालक बालिकाएं विद्यालय से जुड़े इसके लिए सभी ग्यारह वार्डों का घर-घर जाकर सर्वे करवाया गया. जिसमें सर्वाधिक अनामांकित और ड्राप आउट बालक वार्ड संख्या आठ में पाए गए. इस क्षेत्र में अभियान प्रारंभ किया गया जो दो तीन महीने जारी रखा जाएगा. जिससे बालकों में आधारभूत ज्ञान की वृद्धि होगी. जिससे बालक बालिकाओं की शिक्षा के प्रति रूचि बढ़ेगी.

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