चित्तौड़गढ़. राज्यसभा सांसद राजेंद्र गहलोत ने राज्य की अशोक गहलोत सरकार को पूरी तरह से (Rajendra Gehlot commented on Ashok Gehlot) असमंजस से भरी सरकार करार दिया है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस के अंतरकलह के चलते कानून व्यवस्था लचर हो चुकी है तो बेरोजगार दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर हैं. बेमौसम बारिश से किसानों को भारी नुकसान हुआ है और लंपी रोग से गोवंशों की मौत हो रही है लेकिन उन्हें इसकी चिंता नहीं है. वह केवल अपनी कुर्सी बचाने के प्रयास में लगे हैं.
राजेंद्र गहलोत शनिवार को चित्तौड़गढ़ अर्बन कोऑपरेटिव बैंक लिमिटेड की ओर आयोजित समिट में (Chittorgarh Urban Cooperative Bank Limited summit) भाग लेने आए थे. इस दौरान ईटीवी भारत से बातचीत में उन्होंने कहा कि पिछले 4 सालों में प्रदेश के विकास की ओर ध्यान नहीं दिया गया है. कानून व्यवस्था आउट ऑफ कंट्रोल हो चुकी है. सड़क शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे आधारभूत ढांचे का विकास सरकार (Rajendra Gehlot in Chittorgarh) भूल चुकी है. एक सवाल पर उन्होंने कहा कि चुनाव के दौरान जो जनता से वादे किए गए थे उन्हें गहलोत सरकार ने पूरा नहीं किया.
किसानों का लोन माफ करने का वादा किया गया था. बेरोजगारों को भत्ता देने का भी ऐलान किया गया लेकिन दोनों ही वादे पूरे नहीं किए गए. रीट परीक्षा में व्यापक धांधली सामने आई जो कि लाखों बच्चों के साथ विश्वासघात है. राजेंद्र गहलोत ने कहा कि यह सरकार पूरी तरह से अंतरकलह में डूबी हुई है और गहलोत अपनी कुर्सी बचाने के प्रयासों में जुटे हैं. यदि वह कहीं किसी प्रवास पर भी जाते हैं तो जयपुर आने के बाद मुख्यमंत्री रहेंगे या नही, खुद असमंजस में रहते हैं. उन्हें बेमौसम बारिश से किसानों को फसल के खराबे की चिंता नहीं है
लंपी वायरस गायें मर रही हैं उसकी चिंता नहीं है. अगर चिंता है तो केवल इस बात की है कि कौन मुख्यमंत्री रहेगा और कौन नहीं. सांसद ने महंगाई का ठीकरा राज्य सरकार पर फोड़ते हुए कहा कि केंद्र सरकार 80 करोड़ लोगों को मुफ्त में अनाज दे रही है जबकि राज्य सरकार अपने अंतरकलह में जनता को भूल चुकी है. राज्य सरकार को अपने गिरेबान में झांकने की नसीहत देते हुए उन्होंने पूछा कि आखिर उसने कितने नौजवानों को रोजगार दिया जबकि मोदी सरकार लाखों लोगों को रोजगार मुहैया करा रही है. विधानसभा चुनाव में चेहरे के सवाल पर उन्होंने कहा कि कमल का फूल ही हमारा चेहरा होगा.