चित्तौड़गढ़. अमरा भगत की तपोस्थली अनगढ़ देव तीर्थ स्थल पर 1 जुलाई से होने वाले सनातन चतुर्मास की तैयारियों की शुरुआत भूमि पूजन और ध्वजारोहण के साथ हो गई. संत अवधेश चैतन्य ब्रह्मचारी, अखिल भारतीय दडी स्वामी संन्यासी परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष ब्रह्माश्रम महाराज के सानिध्य में भूमि पूजन एवं ध्वज स्थापना की गई.
विधि विधान के साथ 51 फीट ऊंचा ध्वज की स्थापना की गई और भूमि पूजन किया गया. 4 महीने तक चलने वाले इस अनूठे आयोजन के भूमि पूजन में यजमान के रूप में विजय सिंह चौहान, उकार लाल लौहार, भगवान लाल तिवारी, सुरेश चंद्र आचार्य, अनिल चण्डालिया, कैलाश चंद्र गाडरी आदि ने भाग लिया. अनगढ़ बावजी से सटे हुए परिसर में अग्नि कोण में भूमि पूजन संत ब्रह्माश्रम, ज्ञानानंद सरस्वती, कैलाश टेकरी, रघुरामाश्रम उबेश्वर उदयपुर, गोपालाश्रम ओम आश्रम वाना, सायरा लक्ष्मणजी महाराज के सानिध्य में किया गया. बाद में प्रस्तावित चातुर्मास परिसर में वैदिक मंत्रोचार के बीच 51 फीट ऊंचे ध्वज की स्थापना की गई.
इस अवसर पर संत समाज के अलावा पूर्व मंत्री श्री चंद कृपलानी, विधायक अर्जुनलाल जीनगर, मांडलगढ़ विधायक गोपाल लाल खंडेलवाल, उप जिला प्रमुख भूपेंद्र सिंह बडोली, प्रधान राशमी दिनेश बुनकर, सचिव भूपालसागर प्रधान हेमेंद्र सिंह राणावत, पूर्व विधायक मावली दलीचंद दांगी, सर्व समाज सनातन चातुर्मास सेवा समिति के अध्यक्ष रतनलाल गाडरी, उपाध्यक्ष जिला परिषद सदस्य कैलाश चंद्र जाट, कोषाध्यक्ष प्रदीप लड्ढा, कमलेश पुरोहित, निंबाहेड़ा प्रधान बगदीराम धाकड़, कार्यालय प्रमुख घनश्याम गायरी मौजूद रहे.
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कार्यक्रम के अंत में संतों का स्वागत अभिनंदन किया गया. इस अवसर पर ब्रह्माश्रम ने अपने प्रवचन में कहा कि मनुष्य अपने कर्म का फल भोगता है. कर्म के अनुरूप सुख-दुख भोगता है. इसलिए मनुष्य को सत्कर्म करना चाहिए. ज्ञानानंद महाराज द्वारा भी प्रवचन किए गए. विधायक जीनगर, कोषाध्यक्ष लड्ढा, मंडल अध्यक्ष विजय सिंह चौहान, भादसोड़ा सरपंच सुथार आदि ने भी विचार व्यक्त किए गए.