चित्तौड़गढ़. जिले में शुक्रवार को जाट समाज के लोक देवता वीर तेजाजी का जमोत्सव तेजा दशमी के रूप में सादगी के साथ मनाया गया. कोरोना महामारी के चलते आयोजन के दौरान ना तो भीड़ इकट्ठी होने दी गई और ना ही जुलूस निकाला गया. जिला मुख्यालय पर निकलने वाला सबसे बड़ा जुलूस भी स्थगित रहा.
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गौरतलब है कि चित्तौड़गढ़ जिले में तेजाजी लोक देवता के रूप में पूजे जाते हैं और वीर तेजाजी का जन्मोत्सव हर साल सभी समाजों की ओर से मनाया जाता रहा है. शहर के साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में भी कई आयोजन होते हैं. जाट समाज की ओर से जिला मुख्यालय पर जुलूस निकालकर सभा का आयोजन भी किया जाता रहा है. इस साल शुक्रवार को जिला मुख्यालय पर वीर तेजाजी का जन्मदिन सादगी के साथ तेजा दशमी के रूप में मनाया गया और हर साल 3 दिन लगने वाले मेले को कोरोना के चलते इस साल स्थगित कर दिया गया.
शहर में सेंथी स्थित जाट छात्रावास में सादगी के साथ सोशल डिस्टेंसिंग की पालना करते हुए आयोजन किया गया. इसमें सेंथी स्थित जाट छात्रावास में तेजाजी मंदिर पर ध्वजा चढ़ाकर हवन इत्यादि किया गया. यहां दर्शन के लिए आने वाले प्रत्येक श्रद्धालु को सैनिटाइजर और मास्क उपलब्ध करवाए गए. यहां श्रद्धालुओं को प्रसाद के रूप में हलवा दिया गया. इस अवसर पर पुलिस उपाधीक्षक अमित सिंह, डेयरी चेयरमेन बद्रीलाल जाट, डॉ. रतनलाल, उदयपुर जाट समाज के जिलाध्यक्ष ओंकार वालिया, अखिल भारतीय जाट समाज के अध्यक्ष रतनलाल, मिट्ठू लाल जाट, गोवर्धनलाल जाट, जाट के समाज के अन्य पदाधिकारी और कार्यकर्ता मौजूद रहे.
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वहीं, शहर के प्रतापनगर के तेजाजी चौक स्थित तेजाजी मंदिर में भी सोशल डिस्टेंसिंग के साथ भक्तों ने दर्शन किए. इसके अलावा जिले के मूंगाणा सहित अन्य ग्रामीण क्षेत्रों में भी तेजाजी की जयंती आस्था और हर्षोल्लास के साथ मनाई गई. लेकिन, इस साल तेजाजी जयंती महोत्सव पर कोरोना संक्रमण का असर दिखाई दिया. लोग मास्क लगाए नजर आए और हर साल के मुकाबले इस साल श्रद्धालुओं की संख्या बेहद कम रही.