चित्तौड़गढ़. प्रदेश के शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा के बयान के बाद निजी स्कूल संचालक आक्रोशित है. जिला मुख्यालय पर सोमवार को निजी स्कूल संचालकों ने विरोध प्रदर्शन करते धरना दिया. शिक्षकों ने आगामी दिनों में उग्र आंदोलन की चेतावनी भी दी है. जानकारी का अनुसार, शिक्षा मंत्री डोटासरा ने बयान दिया था, जिसमें उन्होंने कहा कि जब 9 महीने से स्कूल नहीं खुली है, तो निजी स्कूलों को निशुल्क शिक्षा अधिनियम 2009 के तहत पढ़ने वाले बच्चों की पुनर्भरण राशि का भुगतान नहीं किया जाएगा.
स्कूल शिक्षा परिवार संगठन के आह्वान पर जिले के निजी स्कूल संचालकों के प्रतिनिधि सोमवार को कलेक्ट्रेट के बाहर अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गए. स्कूल शिक्षा परिवार के जिला प्रभारी विनोद कुमावत ने बताया कि सरकार निजी स्कूलों के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है. कोरोना की वजह से आधे से अधिक शैक्षणिक सत्र बीत चुका है. अब तक सरकार ने कक्षा 1 से 8 तक के बच्चों के लिए अभी तक सिलेबस की घोषणा नहीं की है. सरकार ने केवल सरकारी विद्यालय में पढ़ने वाले बच्चों के लिए वर्क बुक जारी की गई है, जिसके माध्यम से सरकारी स्कूलों में होमवर्क देने के नाम से कई जगह गुपचुप तरीके से कक्षाओं का संचालन किया जा रहा है.
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निजी विद्यालय संचालक विद्यालय के खोले जाने की घोषणा का इंतजार कर रहे हैं. साथ ही, विधानसभा चुनाव से पूर्व कांग्रेस के घोषणा पत्र में वादा किया गया था कि लघु एवं मध्यम दर्जे के स्कूलों के कल्याण के लिए प्राइवेट स्कूल कल्याण बोर्ड का गठन किया जाएगा. बोर्ड के माध्यम से छोटे बजट की ग्रामीण स्कूलों के संरक्षण और संवर्धन के प्रयास किए जाएंगे. लेकिन, सरकार बनने के 2 साल बीत जाने के बाद भी घोषणा पत्र में सम्मिलित वादे लागू नहीं हो पाए हैं.
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जिले के गैर सरकारी शिक्षण संस्थान संचालक संघ के जिलाध्यक्ष रमेश चंद्र शर्मा, उपाध्यक्ष पुरण गिरी गोस्वामी ने बताया कि स्कूल शिक्षा परिवार द्वारा उठाई गई मांगे जायज है. राज्य व्यापी आंदोलन के आह्वान का समर्थन करते हुए गैर सरकारी शिक्षण संस्थान संचालक संघ भी धरने में सम्मिलित है. स्कूल शिक्षा परिवार के जिलाध्यक्ष जगदीश सुथार ने कहा कि जब तक कांग्रेस अपने घोषणा पत्र में सम्मिलित छह प्रमुख मांगों को नहीं मान लेती है, तब तक धरना-प्रदर्शन जारी रहेगा. धरने में स्कूल शिक्षा परिवार के कोषाध्यक्ष विक्रम सिंह शक्तावत, महासचिव सत्यनारायण मेनारिया, प्रदेश उपाध्यक्ष अरुण मालवीय, नरेंद्र पुरोहित, चंद्र प्रकाश जोशी आदि मौजूद थे.