चित्तौड़गढ़. भक्त शिरोमणि अमरा भगत की तपोस्थली नरबदिया गांव स्थित अनगढ़ देव तीर्थ स्थल पर आगामी 1 जुलाई से सनातन चातुर्मास का आयोजन होगा. इसमें देश के कोने-कोने से साधु संत जुटेंगे. 90 दिन तक चलने वाले इस आयोजन में लगभग 15 से 20 लाख लोगों के शामिल होने की संभावना है. यह जानकारी चातुर्मास आयोजन समिति के अध्यक्ष रतनलाल गाडरी ने एक होटल में आयोजित पत्रकार वार्ता में दी.
उन्होंने बताया कि यह पूरा आयोजन राजसमंद जिले के कुंभलगढ़ स्थित सूरजकुंड आश्रम के संत अवधेश चैतन्य ब्रह्मचारी के सानिध्य में होगा. इसकी तैयारियां युद्धस्तर पर चल रही हैं. भूमि पूजन तथा ध्वज स्थापना सोमवार को होगी. चातुर्मास के पहले दिन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के आने की संभावना है. कोषाध्यक्ष प्रदीप लड्ढा और कार्यालय सचिव घनश्याम लाल गायरी ने बताया कि संतों के ठहराव के लिए 51 कुटिया का निर्माण होगा. प्रत्येक कुटिया में दो-दो संतों का प्रवास रहेगा.
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मुख्य संत अवधेश चैतन्य ब्रह्मचारी के लिए अलग से कुटिया का निर्माण होगा. प्रतिदिन आने वाले संतों के आवास की व्यवस्था अलग से की जाएगी, जिसमें संतों की कुटिया, यज्ञशाला, प्रवचन स्थल और भोजनशाला सभी वाटर प्रूफ बनाए जाएंगे. चातुर्मास के दौरान प्रतिदिन हवन, यज्ञ, दोपहर में प्रति सप्ताह अलग-अलग संतो और कथावाचकों के प्रवचन, कथा वाचन होगा. वहीं रात्रि में कीर्तन होगा. भूमि पूजन सोमवार को भारतीय दंडी स्वामी सन्यासी परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष ब्रह्म आश्रम महाराज तथा कैलाश टेकरी के संत ज्ञानानंद के सानिध्य में होगा. चातुर्मास के दौरान प्रतिदिन 5 से 10 हजार लोगों के भोजन की व्यवस्था रहेगी.
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समिति उपाध्यक्ष जिला परिषद सदस्य कैलाश चंद्र जाट ने बताया कि इस आयोजन को भव्य बनाने के लिए अलग-अलग समितियों का गठन किया गया, जिन्हें अलग-अलग कामों का दायित्व दिया गया है. संतों के लिए कुटिया निर्माण, भूमि समतलीकरण, टेंट व्यवस्था, भोजन, पार्किंग आदि व्यवस्थाओं पर चर्चा कर उन्हें अंतिम रूप दिया जा रहा है. सचिव भूपालसागर पंचायत समिति के प्रधान हेमेंद्र सिंह राणावत ने बताया कि इस पूरे आयोजन पर 15 से 20 करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान है जोकि जन सहभागिता से जुटाए जा रहे हैं. इसके लिए चित्तौड़गढ़, भीलवाड़ा, राजसमंद, उदयपुर, प्रतापगढ़ विभिन्न सामाजिक संगठनों की बैठकें आयोजित धनराशि जुटाई जा रही है.